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कलकत्ता HC का अभूतपूर्व निर्देश, महिला को 34 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की दी अनुमति - abortion of 34- month foetus

भारतीय कानून के तहत 24 सप्ताह के बाद गर्भपात कराने की अनुमति नहीं है, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने 34 सप्ताह की गर्भवती महिला को इसकी अनुमति दे दी है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस राजा शेखर मंथा की बेंच में इसकी सुनवाई हुई.

कलकत्ता HC
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Published : Feb 17, 2022, 8:33 PM IST

Updated : Feb 17, 2022, 10:27 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की एक महिला को अपने 34 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की कोर्ट ने अनुमति दे (Calcutta HC allowed a woman to abort her 34 weeks foetus) दी. गर्भपात का ऐसा अभूतपूर्व निर्देश कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दिया है. हालांकि, अदालत के निर्देश पर इस तरह गर्भपात कराना कोई नई बात नहीं है. लेकिन कानूनी हलकों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश को अभूतपूर्व बताया है.

भारतीय कानून के तहत 24 सप्ताह के बाद गर्भपात कराने की अनुमति नहीं है, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने 34 सप्ताह की गर्भवती महिला को इसकी अनुमति दे दी है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस राजा शेखर मंथा की बेंच में इसकी सुनवाई हुई.

पढ़ें : HC ने 30 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने की दी अनुमति, जानें क्या है कारण?

उत्तरी कोलकाता की रहने वाली निबेदिता बोस ने अपने 32 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की अनुमति मांगी थी. शादी के बाद से ही वह कई तरह की बीमारियों से जूझ रही थीं. हाल ही में वह अपने लंबे इलाज के बाद गर्भवती हुई हैं, लेकिन शारीरिक दिक्कतों के चलते उन्होंने गर्भपात कराने का फैसला किया. मामला जब अदालत पहुंचा तो उच्च न्यायालय ने उन्हें गर्भपात की सशर्त अनुमति (Calcutta HC given conditional permission for abortion) दी. अदालत ने कहा कि अगर गर्भपात के दौरान कुछ हुआ तो दंपति इसके लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की एक महिला को अपने 34 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की कोर्ट ने अनुमति दे (Calcutta HC allowed a woman to abort her 34 weeks foetus) दी. गर्भपात का ऐसा अभूतपूर्व निर्देश कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दिया है. हालांकि, अदालत के निर्देश पर इस तरह गर्भपात कराना कोई नई बात नहीं है. लेकिन कानूनी हलकों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश को अभूतपूर्व बताया है.

भारतीय कानून के तहत 24 सप्ताह के बाद गर्भपात कराने की अनुमति नहीं है, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने 34 सप्ताह की गर्भवती महिला को इसकी अनुमति दे दी है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस राजा शेखर मंथा की बेंच में इसकी सुनवाई हुई.

पढ़ें : HC ने 30 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने की दी अनुमति, जानें क्या है कारण?

उत्तरी कोलकाता की रहने वाली निबेदिता बोस ने अपने 32 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की अनुमति मांगी थी. शादी के बाद से ही वह कई तरह की बीमारियों से जूझ रही थीं. हाल ही में वह अपने लंबे इलाज के बाद गर्भवती हुई हैं, लेकिन शारीरिक दिक्कतों के चलते उन्होंने गर्भपात कराने का फैसला किया. मामला जब अदालत पहुंचा तो उच्च न्यायालय ने उन्हें गर्भपात की सशर्त अनुमति (Calcutta HC given conditional permission for abortion) दी. अदालत ने कहा कि अगर गर्भपात के दौरान कुछ हुआ तो दंपति इसके लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं.

Last Updated : Feb 17, 2022, 10:27 PM IST
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