गाजीपुरः जिले की सीजेएम कोर्ट में आज मुख्तार अंसारी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. मनोज राय हत्याकांड मामले में आज सीजेएम कोर्ट से बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ कस्टडी रिमांड जारी हुई. इस मामले में अब मुख्तार अंसारी को जेल में निरुद्ध माना जाएगा.
बता दें कि 24 जुलाई 2001 को बिहार के बक्सर के रहने वाले मनोज राय की हत्या गाजीपुर के मुहम्मदाबाद में हुई थी. मुहम्मदाबाद क्षेत्र में मनोज राय की ससुराल थी और उस समय मनोज राय मुख्तार अंसारी के साथ ठेकेदारी करता था. हत्या के करीब 22 साल बाद मनोज राय के पिता शैलेन्द्र राय ने मुहम्मदाबाद थाना में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
शैलेन्द्र राय का कहना था कि उनका पुत्र मनोज कुमार राय मुख्तार अंसारी के साथ ठेकेदारी करता था और कुछ टेंडर उसने मुख्तार अंसारी की जानकारी के बिना ले लिए थे जिससे मुख्तार अंसारी नाराज हो गया. 24 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी के साथ रहने वाले कुछ लोग मेरे बेटे को ये कहकर ले गए की विधायकजी ने तुमको बुलाया है. दूसरे दिन मेरे घर सूचना दे दी गयी कि मेरे पुत्र की हत्या कर दी गयी है.
उस समय मुझे ये बताया गया कि उसरी चट्टी कांड में झूठे ढंग से हमलावर दिखा दिया गया था और अखबारों में भी खबर छपवा दी गई. मुख्तार अंसारी के डर से मैंने मुंह बंद रखा पर अब 2022 में मुझे पता चला कि मुख्तार विधायक नहीं है तब मेरे परिवार में साहस आया और मैंने मुकदमा दर्ज कराया.
दरअसल, 15 जुलाई 2001 को मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के उसरी चट्टी पर मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला हुआ था जिसमें मुख्तार अंसारी के गनर समेत तीन की मौत हुई थी जिसमें मनोज राय के मारे जाने की भी बात सामने आयी थी पर अब मनोज राय के पिता का कहना है कि उस समय मेरे बेटे की मौत की झूठी अफवाह फैलायी गयी थी जबकि मेरे बेटे की हत्या 24 जुलाई 2001 मुख्तार अंसारी द्वारा कराई गई थी. आज इसी मामले में मुख्तार अंसारी वीसी के जरिये पेशी हुई. इस मामले की अब 27 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.
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