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फर्जी इनकम टैक्स अफसर अरेस्ट, UP के माफिया हाजी इकबाल की संपत्तियों के दस्तावेजों को लगाया था ठिकाने - हाजी इकबाल की 6 बीघा जमीन के दस्तावेज

Fake Joint Commissioner of Income Tax उत्तराखंड के विकासनगर में यूपी के खनन माफिया हाजी इकबाल की 6 बीघा जमीन के दस्तावेज उड़ाने वाले दो आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं. आरोपियों ने खुद इनकम टैक्स का फर्जी ज्वाइंट कमिश्नर बताया और विकासनगर तहसीलदार के जरिए राजस्व उप निरीक्षक डिंपल को मोहरा बना दिया. जिसके जरिए जमीन की खाता खतौनी और रजिस्ट्री हासिल कर ली. आरोपियों ने सहारनपुर जेल से पूरा प्रपंच रचा था.

Fake Joint Commissioner of Income Tax
इनकम टैक्स के फर्जी अफसर गिरफ्तार
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Published : Jul 21, 2023, 7:01 PM IST

Updated : Jul 21, 2023, 7:28 PM IST

फर्जी इनकम टैक्स अफसर अरेस्ट

देहरादूनः उत्तर प्रदेश के खनन माफिया हाजी इकबाल अहमद की विकासनगर स्थित संपत्तियों की दस्तावेज मांगने वाले आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं. आरोपियों ने इनकम टैक्स का फर्जी ज्वाइंट कमिश्नर बनकर सरकारी अधिकारियों को कॉल कर जमीन संबंधी दस्तावेज मांगे थे. साथ ही जमीन रजिस्ट्री लेकर फरार हो गए थे. आज गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार हो गए. आरोपियों के कब्जे से 2 रजिस्ट्री, 2 सेल डीड, 2 फर्जी पहचान पत्र और भारत सरकार के दो फर्जी आई कार्ड बरामद किए गए हैं.

एक आरोपी हरियाणा में कर चुका एक्टिंगः पुलिस की मानें तो आरोपी ने यूपी के वांटेड आरोपी हाजी इकबाल की रजिस्ट्री लेकर भूमि का सौदा करना चाहते थे. आरोपी गगनदीप हरियाणा की फिल्मों में काम करता है. आरोपी पहले से ही एक्टिंग आती थी और फोन पर किसी को भी अधिकारी बनकर बेवकूफ बनाने का काम किया करता था. फिलहाल, आरोपियों की आपराधिक इतिहास खंगाली जा रही है. यह मामला हूबहू देहरादून में हुई सब रजिस्ट्री कार्यालय में बैनामा की चोरी की तरह ही था.

  • #खुलासा

    इनकम टैक्स का फर्जी ज्वाइंट कमिश्नर बनकर सरकारी अधिकारियों को कॉल कर जमीन सम्बंधी दस्तावेज मांगने वाले गैंग का #दून_पुलिस ने किया पर्दाफाश,

    02 अभियुक्तों ( गगनदीप कुमार व मुंतज़िर ) को विकासनगर पुलिस व SOG की संयुक्त टीम ने किया गिरफ्तार🔗।#UttarakhandPolice pic.twitter.com/jIhhzwpiwV

    — Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) July 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राजस्व उप निरीक्षक डिंपल को बनाया मोहराः बता दें कि बीती 13 जुलाई को विकासनगर तहसील के राजस्व उप निरीक्षक डिंपल ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें विकासनगर एसडीएम ने शाहपुर कल्याणपुर में एक भूमि की जांच करने के लिए आदेश दिया था. एसडीएम की ओर से बताया गया कि उनके फोन पर एक अन्य नंबर से कॉल आया था. जिसमें कॉलर ने खुद को ज्वाइंट कमिश्नर इनकम टैक्स देहरादून बताया. साथ ही अपना नाम कमल सिंह बताया और हाजी इकबाल की शाहपुर कल्याणपुर स्थित भूमि के संबंध में जांच प्रचलित होने की बात कही.

