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गोवध निषेध कानून पर कैबिनेट बैठक में करेंगे चर्चा: सीएम सिद्धारमैया - गोहत्या पर मंत्री बयान

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि वह गोवध निषेध कानून के बारे में कैबिनेट बैठक में चर्चा करेंगे.

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Published : Jun 5, 2023, 5:09 PM IST

दावणगेरे : कर्नाटक के पशुपालन मंत्री टी. वेंकटेश के बयान पर राज्य की राजनीति गरमाने लगी है. हाल ही में मंत्री वेंकटेश ने कहा था कि अगर भैंस और बैल काटे जा सकते हैं, तो गाय का वध क्यों नहीं किया जा सकता. इसके खिलाफ भाजपा मंगलवार को बेंगलुरु में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बना रही है, जिसमें सभी विधायकों, पूर्व मंत्रियों और प्रमुख भाजपा नेताओं के भाग लेने की संभावना है. वहीं, आज मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बजट सत्र की तारीख की घोषणा करने के साथ कैबिनेट बैठक में गोवध निषेध कानून पर चर्चा करने पर भी जोर दिया है.

गोवध विरोधी कानून पर फिर से विचार करने के संबंध में कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस पर मंत्रिमंडल में चर्चा करेंगे और अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है. सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य का बजट सात जुलाई को पेश किया जाएगा. कांग्रेस नीत सरकार द्वारा वित्त वर्ष के भीतर सभी पांच चुनावी गारंटी को लागू करने की दिशा में कदम उठाने के साथ अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि आवश्यक धन का आवंटन किस तरह होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल में अभी बजट पर चर्चा नहीं हुई है, लेकिन विधानसभा का सत्र तीन जुलाई से शुरू होगा और राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद सात जुलाई को बजट पेश किया जाएगा. सिद्धरमैया ने कहा, "हम बजट सत्र आहूत कर रहे हैं, जहां हम सात जुलाई को बजट पेश करेंगे. हम अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को लागू करने के लिए प्रावधान करेंगे."

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बजट के आकार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बजट की तैयारी बैठक शुरू होने के बाद ही वह इस मामले पर बोल पाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव से पहले पिछली सरकार द्वारा पेश किए गए बजट का आकार 3.08 लाख करोड़ रुपये था. बिजली दरों में 2.89 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी के मुद्दे पर सिद्धरमैया ने कहा कि यह फैसला सरकार ने नहीं, बल्कि कर्नाटक विद्युत विनियामक आयोग (केईआरसी) ने लिया है. उन्होंने कहा, "हम बिजली दरों में बढ़ोतरी का फैसला नहीं करते हैं. कर्नाटक बिजली विनियामक प्राधिकरण ने फैसला किया है. उसने पूर्व में यह निर्णय लिया था। हमने केवल इसे लागू किया है." इंदिरा कैंटीन के बारे में सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को इसे फिर से शुरू करने के लिए सभी तैयारियां करने का निर्देश दिया है.

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

दावणगेरे : कर्नाटक के पशुपालन मंत्री टी. वेंकटेश के बयान पर राज्य की राजनीति गरमाने लगी है. हाल ही में मंत्री वेंकटेश ने कहा था कि अगर भैंस और बैल काटे जा सकते हैं, तो गाय का वध क्यों नहीं किया जा सकता. इसके खिलाफ भाजपा मंगलवार को बेंगलुरु में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बना रही है, जिसमें सभी विधायकों, पूर्व मंत्रियों और प्रमुख भाजपा नेताओं के भाग लेने की संभावना है. वहीं, आज मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बजट सत्र की तारीख की घोषणा करने के साथ कैबिनेट बैठक में गोवध निषेध कानून पर चर्चा करने पर भी जोर दिया है.

गोवध विरोधी कानून पर फिर से विचार करने के संबंध में कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस पर मंत्रिमंडल में चर्चा करेंगे और अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है. सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य का बजट सात जुलाई को पेश किया जाएगा. कांग्रेस नीत सरकार द्वारा वित्त वर्ष के भीतर सभी पांच चुनावी गारंटी को लागू करने की दिशा में कदम उठाने के साथ अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि आवश्यक धन का आवंटन किस तरह होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल में अभी बजट पर चर्चा नहीं हुई है, लेकिन विधानसभा का सत्र तीन जुलाई से शुरू होगा और राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद सात जुलाई को बजट पेश किया जाएगा. सिद्धरमैया ने कहा, "हम बजट सत्र आहूत कर रहे हैं, जहां हम सात जुलाई को बजट पेश करेंगे. हम अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को लागू करने के लिए प्रावधान करेंगे."

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बजट के आकार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बजट की तैयारी बैठक शुरू होने के बाद ही वह इस मामले पर बोल पाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव से पहले पिछली सरकार द्वारा पेश किए गए बजट का आकार 3.08 लाख करोड़ रुपये था. बिजली दरों में 2.89 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी के मुद्दे पर सिद्धरमैया ने कहा कि यह फैसला सरकार ने नहीं, बल्कि कर्नाटक विद्युत विनियामक आयोग (केईआरसी) ने लिया है. उन्होंने कहा, "हम बिजली दरों में बढ़ोतरी का फैसला नहीं करते हैं. कर्नाटक बिजली विनियामक प्राधिकरण ने फैसला किया है. उसने पूर्व में यह निर्णय लिया था। हमने केवल इसे लागू किया है." इंदिरा कैंटीन के बारे में सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को इसे फिर से शुरू करने के लिए सभी तैयारियां करने का निर्देश दिया है.

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

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