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गोडसे की तारीफ करने वाले पूर्व सीएम रावत को पार्टी से निकालें पीएम : कांग्रेस

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री टीएस रावत (former CM TS Rawat) के बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने पीएम मोदी से मांग की है कि रावत को पार्टी से निकाला जाए. जानिए क्या है पूरा मामला.

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Published : Jun 9, 2023, 5:36 PM IST

Congress demand
कांग्रेस की मांग

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शुक्रवार को मांग की कि पीएम मोदी को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने के लिए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री टीएस रावत (former CM TS Rawat) को भाजपा से निष्कासित कर देना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता वैभव वालिया (Congress spokesperson Vaibhav Walia) ने कहा, 'गोडसे को देशभक्त कहने के लिए प्रधानमंत्री को टीएस रावत को भाजपा से निष्कासित करना चाहिए. इससे लोगों के बीच और उनकी पार्टी में एक कड़ा संदेश जाएगा. यदि प्रधानमंत्री ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें विदेश जाने पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने का कोई हक नहीं है.'

उन्होंने कहा कि 'यह पहली बार नहीं है जब गांधी को निशाना बनाते हुए इस तरह के बयान दिए गए हैं. गोडसे की स्तुति का यह मुद्दा हमेशा के लिए सुलझा लिया जाना चाहिए. पीएम को संदेश देना चाहिए कि गोडसे की तारीफ करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसे लेकर कोई नाटक नहीं होना चाहिए.' कांग्रेस नेता ने बताया कि कैसे पीएम देश और विदेश दोनों जगह राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देते हैं, लेकिन बीजेपी नेता सार्वजनिक रूप से महात्मा गांधी का मजाक उड़ाते हैं.

वालिया ने कहा कि '2019 में पीएम ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि वह भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को देशभक्त के रूप में गोडसे की प्रशंसा करने के बाद क्षमा नहीं कर पाएंगे. अगर पीएम ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की होती तो कुछ दिन पहले बलिया में टीएस रावत ने वह विवादित बयान नहीं दिया होता. साथ ही, किसी अन्य भाजपा नेता में गोडसे की प्रशंसा करने की हिम्मत नहीं होती.'

'देश का अपमान' : वालिया ने कहा कि 'अमित शाह ने कहा था कि गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ एक चतुर व्यवसायी भी थे. हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा था कि गांधी का नाम खादी के साथ जुड़ा होने के कारण खादी नीचे आ गई और गांधी की तस्वीर वाला भारतीय रुपया भी. गोडसे की प्रशंसा करना केवल महात्मा गांधी का अपमान नहीं है, यह पूरे देश का अपमान है.'

कांग्रेस नेता ने कहा कि जबकि महात्मा गांधी पुरानी पार्टी की विचारधारा के प्रमुख थे, गोडसे ने नफरत की राजनीति का प्रतिनिधित्व किया. वालिया ने कहा कि देश के भीतर नफरत की राजनीति और प्यार की राजनीति के बीच जंग चल रही है. हमारे नेता राहुल गांधी ने भी हाल ही में अमेरिका में कहा था कि भारत में महात्मा गांधी और गोडसे की विचारधाराओं के बीच लड़ाई चल रही है. मुझे नहीं पता था कि बीजेपी नेता टीएस रावत इतनी जल्दी राहुल गांधी को सही साबित कर देंगे.'

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस इसकी तुलना में देश में प्यार की दुकानें खोलने की इच्छुक है, जिसका मतलब सांप्रदायिक सद्भाव, युवाओं के लिए रोजगार और सामाजिक सुरक्षा है. कांग्रेस नेता के अनुसार, 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के मुकदमे के दौरान गोडसे ने कहा था कि राष्ट्रपिता पिछले 32 वर्षों से उन्हें परेशान कर रहे थे.

वालिया ने कहा कि 'यदि आप देखें कि महात्मा गांधी ने अपनी हत्या से पहले 32 वर्षों में क्या किया, तो आप पाएंगे कि उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन में भूमिका निभाई, पत्रिकाओं और समाचार पत्रों को शुरू किया, अस्पृश्यता के खिलाफ काम शुरू किया, सर्वोदय के लिए काम किया और लोगों को राजनीतिक रूप से जगाया. स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने उन्हें प्यार से बापू और रवींद्र नाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा कहा.'