इतना ही नहीं आरोपियों ने छापेमारी की कार्रवाई के लिए इनकम टैक्स विभाग को भूमि से संबंधित दस्तावेजों की जानकारी मांगी ली. एसडीएम ने राजस्व उप निरीक्षक डिंपल को इनकम टैक्स ऑफिसर गुलशन कुमार के नाम से एक फोन नंबर दे दिया. साथ उन्हें जानकारी उपलब्ध कराने को कह दिया. जिसके बाद एसडीएम के आदेश पर वो डिंपल मौके पर गईं. गांव के लोगों से भूमि के संबंध में जानकारी ली और इनकम टैक्स ऑफिसर गुलशन कुमार को पूरी जानकारी दे दी.

उधर से फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर ने एसडीएम से संपर्क कर भूमि की खतौनी उपलब्ध कराने को कहा. जिस पर एसडीएम ने तहसील विकासनगर से खतौनी की हार्ड कॉपी उन्हें उपलब्ध कराई. इसके बाद राजस्व उप निरीक्षक डिंपल ने रजिस्ट्री उपलब्ध कराने के संबंध में एसडीएम को बताया. जिस पर एसडीएम ने उन्हें रजिस्ट्री की मूल प्रति सब रजिस्ट्रार कार्यालय विकासनगर से लेने को कहा.

इसके बाद जब एसडीएम ने व्यक्ति (इनकम टैक्स ऑफिसर) से फोन पर संपर्क किया तो व्यक्ति की बातें उन्हें कुछ संदिग्ध लगी. जिस पर उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों को इस संबंध में बताया. साथ ही देहरादून आयकर कार्यालय से कमल सिंह जॉइंट कमिश्नर और गुलशन कुमार इनकम टैक्स ऑफिसर के संबंध में जानकारी ली. जिस पर आयकर कार्यालय की ओर से बताया गया कि इस नाम और पदनाम के कोई अधिकारी व कर्मचारी उनके कार्यालय में नहीं हैं. यह सुन उनके होश उड़ गए.
ये भी पढ़ेंः भूमाफियाओं का कारनामाः फर्जी इनकम टैक्स अफसर बनकर हासिल किए करोड़ों की संपत्ति के काजगात, जानिए कैसे

विकासनगर एसडीएम को पता चला कि इन व्यक्तियों ने सरकारी अधिकारी बनकर धोखाधड़ी की है. साथ ही सरकारी दस्तावेज भी हासिल कर लिए. जिसके बाद राजस्व उप निरीक्षक डिंपल की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसओजी और थाना विकासनगर की संयुक्त टीम का गठन किया गया. पुलिस टीम को जानकारी मिली की गगनदीप जो जिला सहारनपुर का रहने वाला है. जो लोगों की प्रॉपर्टी के फर्जी कागजात बनाकर ठगी से लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर चुका है.

मुखबिर की सूचना पर पुलिस की टीम ने आरोपी गगनदीप को धर्मावाला चौक के पास विकासनगर से गिरफ्तार किया. पुलिस की पूछताछ में आरोपी गगनदीप ने धोखाधड़ी के काम में सहयोग करने वाले आरोपी का नाम मुंतजिर बताया. जो सहारनपुर का रहने वाला है. जिसे पुलिस की टीम ने विकासनगर के हरबर्टपुर से गिरफ्तार कर लिया. बताया जा रहा है कि आरोपी गगनदीप मूल रूप से सहारनपुर का रहने वाला है. जो जमीन की खरीद फरोख्त का काम करता है.

सहारनपुर जेल में गगनदीप की हाजी इकबाल के बेटे से हुई थी मुलाकातः देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि आरोपी गगनदीप पिछले साल सितंबर महीने में धोखाधड़ी के एक मामले में सहारनपुर से जेल गया था. जहां उसकी मुलाकात हाजी इकबाल बाला के बेटे अफजाल और उसके मुंशी वसीम से हुई थी. वसीम ने ही उसे बताया था कि उसके चाचा के बेटे जरीफ के नाम पर विकासनगर में 6 बीघा जमीन है, जो हाजी इकबाल बाला की है. जेल में ही आरोपी की मुलाकात महेश त्यागी से हुई. महेश त्यागी गैंग बनाकर फर्जी तरीके से लोगों को जमीन दिखाकर टोकन के रुपए लेकर फरार हो जाता था.

