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कोर्ट से रफूचक्कर होने का मामला: एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के खिलाफ कोर्ट रीडर ने की पुलिस से शिकायत - कानपुर की खबरें

कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को कानपुर की एसीएमएम तृतीय कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया था. वहीं, अब कोर्ट रीडर कामिनी ने कोतवाली में एमएसएमई मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दे दी है. पूरे मामले पर सीएम योगी ने डीएम से रिपोर्ट मांगी है.

कैबिनेट मंत्री राकेश सचान
कैबिनेट मंत्री राकेश सचान
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Published : Aug 7, 2022, 8:06 PM IST

कानपुर: एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. शनिवार को एमएसएमई मंत्री को उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में दोषी करार माना गया. वहीं, पूरे मामले में जिस कोर्ट रीडर के हाथों से फैसले की कॉपी ले ले गई थी. अब उस कोर्ट रीडर कामिनी ने कोतवाली में एमएसएमई मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दे दी है.

एसएचओ कोतवाली अरुण कुमार तिवारी ने यह स्वीकार किया, कि तहरीर मिली है. एसएचओ का कहना है कि तहरीर में कई बिंदुओं पर जो बातें लिखीं गई थीं वह स्पष्ट नहीं थी. इसलिए उन्होंने एसीपी कोतवाली से जांच के लिए अनुरोध किया है. यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी कर रही है.

वहीं, जिस तरह योगी सरकार के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की इस मामले से किरकिरी हुई है उसके बाद से यह चर्चा भी शहर में जोरों पर है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीएम कानपुर से रिपोर्ट तलब की है. हालांकि, जब ईटीवी भारत संवाददाता ने डीएम विशाख जी अय्यर से इस बाबत बात की तो उन्होंने किसी तरह की रिपोर्ट से इंकार किया.

पढ़ेंः 35 साल पुराने गिट्टी चोरी के मामले में एमएसएमई मंत्री दोषी करार, पेशी के बाद कोर्ट से गायब हुए

दरअसल, शनिवार को कानपुर कोर्ट में एसीएमएम थर्ड के यहां एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के खिलाफ दर्ज मुकदमे की सुनवाई चल रही थी. कोर्ट में एमएसएमई मंत्री मौजूद थे. पहले यह मामला गिट्टी चोरी का बताया जा रहा था. हालांकि एमएसएमई मंत्री का कहना था कि 1990 के आसपास उनके पास दो बंदूकें बरामद हुई थीं, जिनके लाइसेंस उनके नाम नहीं थे और पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. उसी मामले की शनिवार को सुनवाई थी.

इस मामले में जैसे ही एसीएमएम थर्ड ने अपना फैसला सुनाया तो आरोप है, कि एमएसएमई मंत्री के वकील ने कोर्ट रीडर के हाथों से फैसले की कॉपी छीन ली और मौके से फरार हो गया. आपाधापी के बीच ही एमएसएमई मंत्री भी कोर्ट से लौट गए थे. वहीं, जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया था, कि आखिर वह कोर्ट से क्यों भागे? तो उन्होंने जवाब दिया था कि वह भागे नहीं थे, भोगनीपुर स्थित अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता की समस्याएं सुनने पहुंचे थे.

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कानपुर: एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. शनिवार को एमएसएमई मंत्री को उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में दोषी करार माना गया. वहीं, पूरे मामले में जिस कोर्ट रीडर के हाथों से फैसले की कॉपी ले ले गई थी. अब उस कोर्ट रीडर कामिनी ने कोतवाली में एमएसएमई मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दे दी है.

एसएचओ कोतवाली अरुण कुमार तिवारी ने यह स्वीकार किया, कि तहरीर मिली है. एसएचओ का कहना है कि तहरीर में कई बिंदुओं पर जो बातें लिखीं गई थीं वह स्पष्ट नहीं थी. इसलिए उन्होंने एसीपी कोतवाली से जांच के लिए अनुरोध किया है. यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी कर रही है.

वहीं, जिस तरह योगी सरकार के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की इस मामले से किरकिरी हुई है उसके बाद से यह चर्चा भी शहर में जोरों पर है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीएम कानपुर से रिपोर्ट तलब की है. हालांकि, जब ईटीवी भारत संवाददाता ने डीएम विशाख जी अय्यर से इस बाबत बात की तो उन्होंने किसी तरह की रिपोर्ट से इंकार किया.

पढ़ेंः 35 साल पुराने गिट्टी चोरी के मामले में एमएसएमई मंत्री दोषी करार, पेशी के बाद कोर्ट से गायब हुए

दरअसल, शनिवार को कानपुर कोर्ट में एसीएमएम थर्ड के यहां एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के खिलाफ दर्ज मुकदमे की सुनवाई चल रही थी. कोर्ट में एमएसएमई मंत्री मौजूद थे. पहले यह मामला गिट्टी चोरी का बताया जा रहा था. हालांकि एमएसएमई मंत्री का कहना था कि 1990 के आसपास उनके पास दो बंदूकें बरामद हुई थीं, जिनके लाइसेंस उनके नाम नहीं थे और पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. उसी मामले की शनिवार को सुनवाई थी.

इस मामले में जैसे ही एसीएमएम थर्ड ने अपना फैसला सुनाया तो आरोप है, कि एमएसएमई मंत्री के वकील ने कोर्ट रीडर के हाथों से फैसले की कॉपी छीन ली और मौके से फरार हो गया. आपाधापी के बीच ही एमएसएमई मंत्री भी कोर्ट से लौट गए थे. वहीं, जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया था, कि आखिर वह कोर्ट से क्यों भागे? तो उन्होंने जवाब दिया था कि वह भागे नहीं थे, भोगनीपुर स्थित अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता की समस्याएं सुनने पहुंचे थे.

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