प्रयागराज: अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के सत्र में कहा था कि 'सभी माफिया को मिट्टी में मिला देंगे.' इस बयान के बाद सरकारी मशीनरी ने अपना काम शुरू कर दिया है. हत्याकांड में बाहुबली अतीक अहमद का नाम आने के बाद उसके करीबियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है. इसी के तहत शुक्रवार को प्रयागराज के असरौली इलाके में मसकुद्दीन के घर को प्रयागराज विकास प्राधिकरण की टीम ने ध्वस्त कर दिया.
250 वर्गगज से ज्यादा एरिया में बनाये गए इस मकान की कीमत 3 करोड़ से अधिक बताई जा रही है. जबकि मसकुद्दीन के परिवार वाले कार्रवाई को गलत बता रहे हैं. मसकुद्दीन अतीक गैंग के लिए काम नहीं करते थे लेकिन मददगारों की लिस्ट में उनका भी नाम शामिल बताया जा रहा है. प्रयागराज शहर से दूर पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के असरौली इलाके में प्रयागराज विकास प्राधिकरण का बुलडोजर और पोकलैंड मशीन पहुंची तो इलाके में हड़कंप मच गया.
पीडीए के अफसरों के मौके पर पहुंचने के बाद पीडीए की टीम सीधे असरौली के प्रधान मसकुद्दीन के नवनिर्मित मकान पर पहुंच गई. जहां पर पीडीए ने मकान में रखे हुए सामान को बाहर निकलवाया और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी. इस दौरान मसकुद्दीन के परिवार वालों ने मौके पर पहुंचकर विरोध भी किया. लेकिन, अफसरों के सामने उनकी एक न चली.
मसकुद्दीन है दबंग प्रधानः प्रयागराज विकास प्राधिकरण की टीम ने जिस मसकुद्दीन के मकान को जमींदोज किया है, वो कई बार असरौली गांव का प्रधान रहा है और इस समय उसकी पत्नी नूरजहां प्रधान है. मसकुद्दीन के नौ बेटे हैं, जिसमें पांच के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज बताए जा रहे हैं. मसकुद्दीन और बेटों के खिलाफ के खिलाफ 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. उनके खिलाफ गैंगस्टर, गुंडा एक्ट और एनएसए के तहत कार्रवाई की जा चुकी है.
पुलिस से कोई नहीं करता मसकुद्दीन की शिकायतः मसकुद्दीन और उसके बेटे पूरामुफ्ती थाने के हिस्ट्रीशीटर भी हैं. मसकुद्दीन इलाके में माशूक प्रधान के नाम से फेमस हैं और उसकी दबंगई ऐसी है कि कोई उसके खिलाफ जल्दी पुलिस से शिकायत तक करने भी हिम्मत नहीं करता है. कहा यह भी जाता है कि मसकुद्दीन का रसूख और हनक, इलाके में किसी बाहुबली से कम नहीं था.
पीडीए से नक्शा रिजेक्ट होने के बाद भी बनवा लिया था आलीशान मकानः मसकुद्दीन की हनक रसूख और दबंगई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस मकान को बनाने का नक्शा पीडीए ने पास नहीं किया, उसे बिना नक्शा पास करवाए ही उसने बनवा डाला. मकान के निर्माण को लेकर एयरफोर्स की तरफ से आपत्ति भी लगाई गई थी. दरअसल, जिस जगह पर यह मकान बना हुआ है, वहां से एयरफोर्स का ट्रांसमीटर एरिया शुरू हो जाता है. इसी वजह से मकान बनने पर एयरफोर्स ने भी आपत्ति की थी. लेकिन, उसके बावजूद मसकुद्दीन ने अपना आलीशान मकान बनवा डाला.
प्रशासन पर लगाया पक्षपात का आरोपः पीडीए की टीम जब ध्वस्तीकरण करने पहुंची थी तो मौके पर मसकुद्दीन की बहू और समधी मौजूद थे. जिनका कहना है कि ये घर मसकुद्दीन का नहीं है. इसे उनकी बहू बनवा रही है. लेकिन, पीडीए सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मसकुद्दीन की तरफ से ही भवन निमार्ण के नक्शे के लिए आवेदन किया गया था, जो अस्वीकार करके अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का पीडीए ने नोटिस भी दिया था. उसी के तहत अवैध तरीके से बनवाये गए मकान को ढहाया गया है. वहीं मौके पर मौजूद मसकुद्दीन के रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि वो सिर्फ अतीक अहमद की बिरादरी के हैं. इस वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.