लखनऊ/प्रयागराज : असद के एनकाउंटर से लेकर उसके सुपुर्द-ए-खाक होने तक लखनऊ जेल में बंद अतीक अहमद का सबसे बड़ा बेटा उमर बेचैन दिखा. सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को उमर ने जेल में लगे टीवी पर अपने छोटे भाई के जनाजे की लाइव तस्वीर दिखाने की जिद की थी. हालांकि उसे इसकी इजाजत नहीं दी गई. इसके बाद उसने न ही खाना खाया और न ही बैरक से बाहर कदम रखा. लखनऊ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि उमर दो दिनों से काफी परेशान है. कई बार वह सेल के किनारे बैठकर रोते हुए भी देखा गया है.
खाना नहीं खा रहा उमर : व्यापारी के अपहरण केस में लखनऊ जेल में बंद अतीक अहमद का बड़ा बेटा उमर अपने भाई की मौत के बाद बेचैन है. गुरुवार को असद के एनकाउंटर के करीब 2 घंटे बाद जब उमर को इसकी जानकारी हुई तो वह छटपटाने लगा. उसने रात का खाना भी नहीं खाया. सूत्रों के मुताबिक, उमर ने शुक्रवार को पूरे दिन में एक बार भी कुछ नहीं खाया और बैरक में ही एक कोने में बैठा रहा. कई बार उसे रोते हुए भी देखा गया. फिलहाल जेल प्रशासन उसकी मॉनिटरिंग कर रहा है, ताकि खाना न खाने से उसकी तबीयत न खराब हो जाए.
कैमरे की निगरानी में है उमर : लखनऊ जेल के वरिष्ठ अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि, उमर अहमद हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है. 24 घंटे उस पर कैमरे से नजर रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि यदि वह खाना नहीं खाता है तो डॉक्टर की देखरेख में हम उसे लिक्विड फूड देंगे, ताकि उसका स्वास्थ्य न खराब हो सके. उन्होंने बताया कि बीते दो दिनों से वो काफी बेचैन दिखा है.
टीवी पर आखिरी बार असद को देखना चाहता था उमर : सूत्रों के अनुसार शनिवार को जब असद की बॉडी झांसी से प्रयागराज लाई गई तो उमर अहमद ने जेल कर्मी से उसकी लाइव वीडियो और तस्वीरें दिखाने के लिए उसे टीवी के पास ले जाने के लिए कहा. उमर न्यूज चैनल पर असद के सुपुर्द-ए-खाक को देखना चाहता था. हालांकि हाई सिक्योरिटी सेल में बंद बंदियों को टीवी देखने की इजाजत नहीं होती है. ऐसे में उसे मना कर दिया गया. इसके बाद वह बैरेक में ही जोर-जोर से रोने लगा.
8 महीनों से लखनऊ जेल में बंद है उमर : माफिया अतीक का बड़ा बेटा उमर अहमद 23 अगस्त 2022 से लखनऊ जेल में बंद है. उस पर 2018 में लखनऊ के व्यापारी मोहित जायसवाल का अपहरण कर देवरिया जेल में ले जाकर पिटाई करने और उसकी संपत्तियों को जबरन ट्रांसफर कराने का आरोप था. सीबीआई ने उस पर 2 लाख का इनाम घोषित किया था. इसके बाद उसने लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया था.
बता दें कि प्रयागराज के उमेश पाल मर्डर केस में मुख्य आरोपी असद अहमद के एनकाउंटर के बाद अब उसके शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. मस्जिद में आखिरी नमाज के बाद शव को लेकर करीबी कब्र तक पहुंचे. वहां पर शव को पहले से बनाए गए कब्र में दफना दिया गया. असद और गुलाम का बीते गुरुवार को झांसी में एनकाउंटर कर दिया गया था.
वहीं प्रयागराज में अतीक के वकील विजय मिश्रा ने बताया कि प्रशासन ने अंतिम संस्कार में पूरा सहयोग किया. अतीक और अशरफ की ओर से असद के अंतिम दर्शन के लिए अर्जी दी गई थी. हालांकि इसकी मंजूरी नहीं मिली. सुरक्षा व्यवस्था के कारण असद के शव को घर नहीं ले जाया जाया. वहीं असद के रिश्ते के नाना हामिद अली ने बताया कि अंतिम संस्कार का इंतजाम पहले से कर लिया गया था. प्रशासन चाहता तो अतीक को अंतिम बार असद को दिखा सकता था. हालांकि ये प्रशासन का फैसला है, हमें इसमें कोई एतराज नहीं है.
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