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चंद्रयान-3 के कैमरों पर फतेहपुर के वैज्ञानिक सुमित कुमार ने किया काम, चंद्रयान-2 में भी था योगदान - चंद्रयान 3 की कामयाबी

चंद्रयान-3 की कामयाबी में योगदान देने वाले फतेहपुर निवासी सुमित कुमार कल्पना चावला को अपना आदर्श मानते हैं. उनकी इस कामयाबी पर उनके परिजनों के साथ ही पड़ोसी भी उत्साहित हैं. जो गांव में एक साथ बैठकर चंद्रयान-3 की सफलता पूर्वक हो रही लैंडिंग को देख रहे हैं.

फतेहपुर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 23, 2023, 6:32 PM IST

वैज्ञानिक सुमित कुमार के परिजनों से बातचीत

फतेहपुर: चंद्रयान-3 में योगदान देने वाले फतेहपुर के खागा निवासी सुमित कुमार कल्पना चावला को अपना आदर्श मानते हैं. इसलिए खागा नगर के लोगों के लिए यह क्षण बेहद खास होगा. यह क्षण जहां भारत के लिए ऐतिहासिक होने वाला है. वहीं, खागा के वैज्ञानिक का योगदान देखने के लिए परिजनों के साथ ही पड़ोसी भी काफी उत्साहित हैं.

फतेहपुर निवासी वेज्ञानिक सुमित कुमार.
फतेहपुर निवासी वेज्ञानिक सुमित कुमार.

श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से शुक्रवार को चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पूरी दुनिया देखेगी. लेकिन, फतेहपुर के खागा नगर के लोगों के लिए यह क्षण बेहद खास होगा. इस ऐतिहासिक क्षण में खागा के 'लाल' का भी योगदान है. अंतरिक्ष विज्ञानी सुमित कुमार फतेहपुर निवासी एक किसान के बेटे हैं. सुमित के 4 भाई और एक बहन है. उनकी मां एक गृहणी हैं. चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे अत्याधुनिक कैमरों को फतेहपुर के अंतरिक्ष विज्ञानी सुमित कुमार और उनकी टीम ने डिजाइन किया है.

इसरो के वैज्ञानिक सुमित कुमार.
इसरो के वैज्ञानिक सुमित कुमार.

सुमित वर्ष 2008 से इसरो के अहमदाबाद स्थित केंद्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह चंद्रयान-2 में भी अपना योगदान दे चुके हैं. वह और उनकी टीम ने चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे पांच कैमरों को अत्याधुनिक तरीके से डिजाइन किया है. पेलोड में लगे कैमरों ने लैंडर और रोवर को चांद पर ठहरने का स्थान और दिशा दिखाने में मदद की है. आगे भी रोवर चंद्रमा की मिट्टी का आकलन करेगा और आंकड़े लैंडर को भेजेगा. रोवर में लगे कैमरे के आधार पर रोवर चंद्रमा की सतह पर अपना रास्ता तय करेगा. इसके बाद चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे कैमरे यान की लैंडिंग के दौरान चंद्रमा की सतह की तस्वीरें लेंगे. इसके आधार पर लैंडर के लैंड करने के लिए उपयुक्त स्थान का चयन किया जाएगा. इसके बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.

इसरो वैज्ञानिक सुमित कुमार के छोटे भाई सुशील कुमार ने बताया कि बड़े भाई शुरू से ही वैज्ञानिक बनना चाहते थे. उन्होंने अपने कमरे में कल्पना चावला की फोटो लगा रखी थी. उनके भाई की प्रेरणास्रोत कल्पना चावला ही थीं. वहीं, सुमित की बड़ी बहन प्रीती ने बताया कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है कि वह आज देश के लिए कुछ कर रहा है. उसका बचपन से सपना था कि वो वैज्ञानिक बने. सुमित के पड़ोसी हजारी प्रसाद ने कहा कि उन्हें अपने पड़ोसी पर गर्व है. हम सब टीवी पर चन्द्रयान-3 को लगातार देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीच-बीच में जब सुमित टीवी पर दिखते हैं, तो वह खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं.

यह भी पढे़ं- chandrayaan3 : चंद्रयान 3 के चारों ओर खास वजह से लगाई गई है गोल्डन लेयर, जानिए क्या है काम

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वैज्ञानिक सुमित कुमार के परिजनों से बातचीत

फतेहपुर: चंद्रयान-3 में योगदान देने वाले फतेहपुर के खागा निवासी सुमित कुमार कल्पना चावला को अपना आदर्श मानते हैं. इसलिए खागा नगर के लोगों के लिए यह क्षण बेहद खास होगा. यह क्षण जहां भारत के लिए ऐतिहासिक होने वाला है. वहीं, खागा के वैज्ञानिक का योगदान देखने के लिए परिजनों के साथ ही पड़ोसी भी काफी उत्साहित हैं.

फतेहपुर निवासी वेज्ञानिक सुमित कुमार.
फतेहपुर निवासी वेज्ञानिक सुमित कुमार.

श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से शुक्रवार को चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पूरी दुनिया देखेगी. लेकिन, फतेहपुर के खागा नगर के लोगों के लिए यह क्षण बेहद खास होगा. इस ऐतिहासिक क्षण में खागा के 'लाल' का भी योगदान है. अंतरिक्ष विज्ञानी सुमित कुमार फतेहपुर निवासी एक किसान के बेटे हैं. सुमित के 4 भाई और एक बहन है. उनकी मां एक गृहणी हैं. चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे अत्याधुनिक कैमरों को फतेहपुर के अंतरिक्ष विज्ञानी सुमित कुमार और उनकी टीम ने डिजाइन किया है.

इसरो के वैज्ञानिक सुमित कुमार.
इसरो के वैज्ञानिक सुमित कुमार.

सुमित वर्ष 2008 से इसरो के अहमदाबाद स्थित केंद्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह चंद्रयान-2 में भी अपना योगदान दे चुके हैं. वह और उनकी टीम ने चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे पांच कैमरों को अत्याधुनिक तरीके से डिजाइन किया है. पेलोड में लगे कैमरों ने लैंडर और रोवर को चांद पर ठहरने का स्थान और दिशा दिखाने में मदद की है. आगे भी रोवर चंद्रमा की मिट्टी का आकलन करेगा और आंकड़े लैंडर को भेजेगा. रोवर में लगे कैमरे के आधार पर रोवर चंद्रमा की सतह पर अपना रास्ता तय करेगा. इसके बाद चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे कैमरे यान की लैंडिंग के दौरान चंद्रमा की सतह की तस्वीरें लेंगे. इसके आधार पर लैंडर के लैंड करने के लिए उपयुक्त स्थान का चयन किया जाएगा. इसके बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.

इसरो वैज्ञानिक सुमित कुमार के छोटे भाई सुशील कुमार ने बताया कि बड़े भाई शुरू से ही वैज्ञानिक बनना चाहते थे. उन्होंने अपने कमरे में कल्पना चावला की फोटो लगा रखी थी. उनके भाई की प्रेरणास्रोत कल्पना चावला ही थीं. वहीं, सुमित की बड़ी बहन प्रीती ने बताया कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है कि वह आज देश के लिए कुछ कर रहा है. उसका बचपन से सपना था कि वो वैज्ञानिक बने. सुमित के पड़ोसी हजारी प्रसाद ने कहा कि उन्हें अपने पड़ोसी पर गर्व है. हम सब टीवी पर चन्द्रयान-3 को लगातार देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीच-बीच में जब सुमित टीवी पर दिखते हैं, तो वह खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं.

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