नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इसे मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. 'साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा' (cyber safety and national security) पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि भारत में प्रौद्योगिकी को जमीनी स्तर पर ले जाया जा रहा है और अगर साइबर सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो यह देश के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.
उन्होंने कहा, 'हम सब जानते हैं कि साइबर सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है और यह भारत के विकास में कैसे योगदान दे सकती है. साइबर सुरक्षा के बिना भारत की प्रगति संभव नहीं है. साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है और मोदी नीत सरकार इसे मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.' गृह मंत्री ने कहा कि हर कोई जानता है कि 'साइबर स्पेस' का दुरुपयोग कोई नई बात नहीं है और विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध अक्सर देखे जाते हैं जिनमें मालवेयर हमले, फिशिंग, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमले, डेटा चोरी, ऑनलाइन आर्थिक धोखाधड़ी, बाल अश्लीलता शामिल हैं.' उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह के अपराध और बढ़ने की आशंका है.
बढ़ रहे हैं साइबर अपराध के मामले : शाह ने देश में साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या के आंकड़ों का भी हवाला दिया. गृह मंत्री ने कहा, '2012 में साइबर अपराध के कुल 3,377 मामले दर्ज किए गए थे और 2020 में यह संख्या बढ़कर 50,000 हो गई. जिन साइबर अपराधों की रिपोर्ट नहीं की गई, उनकी संख्या लाखों में हो सकती है. हम सबसे सुरक्षित साइबर माहौल बनाने के लिए संकल्पित हैं.'
शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने लगभग तीन साल पहले साइबर अपराध की सूचना दर्ज कराने के लिए पोर्टल शुरू किया था और अब तक विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध के 11 लाख मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, पोर्टल पर सोशल मीडिया से जुड़ी दो लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं. मंत्री ने कहा, 'आने वाले दिनों में यह और बढ़ने वाला है, क्योंकि वर्तमान में 80 करोड़ भारतीय ऑनलाइन सक्रिय हैं. यह एक बड़ी संख्या है और जैसे-जैसे डेटा की कीमतें कम होंगी, वैसे-वैसे अधिक उपयोगकर्ता होंगे.'
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शाह ने कहा कि सरकार डिजिटलीकरण की दिशा में प्रगति करना चाहती है लेकिन साथ ही देश में सुरक्षित साइबर माहौल सुनिश्चित करना चाहती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण हर भारतीय को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है और डिजिटलीकरण के कारण सशक्तिकरण और तकनीकी प्रगति हुई है. गृह मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के कारण देश में 130 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना का लाभ मिल रहा है.
उन्होंने कहा, 'भारत जैसे देश के लिए, यह एक बड़ी क्रांति है. 2014 से पहले, हम इसके बारे में नहीं सोच सकते थे क्योंकि देश में 60 करोड़ परिवार ऐसे थे जिनके पास कोई बैंक खाता नहीं था. डिजिटल रूप से लाभ स्थानांतरित करने के बारे में भूल जाएं उनके पास बैंक खाता तक नहीं था.'
(पीटीआई-भाषा)