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नई दिल्ली : कांग्रेस ने शुक्रवार को मांग की कि पीएम मोदी को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने के लिए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री टीएस रावत (former CM TS Rawat) को भाजपा से निष्कासित कर देना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता वैभव वालिया (Congress spokesperson Vaibhav Walia) ने कहा, 'गोडसे को देशभक्त कहने के लिए प्रधानमंत्री को टीएस रावत को भाजपा से निष्कासित करना चाहिए. इससे लोगों के बीच और उनकी पार्टी में एक कड़ा संदेश जाएगा. यदि प्रधानमंत्री ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें विदेश जाने पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने का कोई हक नहीं है.'

उन्होंने कहा कि 'यह पहली बार नहीं है जब गांधी को निशाना बनाते हुए इस तरह के बयान दिए गए हैं. गोडसे की स्तुति का यह मुद्दा हमेशा के लिए सुलझा लिया जाना चाहिए. पीएम को संदेश देना चाहिए कि गोडसे की तारीफ करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसे लेकर कोई नाटक नहीं होना चाहिए.' कांग्रेस नेता ने बताया कि कैसे पीएम देश और विदेश दोनों जगह राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देते हैं, लेकिन बीजेपी नेता सार्वजनिक रूप से महात्मा गांधी का मजाक उड़ाते हैं.

वालिया ने कहा कि '2019 में पीएम ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि वह भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को देशभक्त के रूप में गोडसे की प्रशंसा करने के बाद क्षमा नहीं कर पाएंगे. अगर पीएम ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की होती तो कुछ दिन पहले बलिया में टीएस रावत ने वह विवादित बयान नहीं दिया होता. साथ ही, किसी अन्य भाजपा नेता में गोडसे की प्रशंसा करने की हिम्मत नहीं होती.'

'देश का अपमान' : वालिया ने कहा कि 'अमित शाह ने कहा था कि गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ एक चतुर व्यवसायी भी थे. हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा था कि गांधी का नाम खादी के साथ जुड़ा होने के कारण खादी नीचे आ गई और गांधी की तस्वीर वाला भारतीय रुपया भी. गोडसे की प्रशंसा करना केवल महात्मा गांधी का अपमान नहीं है, यह पूरे देश का अपमान है.'

कांग्रेस नेता ने कहा कि जबकि महात्मा गांधी पुरानी पार्टी की विचारधारा के प्रमुख थे, गोडसे ने नफरत की राजनीति का प्रतिनिधित्व किया. वालिया ने कहा कि देश के भीतर नफरत की राजनीति और प्यार की राजनीति के बीच जंग चल रही है. हमारे नेता राहुल गांधी ने भी हाल ही में अमेरिका में कहा था कि भारत में महात्मा गांधी और गोडसे की विचारधाराओं के बीच लड़ाई चल रही है. मुझे नहीं पता था कि बीजेपी नेता टीएस रावत इतनी जल्दी राहुल गांधी को सही साबित कर देंगे.'

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस इसकी तुलना में देश में प्यार की दुकानें खोलने की इच्छुक है, जिसका मतलब सांप्रदायिक सद्भाव, युवाओं के लिए रोजगार और सामाजिक सुरक्षा है. कांग्रेस नेता के अनुसार, 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के मुकदमे के दौरान गोडसे ने कहा था कि राष्ट्रपिता पिछले 32 वर्षों से उन्हें परेशान कर रहे थे.

वालिया ने कहा कि 'यदि आप देखें कि महात्मा गांधी ने अपनी हत्या से पहले 32 वर्षों में क्या किया, तो आप पाएंगे कि उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन में भूमिका निभाई, पत्रिकाओं और समाचार पत्रों को शुरू किया, अस्पृश्यता के खिलाफ काम शुरू किया, सर्वोदय के लिए काम किया और लोगों को राजनीतिक रूप से जगाया. स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने उन्हें प्यार से बापू और रवींद्र नाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा कहा.'

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