महेश त्यागी ने जेल में ही आरोपी की मुलाकात मुंतजीर से करवाई थी, जो अक्सर उससे मिलने जेल आता था. जिसके बाद मुंतजीर और आरोपी गगनदीप की दोस्ती हो गई. जेल से बाहर आने के बाद मुंतजिर के साथ मिलकर जरीफ के नाम पर हाजी इकबाल बाला की 6 बीघा जमीन को फर्जी तरीके से बेचने की योजना बनाई. जिसके लिए तहसील से भूमि के संबंध में जानकारी करनी थी और मुंतजिर को खरीदार लाने थे. भूमि से संबंधित कागजात हासिल करने के लिए आरोपी गनगनदीप और मुंतजीर ने योजना के मुताबिक पहले देहरादून में ज्वाइंट कमिश्नर इनकम टैक्स के संबंध में जानकारी ली.

उसके बाद ज्वाइंट कमिश्नर का फर्जी आई कार्ड बनाया. इसके बाद मुंतजीर, सचिन प्रधान नाम के एक व्यक्ति को जमीन के खरीददार के रूप में लाया और संयुक्त आयकर आयुक्त बताते हुए उससे आरोपी की मुलाकात कराई. आरोपी जमीन के एवज में सचिन प्रधान, भारत खारी और सेठ पाल से टोकन के रुपए 50 लाख लेने के संबंध में बात हुई. उसके बाद आरोपी संयुक्त आयकर आयुक्त बनकर एसडीएम विकासनगर को फोन कर हाजी इकबाल की शाहपुर की भूमि के संबंध में जांच प्रचलित होने की बात कही.

इसी कड़ी में भूमि संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा और मुंतजिर को फर्जी आयकर अधिकारी बनाकर उसका नंबर एसडीएम विकासनगर को दिया. जिस पर एसडीएम विकासनगर ने जमीन की प्रमाणित खाता खतौनी और रजिस्ट्री संबंधित अधिकारियों से दिलवाई. जमीन की रजिस्ट्री मिलने के बाद एक छाया प्रति मुंतजीर को दी गई थी, जिसके जरिए जमीन के फर्जी कागजात तैयार किए जाने थे, लेकिन गिरफ्तार हो गए.
ये भी पढ़ेंः देहरादून नगर निगम के रिकॉर्ड रूम और रजिस्ट्रार कार्यालय में है भूमाफिया की घुसपैठ, कई रिकॉर्ड हो चुके चोरी

फर्जी इनकम टैक्स अफसर अरेस्ट

देहरादूनः उत्तर प्रदेश के खनन माफिया हाजी इकबाल अहमद की विकासनगर स्थित संपत्तियों की दस्तावेज मांगने वाले आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं. आरोपियों ने इनकम टैक्स का फर्जी ज्वाइंट कमिश्नर बनकर सरकारी अधिकारियों को कॉल कर जमीन संबंधी दस्तावेज मांगे थे. साथ ही जमीन रजिस्ट्री लेकर फरार हो गए थे. आज गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार हो गए. आरोपियों के कब्जे से 2 रजिस्ट्री, 2 सेल डीड, 2 फर्जी पहचान पत्र और भारत सरकार के दो फर्जी आई कार्ड बरामद किए गए हैं.

एक आरोपी हरियाणा में कर चुका एक्टिंगः पुलिस की मानें तो आरोपी ने यूपी के वांटेड आरोपी हाजी इकबाल की रजिस्ट्री लेकर भूमि का सौदा करना चाहते थे. आरोपी गगनदीप हरियाणा की फिल्मों में काम करता है. आरोपी पहले से ही एक्टिंग आती थी और फोन पर किसी को भी अधिकारी बनकर बेवकूफ बनाने का काम किया करता था. फिलहाल, आरोपियों की आपराधिक इतिहास खंगाली जा रही है. यह मामला हूबहू देहरादून में हुई सब रजिस्ट्री कार्यालय में बैनामा की चोरी की तरह ही था.

