नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली सचिवालय में ध्वजारोहण किया. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पूरी दुनिया दो साल से कोरोना वायरस से जूझ रही है. पिछले 2 सालों से बहुत सी गतिविधियां बंद पड़ी हैं. लोग बीमार पड़े हैं. देश में कोरोना की तीसरी लहर है, जबकि दिल्ली में यह पांचवीं लहर है. दिल्ली ने कोरोना की सबसे ज्यादा मार झेली है. सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटें दिल्ली आती हैं, जब भी कोरोना का नया वैरिएंट आता है. सबसे ज्यादा इसका प्रभाव दिल्ली पर ही देखने को मिलता है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि अब सभी दिल्ली सरकार के दफ्तर में बाबा साहेब आंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तस्वीर लगाई जाएगी. नेताओं और मुख्यमंत्री की तस्वीर अब नहीं लगाई जाएंगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 100 फ़ीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी है. 85 फ़ीसदी लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक भी लगाई जा चुकी है. बूस्टर डोज तेजी से लगायी जा रही है. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पाबंदियां लगाई हुई हैं. पिछले दिनों कुछ लोग पाबंदियों को हटाने के लिए आए थे. इस दौरान उपराज्यपाल अनिल बैजल को कुछ प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें से उन्होंने कुछ माना और कुछ ठुकरा दिया. इसमें यह देखने को मिला कि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उपराज्यपाल से नाराजगी जाहिर की. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एलजी साहब बहुत अच्छे हैं. वह हम सभी की सेहत के लिए चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी होगा इन सभी पाबंदियों को हटाया जाएगा.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज के दिन हम सभी लोगों को याद करते हैं, जिन्होंने हमारे देश को आजादी दिलाने में अपना योगदान दिया, कुर्बानी दी. उन्होंने कहा लेकिन इनमें से दो स्वतंत्रता सेनानी ऐसे हैं, जिनसे मैं सबसे ज्यादा प्रभावित हूं वह शायद बाकी सब में एक हीरे की तरह चमकते हैं. उनमें एक बाबा साहेब आंबेडकर और दूसरे शहीद-ए-आजम भगत सिंह हैं, दोनों के रास्ते अलग थे, लेकिन दोनों की मंजिल और सपने एक थे. बाबा साहब अंबेडकर ने बहुत संघर्ष किया है. बाबासाहेब के जीवन से एक सीख जरूर मिलती है कि सपने देखो बड़े सपने देखो, देश के लिए देखो विकास के लिए देखो सभी सपनों को पूरा करने के लिए कायनात की सभी शक्तियां आपकी मदद में जुट जाती हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर का एक सपना था कि चाहे वह गरीब या अमीर का बच्चा हो सभी को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने अपनी जिंदगी में इन सभी मुश्किलों को उठाया था. पर क्या आज 75 साल आजादी के होने के बाद हम बाबासाहेब आंबेडकर के सपने को पूरा कर पाए. आज हम सभी शपथ लेते हैं कि बाबा साहेब का सपना हम पूरा करेंगे. बाबा साहेब ने जो सपना देखा था कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए उनके सपने को हम पूरा करेंगे. भारत तभी विकसित देश होगा जब हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी भारत तभी नंबर वन बनेगा जब हर बच्चा शिक्षित होगा.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर के सपने को पूरा करने के लिए पिछले 7 साल से दिल्ली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही है. वह किसी क्रांति से कम नहीं है. अमेरिका के राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आते हैं और उनकी पत्नी दिल्ली के शिक्षा की तारीफ करती हैं. यह हम सभी के लिए गर्व की बात है. दिल्ली में स्कूलों में शिक्षा की क्रांति वर्ष 2015 में शुरू हुई थी. शिक्षा का बजट बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया पहले शिक्षा का बजट करीब 5 से 6 फ़ीसदी हुआ करता था. उसके बाद शिक्षकों पर कार्य करना शुरू किया. शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण के लिए विदेशों भेजा जाने लगा जिसका नतीजा अब यह रहा कि इस वर्ष 12वीं क्लास में 99.69 फीसदी सरकारी स्कूल के बच्चों का रिजल्ट रहा है.
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वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब तीन चीजों पर काम कर रहा है. सरकारी स्कूल से जो बच्चे पढ़ रहे हैं उनके लिए हैप्पीनेस करिकुलम, एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम और देश भक्ति क्लास शुरू की है. इसके अलावा दिल्ली ने अब अपना बोर्ड शुरू किया है. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय बोर्ड के साथ समझौता किया है. दिल्ली में टीचर्स यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है. इसके जरिए पूरे देश के लिए बेहतर शिक्षक तैयार किए जाएंगे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि अब दिल्ली सरकार के सभी दफ्तरों में मुख्यमंत्री और नेताओं की तस्वीरें नहीं लगेंगी बल्कि शहीद भगत सिंह और बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर लगाई जाएंगी.