ETV Bharat / bharat

सीजेआई रमना ने युवाओं, छात्रों से लोकतंत्र में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया - एनवी रमना अमेरिका दौरा

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना अमेरिका के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय का दौरा किया और यहां उन्होंने डॉ बीआर आम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की.

cji-nv-ramana
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना
author img

By

Published : Jun 24, 2022, 10:58 PM IST

नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना ने छात्रों और युवाओं से लोकतंत्र के महत्व को समझने और अपनी सक्रिय भागीदारी से इसे कायम रखने एवं सशक्त बनाने का आह्वान किया है. न्यायमूर्ति रमना ने को न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय के दौरे के अवसर पर यह आह्वान किया. उन्होंने वहां विशिष्ट पूर्व छात्रों (एलुमनाई) में से एक डॉ बी आर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की.

सीजेआई एनवी रमना
सीजेआई एनवी रमना

सीजेआई ने कहा, 'हमारे देश की अब तक की 75 साल की लंबी यात्रा लोकतंत्र की शक्ति का प्रमाण है. यह आवश्यक है कि लोग, विशेषकर छात्र और युवा, लोकतंत्र के महत्व को समझें. आपकी सक्रिय भागीदारी से ही लोकतंत्र कायम और मजबूत हो सकता है. केवल एक सच्ची लोकतांत्रिक व्यवस्था ही दुनिया में स्थायी शांति की बुनियाद हो सकती है.' उन्होंने कहा कि जब भारत के युवा गणराज्य की परिवर्तनकारी यात्रा इतिहास की किताबों में दर्ज होगी, तो इसका श्रेय भारत के संविधान और उसमें लोगों की आस्था को दिया जाएगा.

सीजेआई एनवी रमना
सीजेआई एनवी रमना

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'काफी साल पहले, डॉ. बीआर अंबेडकर शिक्षा के इस महान गलियारों से गुजरे थे. आज मुझे उनके पदचिह्नों पर चलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. यह मेरे लिए भावनात्मक क्षण है. मेरी कोई विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि नहीं है. मैं एक साधारण किसान का बेटा हूं. मैं परिवार में विश्वविद्यालय की शिक्षा प्राप्त करने वाला पहला व्यक्ति हूं. आज मैं यहां भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में खड़ा हूं.'

सीजेआई एनवी रमना
सीजेआई एनवी रमना

न्यायमूर्ति रमना ने कहा, 'भारत के सबसे प्रगतिशील और भविष्यवादी संविधान के कारण ऐसी संभावना पैदा हुई, जिसे डॉ बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किया गया था. मैं और मेरे जैसे लाखों लोग हमेशा (डॉ अंबेडकर के) दूरदर्शी व्यक्तित्व का ऋणी रहेंगे.' उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में खड़े होना ही उनके लिए सम्मान की बात है, जिसने डॉ. आम्बेडकर सहित कई विश्व नेताओं को जन्म दिया है. उन्होंने कहा, 'वह (डॉ अंबेडकर) आधुनिक भारत के संस्थापकों में से एक थे. उनके जीवन ने भारतीयों की पीढ़ियों को अपने स्वयं के मूल्य और पहचान में विश्वास करने के लिए प्रेरित किया है.'

यह भी पढ़ें- उच्च पदों पर बैठे लोगों पर लांछन लगाने का चलन बढ़ रहा है: प्रधान न्यायाधीश

कोलंबिया लॉ स्कूल के डीन और ऑफिस ऑफ इंटरनेशनल एंड कम्पेरेटिव लॉ प्रोग्राम्स के कार्यकारी निदेशक एडम कोल्कर ने न्यायमूर्ति रमना की अगवानी की. उन्होंने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन स्थित भारतीय संविधान के निर्माता बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की.

नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना ने छात्रों और युवाओं से लोकतंत्र के महत्व को समझने और अपनी सक्रिय भागीदारी से इसे कायम रखने एवं सशक्त बनाने का आह्वान किया है. न्यायमूर्ति रमना ने को न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय के दौरे के अवसर पर यह आह्वान किया. उन्होंने वहां विशिष्ट पूर्व छात्रों (एलुमनाई) में से एक डॉ बी आर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की.

सीजेआई एनवी रमना
सीजेआई एनवी रमना

सीजेआई ने कहा, 'हमारे देश की अब तक की 75 साल की लंबी यात्रा लोकतंत्र की शक्ति का प्रमाण है. यह आवश्यक है कि लोग, विशेषकर छात्र और युवा, लोकतंत्र के महत्व को समझें. आपकी सक्रिय भागीदारी से ही लोकतंत्र कायम और मजबूत हो सकता है. केवल एक सच्ची लोकतांत्रिक व्यवस्था ही दुनिया में स्थायी शांति की बुनियाद हो सकती है.' उन्होंने कहा कि जब भारत के युवा गणराज्य की परिवर्तनकारी यात्रा इतिहास की किताबों में दर्ज होगी, तो इसका श्रेय भारत के संविधान और उसमें लोगों की आस्था को दिया जाएगा.

सीजेआई एनवी रमना
सीजेआई एनवी रमना

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'काफी साल पहले, डॉ. बीआर अंबेडकर शिक्षा के इस महान गलियारों से गुजरे थे. आज मुझे उनके पदचिह्नों पर चलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. यह मेरे लिए भावनात्मक क्षण है. मेरी कोई विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि नहीं है. मैं एक साधारण किसान का बेटा हूं. मैं परिवार में विश्वविद्यालय की शिक्षा प्राप्त करने वाला पहला व्यक्ति हूं. आज मैं यहां भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में खड़ा हूं.'

सीजेआई एनवी रमना
सीजेआई एनवी रमना

न्यायमूर्ति रमना ने कहा, 'भारत के सबसे प्रगतिशील और भविष्यवादी संविधान के कारण ऐसी संभावना पैदा हुई, जिसे डॉ बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किया गया था. मैं और मेरे जैसे लाखों लोग हमेशा (डॉ अंबेडकर के) दूरदर्शी व्यक्तित्व का ऋणी रहेंगे.' उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में खड़े होना ही उनके लिए सम्मान की बात है, जिसने डॉ. आम्बेडकर सहित कई विश्व नेताओं को जन्म दिया है. उन्होंने कहा, 'वह (डॉ अंबेडकर) आधुनिक भारत के संस्थापकों में से एक थे. उनके जीवन ने भारतीयों की पीढ़ियों को अपने स्वयं के मूल्य और पहचान में विश्वास करने के लिए प्रेरित किया है.'

यह भी पढ़ें- उच्च पदों पर बैठे लोगों पर लांछन लगाने का चलन बढ़ रहा है: प्रधान न्यायाधीश

कोलंबिया लॉ स्कूल के डीन और ऑफिस ऑफ इंटरनेशनल एंड कम्पेरेटिव लॉ प्रोग्राम्स के कार्यकारी निदेशक एडम कोल्कर ने न्यायमूर्ति रमना की अगवानी की. उन्होंने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन स्थित भारतीय संविधान के निर्माता बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.