  • #खुलासा

    इनकम टैक्स का फर्जी ज्वाइंट कमिश्नर बनकर सरकारी अधिकारियों को कॉल कर जमीन सम्बंधी दस्तावेज मांगने वाले गैंग का #दून_पुलिस ने किया पर्दाफाश,

    02 अभियुक्तों ( गगनदीप कुमार व मुंतज़िर ) को विकासनगर पुलिस व SOG की संयुक्त टीम ने किया गिरफ्तार🔗।#UttarakhandPolice pic.twitter.com/jIhhzwpiwV

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राजस्व उप निरीक्षक डिंपल को बनाया मोहराः बता दें कि बीती 13 जुलाई को विकासनगर तहसील के राजस्व उप निरीक्षक डिंपल ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें विकासनगर एसडीएम ने शाहपुर कल्याणपुर में एक भूमि की जांच करने के लिए आदेश दिया था. एसडीएम की ओर से बताया गया कि उनके फोन पर एक अन्य नंबर से कॉल आया था. जिसमें कॉलर ने खुद को ज्वाइंट कमिश्नर इनकम टैक्स देहरादून बताया. साथ ही अपना नाम कमल सिंह बताया और हाजी इकबाल की शाहपुर कल्याणपुर स्थित भूमि के संबंध में जांच प्रचलित होने की बात कही.

इतना ही नहीं आरोपियों ने छापेमारी की कार्रवाई के लिए इनकम टैक्स विभाग को भूमि से संबंधित दस्तावेजों की जानकारी मांगी ली. एसडीएम ने राजस्व उप निरीक्षक डिंपल को इनकम टैक्स ऑफिसर गुलशन कुमार के नाम से एक फोन नंबर दे दिया. साथ उन्हें जानकारी उपलब्ध कराने को कह दिया. जिसके बाद एसडीएम के आदेश पर वो डिंपल मौके पर गईं. गांव के लोगों से भूमि के संबंध में जानकारी ली और इनकम टैक्स ऑफिसर गुलशन कुमार को पूरी जानकारी दे दी.

उधर से फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर ने एसडीएम से संपर्क कर भूमि की खतौनी उपलब्ध कराने को कहा. जिस पर एसडीएम ने तहसील विकासनगर से खतौनी की हार्ड कॉपी उन्हें उपलब्ध कराई. इसके बाद राजस्व उप निरीक्षक डिंपल ने रजिस्ट्री उपलब्ध कराने के संबंध में एसडीएम को बताया. जिस पर एसडीएम ने उन्हें रजिस्ट्री की मूल प्रति सब रजिस्ट्रार कार्यालय विकासनगर से लेने को कहा.

इसके बाद जब एसडीएम ने व्यक्ति (इनकम टैक्स ऑफिसर) से फोन पर संपर्क किया तो व्यक्ति की बातें उन्हें कुछ संदिग्ध लगी. जिस पर उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों को इस संबंध में बताया. साथ ही देहरादून आयकर कार्यालय से कमल सिंह जॉइंट कमिश्नर और गुलशन कुमार इनकम टैक्स ऑफिसर के संबंध में जानकारी ली. जिस पर आयकर कार्यालय की ओर से बताया गया कि इस नाम और पदनाम के कोई अधिकारी व कर्मचारी उनके कार्यालय में नहीं हैं. यह सुन उनके होश उड़ गए.
ये भी पढ़ेंः भूमाफियाओं का कारनामाः फर्जी इनकम टैक्स अफसर बनकर हासिल किए करोड़ों की संपत्ति के काजगात, जानिए कैसे

विकासनगर एसडीएम को पता चला कि इन व्यक्तियों ने सरकारी अधिकारी बनकर धोखाधड़ी की है. साथ ही सरकारी दस्तावेज भी हासिल कर लिए. जिसके बाद राजस्व उप निरीक्षक डिंपल की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसओजी और थाना विकासनगर की संयुक्त टीम का गठन किया गया. पुलिस टीम को जानकारी मिली की गगनदीप जो जिला सहारनपुर का रहने वाला है. जो लोगों की प्रॉपर्टी के फर्जी कागजात बनाकर ठगी से लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर चुका है.

