अयोध्या : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के चौथे दीपोत्सव कार्यक्रम को शुरू होने में कुछ ही घंटे का समय बचा है. मुख्य कार्यक्रम स्थल राम की पैड़ी सरयू घाट और राम कथा पार्क में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
राम नगरी अयोध्या में बीते 3 वर्षों से लगातार भगवान राम का राज्याभिषेक और दिव्य दीपोत्सव कार्यक्रम हो रहा है. साल 2020 में इस भव्य आयोजन का चौथा वर्ष है और इस बार 5 लाख 51 हज़ार दीप जलाकर एक बार फिर से एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की पूरी तैयारी है. इसके लिए 10,000 वॉलिंटियर्स तैयार किए गए हैं, जो दीपकों को जलाकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे. यह पूरा आयोजन राम की पैड़ी परिसर में होगा. इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है.
पूरी अयोध्या नगरी आज दूल्हन की तरह सजी है. दीपोत्सव कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. रंग बिरंगी रोशनी से पूरे अयोध्या जगमगा रही है. दीपोत्सव कार्यक्रम को दिव्य और भव्य बनाने के लिए देश के कोने-कोने से कलाकार अयोध्या पहुंचे हैं. आज अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से शोभायात्रा निकाली गई जो शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई रामकथा पार की ओर रवाना हो चुकी है. इस विशेष शोभायात्रा में क्या कुछ खास है? कहां-कहां से कलाकार आए हैं और किस तरह से आस्था और भक्ति के उल्लास में भक्त श्रद्धालु झूम रहे हैं.
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में चल रहे दीपोत्सव-2020 कार्यक्रम की पहली कड़ी में गुरुवार को भगवान श्रीराम की शोभायात्रा धर्मनगरी के प्रमुख मार्गों से होती हुई रामकथा पार्क की ओर रवाना हुई. इस दौरान श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखने को मिला. जयघोष व मंत्रोच्चारण से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया. शोभायात्रा में उस समय एक भावपूर्ण दृश्य उत्पन्न हो गया, जब यह शोभायात्रा राम जन्मभूमि के मुख्य द्वार पर पहुंची.
तिरंगा लहराकर हुआ स्वागत
यह शोभायात्रा जैसे ही राम जन्मभूमि के मुख्य द्वार पर पहुंची शोभायात्रा में शामिल कलाकार और राम भक्तों ने जय श्रीराम का उद्घोष किया और तिरंगा लहराकर भगवान राम को प्रणाम किया.
श्रद्धालुओं ने राम जन्मभूमि के गेट पर पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया गया, जिसके बाद शोभायात्रा आगे के लिए रवाना हुई. इस जनसैलाब को नियंत्रित करने के लिए जिले में प्रशासनिक व्यवस्था काफी चुस्त-दुरूस्त दिखी.
अयोध्या में स्वर्ग की अनुभूति
पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि अयोध्या के लिए आज बड़ा दिन है. यह एक अनूठा आयोजन है. इस आयोजन में भगवान राम की संस्कृति और परंपरा और उनके आदर्शों को पूरे देश-दुनिया में पहुंचाने का काम किया है. आज अयोध्या में स्वर्ग की अनुभूति हो रही है.
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस आयोजन में सिर्फ उन्हीं लोगों को आने की अनुमति मिलेगी, जिन्हें जिला प्रशासन ने आवश्यक पास जारी किए होंगे. बाहर से भीड़ अयोध्या न पहुंचे, इसके लिए 11 नवंबर की शाम से ही अयोध्या के सभी रास्ते बंद कर सिर्फ अयोध्या के लोगों को ही प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. इन सब दावों पर विश्वास करना इसलिए आसान नहीं लगता, क्योंकि 5 अगस्त को जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमि पूजन करने के लिए आए थे. उस वक्त भी कोरोना को लेकर बेहद सख्ती दिखाई गई थी. बावजूद इसके भूमि पूजन के दिन देर शाम लाखों लोगों की भीड़ तमाम सुरक्षा इंतजामों को धता बताकर राम की पैड़ी परिसर में इकट्ठा हो गई थी. ऐसे में इस बार इस दीपोत्सव कार्यक्रम से आम अयोध्या वासियों को दूर रखना प्रदेश सरकार और अयोध्या पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगी.
जनता को शामिल होने की अनुमति नहीं है. बावजूद इसके दूरदराज से लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए अयोध्या पहुंच गए हैं. राम की पैड़ी पर मौजूद संत महावीर दास ने बताया कि दीपोत्सव की परंपरा तो भारत में सदियों से चली आ रही है. लेकिन 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भगवान राम का मंदिर बन रहा है. इसलिए इस वर्ष का दीपोत्सव बेहद खास और अनूठा है. इसलिए हम इस दीपोत्सव देखने आए हैं. राम की पैड़ी पर मौजूद अंशुल गुप्ता ने भी कहा की इस तरह के आयोजन हमारी संस्कृति और परंपरा के संवाहक हैं. हम सौभाग्यशाली हैं कि अयोध्या में रहकर इस आयोजन के गवाह बनेंगे.