नीमच: मध्य प्रदेश के नीमच जिले के एक गांव में कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा व्यवधान की आशंका के चलते एक दलित दूल्हे की बारात पुलिस की सुरक्षा में निकाली गई. एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर मनासा थाना क्षेत्र के सरसी गांव में गुरुवार को पुलिस सुरक्षा में बारात निकाली गई. उन्होंने कहा कि दूल्हे के पिता फकीरचंद मेघवाल ने प्रशासन से शिकायत की थी कि गांव के कुछ प्रभावशाली लोग उनके बेटे राहुल की बारात में बाधा डाल सकते हैं.
मीणा समाज के लोगों की दहशत के चलते दलित युवक राहुल मेघवाल ने बारात निकलवाने के लिए पुलिस को आवेदन दिया था. इसके बाद पुलिस ने बाकायदा युवक की बारात बैंड बाजे के साथ निकलवायी. वहीं, दूल्हे ने घोड़ी पर बैठकर हाथ में संविधान की किताब (groom with constitution book in neemuch) भी ली हुई थी, जो काफी चर्चा का विषय बनी. गांव में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए पुलिस भी तैनात की गई.
मनासा थाने के प्रभारी कन्हैयालाल डांगी ने बताया कि बारात में बाधा की आशंका के चलते एहतियात के तौर पर बारात को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी. डांगी ने कहा, 'पुलिस द्वारा सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए और जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकाला गया. सभी ग्रामीणों ने सहयोग किया और कोई विरोध नहीं हुआ. ग्रामीणों ने कहा कि वे सभी सौहार्दपूर्वक रह रहे हैं.'
दूल्हे ने आरोप लगाया था कि कुछ ग्रामीणों ने उसके पिता को बारात नहीं निकालने की धमकी देते हुए कहा था कि यदि बारात निकाली गयी तो परिवार को गांव छोड़ना होगा. बहुजन समाज पार्टी के नेता राधेश्याम कमांडर ने कहा कि उन्हें राहुल मेघवाल से सूचना मिली थी कि वह कुछ दिन पहले 'बिंदोली' निकालना चाहते हैं और उन्होंने इस संबंध में पुलिस और प्रशासन से बात की है. बारात को स्थानीय भाषा में बिंदोली कहते हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में सागर जिले में बारात निकालने के बाद दलित दूल्हे के घर में पथराव व तोड़फोड़ करने के मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था.