मुखबिर की सूचना पर पुलिस की टीम ने आरोपी गगनदीप को धर्मावाला चौक के पास विकासनगर से गिरफ्तार किया. पुलिस की पूछताछ में आरोपी गगनदीप ने धोखाधड़ी के काम में सहयोग करने वाले आरोपी का नाम मुंतजिर बताया. जो सहारनपुर का रहने वाला है. जिसे पुलिस की टीम ने विकासनगर के हरबर्टपुर से गिरफ्तार कर लिया. बताया जा रहा है कि आरोपी गगनदीप मूल रूप से सहारनपुर का रहने वाला है. जो जमीन की खरीद फरोख्त का काम करता है.

सहारनपुर जेल में गगनदीप की हाजी इकबाल के बेटे से हुई थी मुलाकातः देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि आरोपी गगनदीप पिछले साल सितंबर महीने में धोखाधड़ी के एक मामले में सहारनपुर से जेल गया था. जहां उसकी मुलाकात हाजी इकबाल बाला के बेटे अफजाल और उसके मुंशी वसीम से हुई थी. वसीम ने ही उसे बताया था कि उसके चाचा के बेटे जरीफ के नाम पर विकासनगर में 6 बीघा जमीन है, जो हाजी इकबाल बाला की है. जेल में ही आरोपी की मुलाकात महेश त्यागी से हुई. महेश त्यागी गैंग बनाकर फर्जी तरीके से लोगों को जमीन दिखाकर टोकन के रुपए लेकर फरार हो जाता था.

महेश त्यागी ने जेल में ही आरोपी की मुलाकात मुंतजीर से करवाई थी, जो अक्सर उससे मिलने जेल आता था. जिसके बाद मुंतजीर और आरोपी गगनदीप की दोस्ती हो गई. जेल से बाहर आने के बाद मुंतजिर के साथ मिलकर जरीफ के नाम पर हाजी इकबाल बाला की 6 बीघा जमीन को फर्जी तरीके से बेचने की योजना बनाई. जिसके लिए तहसील से भूमि के संबंध में जानकारी करनी थी और मुंतजिर को खरीदार लाने थे. भूमि से संबंधित कागजात हासिल करने के लिए आरोपी गनगनदीप और मुंतजीर ने योजना के मुताबिक पहले देहरादून में ज्वाइंट कमिश्नर इनकम टैक्स के संबंध में जानकारी ली.

उसके बाद ज्वाइंट कमिश्नर का फर्जी आई कार्ड बनाया. इसके बाद मुंतजीर, सचिन प्रधान नाम के एक व्यक्ति को जमीन के खरीददार के रूप में लाया और संयुक्त आयकर आयुक्त बताते हुए उससे आरोपी की मुलाकात कराई. आरोपी जमीन के एवज में सचिन प्रधान, भारत खारी और सेठ पाल से टोकन के रुपए 50 लाख लेने के संबंध में बात हुई. उसके बाद आरोपी संयुक्त आयकर आयुक्त बनकर एसडीएम विकासनगर को फोन कर हाजी इकबाल की शाहपुर की भूमि के संबंध में जांच प्रचलित होने की बात कही.

इसी कड़ी में भूमि संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा और मुंतजिर को फर्जी आयकर अधिकारी बनाकर उसका नंबर एसडीएम विकासनगर को दिया. जिस पर एसडीएम विकासनगर ने जमीन की प्रमाणित खाता खतौनी और रजिस्ट्री संबंधित अधिकारियों से दिलवाई. जमीन की रजिस्ट्री मिलने के बाद एक छाया प्रति मुंतजीर को दी गई थी, जिसके जरिए जमीन के फर्जी कागजात तैयार किए जाने थे, लेकिन गिरफ्तार हो गए.
ये भी पढ़ेंः देहरादून नगर निगम के रिकॉर्ड रूम और रजिस्ट्रार कार्यालय में है भूमाफिया की घुसपैठ, कई रिकॉर्ड हो चुके चोरी

Last Updated : Jul 21, 2023, 7:28 PM IST
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