लखनऊ: उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने नाबालिग बच्चों का वीडियो गेम की आड़ में धर्मांतरण करने वाले रैकेट (Conversion of minors with video games) का खुलासा किया, तो पूरे देश में हड़कंप मच गया है. ऐसे में केंद्रीय एजेंसियों के अलावा यूपी एटीएस भी एक्टिव हो गई है. एटीएस के डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम को गाजियाबाद (UPATS in Ghaziabad) रवाना किया गया है, जो गाजियाबाद पुलिस के केस में सहयोग करेगी. बता दें कि गाजियाबाद पुलिस ने खुलासा किया था कि किस तरीके से ऑनलाइन गेम खरीदने वाले नाबालिग बच्चों का धर्मांतरण कराया जा रहा है.
यूपी एटीएस चीफ नवीन अरोड़ा (UP ATS Chief Naveen Arora) के मुताबिक, गाजियाबाद पुलिस ने जिस रैंक का खुलासा किया है, वह सिर्फ एक शहर में नही फैला हो सकता है. इसकी जड़ें न सिर्फ यूपी बल्कि अन्य राज्यों में भी फैली है. ऐसे में हमारी एक टीम गाजियाबाद पहुंच चुकी है, जो केस की हर बारीक डिटेल इकट्ठा कर रही रही है. वहीं एक अन्य टीम एटीएस मुख्यालय में बीते दिनों गिरफ्तार किए गए ऐसे आतंकियों और उनके सहयोगियों की सूची की स्टडी कर रही है, जो जाकिर नाइक के वीडियो पर सबसे अधिक कार्य करते थे और जिनको टेक्नोलॉजी का ज्ञान था.
दरअसल, गाजियाबाद के रहने वाले नाबालिग के परिवार का आरोप था कि उनका बेटा एक्सरसाइज करने के लिए जिम जाने के बहाने पांच बार घर से निकलता था. जब पिता ने उसका पीछा किया, तो देखा कि वह स्थानीय मस्जिद में जाकर पांच बार नमाज पढ़ता है. बेटे को ऐसा करते देख हैरान पिता ने पुलिस शिकायत की थी. मामले की गंभीरता को देख पुलिस ने पूरे मामले की जांच की, तो चौकाने वाला खुलासा हुआ.
जांच में सामने आया था कि बच्चे ने मुंबई के एक शख्स से ऑनलाइन गेम खरीदा था. इतना ही नहीं गेम बेचने वाला व्यक्ति लगातार बच्चे के संपर्क में था. उसे इस्लाम धर्म के खासियत बता रहा था. इस मामले में पुलिस ने गाजियाबाद की सेक्टर-23 की जामा मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल रहमान और शाहनवाज नाम के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. वीडियो गेम के जरिए धर्मांतरण करने वाले गैंग की तलाश में गाजियाबाद पुलिस महाराष्ट्र में दबिश दे रही है.
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