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मायावती बोलीं- बसपा को किसी पार्टी के समर्थन की जरूरत नहीं, हमारे प्रत्याशी सभी सीटों पर लड़ेंगे - bsp supremo

बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) ने आज उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि पूरी मेहनत के साथ लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) में लग जाएं. बसपा अपने बूते चुनाव लड़ेगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 20, 2024, 8:41 AM IST

Updated : Jan 20, 2024, 7:10 PM IST

लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक बार फिर दोहराया कि लोकसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी अपने बलबूते पर ही लड़ेगी. उसे किसी की जरूरत नहीं है. गठबंधन में धोखा खाकर फिर से गठबंधन करना बिल्कुल भी होशियारी नहीं है. इससे कर्मठ कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है. बहुजन समाज पार्टी ने पिछले गठबंधनों से यह सबक लिया है और इसलिए अकेले दम चुनाव लड़ने का फैसला लिया. वे शनिवार को पार्टी कार्यालय पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही थीं. इस दौरान उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि पूरी मेहनत और शिद्दत के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएं. हमारी अपनी पार्टी के ही प्रत्याशी पूरे प्रदेश में उतरेंगे. हमारी पार्टी को किसी भी पार्टी के समर्थन की आवश्यकता नहीं है, इसीलिए गठबंधन न करने का फैसला लिया है. उन्होंने धर्म को राजनीति के तौर पर इस्तेमाल करने को लेकर इशारों में भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा.

बहुजन समाज पार्टी ने अब पूरी तरह साफ कर दिया है की इंडिया गठबंधन की कोई भी पार्टी कितने भी प्रयास कर ले. लेकिन, अब बहुजन समाज पार्टी किसी भी पार्टी के साथ किसी कीमत पर गठबंधन करने वाली नहीं है. पार्टी के अपने प्रत्याशी पूरे प्रदेश में चुनाव मैदान में उतरेंगे. शनिवार को आयोजित बैठक में मायावती ने भरोसा दिलाया कि अच्छे प्रत्याशियों का चयन करें. प्रत्याशी अच्छे होंगे तो जीत जरूर मिलेगी. उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किए जाने से हुए नुकसान की भी पूरी जानकारी दी. कहा कि बहुजन समाज पार्टी के साथ जिस पार्टी का गठबंधन होता है, उसे तो फायदा मिल जाता है. बहुजन समाज पार्टी के वोटर समर्थन वाली पार्टी को वोट दे देते हैं. लेकिन, दूसरी पार्टियां बहुजन समाज पार्टी की तरफ अपना वोट ट्रांसफर नहीं करा पाती. इसका नुकसान बसपा को होता है. ऐसे में फैसला लिया गया कि अकेले दम ही चुनाव मैदान में उतरा जाए.

बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि सेक्टर पोलिंग बूथ स्थल पर पार्टी के जनाधार को बढ़ाने और संगठन की मजबूती के लिए छोटी-छोटी कैडर मीटिंग की जाएं. इसमें किसी तरह की भी लापरवाही न बरती जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि पूर्व में राजनीति के अपराधीकरण और अपराध के राजनीतिकरण की तरह वर्तमान में धर्म का चुनावी स्वार्थ के लिए राजनीतिकरण उचित नहीं है, क्योंकि इससे देश व जनहित प्रभावित हो रहा है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जबरदस्त महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी से दुखी और पीड़ित देश के 81 करोड़ से अधिक लोग जीने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज हैं. यह कोई इनकी रोजी-रोटी का स्थाई हल नहीं है.


बता दें कि लोकसभा चुनाव में अब बिल्कुल भी समय नहीं बचा है. दो माह बाद 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग जाएगी. ऐसे में अब राजनीतिक दल पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गए हैं. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती काफी पहले से ही घोषणा कर चुकी हैं कि वह लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगी. किसी के साथ भी गठबंधन नहीं करेंगी. इसी के मद्देनजर उन्होंने आज बैठक की.

क्या बोले पार्टी विधायक
बहुजन समाज पार्टी के रसड़ा से विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर हम तैयारी कर रहे हैं. बसपा सुप्रीमो लगातार विभिन्न राज्यों के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग कर चुकी हैं. अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग कर रही हैं. मीटिंग का जो भी निष्कर्ष होगा वह मीटिंग समाप्त होने के बाद बताया जाएगा. समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि पहले कई दलों का मिलकर गठबंधन होने की बात चल रही थी, लेकिन, अब सपा रालोद का गठबंधन कल हुआ है. तमाम दल मिलकर एक साथ गठबंधन नहीं कर पा रहे हैं. यही वजह है कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अकेले एकदम ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.

सपा ने आरएलडी के नाम कीं पश्चिम की सात सीटें
कल ही उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन पर मुहर लगी है. सपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सात सीटें आरएलडी के नाम कर दी हैं. ऐसे में अब इन सात सीटों पर बहुजन समाज पार्टी सोच समझकर अपने प्रत्याशी उतारेगी. मायावती को पता है कि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल एक साथ मैदान में उतरेंगे तो उनकी पार्टी के उम्मीदवार की जीत की राह बिल्कुल आसान नहीं होने वाली.

दूसरी पार्टियों में अपनी जगह खोज रहे बसपा के कई सांसद
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को पता है कि वर्तमान में उनकी पार्टी से कई सांसद चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं और वह अपने लिए दूसरी पार्टी में जगह बनाने में जुटे हुए हैं. इनमें अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली पार्टी लाइन से हटकर पहले ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने की बात कह चुके हैं. यह बात मायावती को नागवार गुजरी है. लिहाजा, दानिश अली अपने को कांग्रेस में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और बहुजन समाज पार्टी अब दानिश को टिकट देने से रही. अमरोहा सीट कल हुए सपा आरएलडी गठबंधन में आरएलडी के खाते में जा चुकी है. दानिश अली के अलावा अफजाल अंसारी भी बसपा के बजाय गाजीपुर से सपा से चुनाव लड़ना चाहते हैं. बहुत उम्मीद है कि सपा अफजाल अंसारी को गाजीपुर से प्रत्याशी बना सकती है. इसी तरह वर्तमान में बसपा से सांसद श्याम सिंह भी जौनपुर से बसपा के बजाय अन्य किसी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में इन सीटों पर बसपा सुप्रीमो नए प्रत्याशियों का चयन करने को तैयार हैं.

ये भी पढ़ेंः राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा; अनुष्ठान का पांचवां दिन, आज रामलला का शर्कराधिवास और फलाधिवास होगा

लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक बार फिर दोहराया कि लोकसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी अपने बलबूते पर ही लड़ेगी. उसे किसी की जरूरत नहीं है. गठबंधन में धोखा खाकर फिर से गठबंधन करना बिल्कुल भी होशियारी नहीं है. इससे कर्मठ कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है. बहुजन समाज पार्टी ने पिछले गठबंधनों से यह सबक लिया है और इसलिए अकेले दम चुनाव लड़ने का फैसला लिया. वे शनिवार को पार्टी कार्यालय पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही थीं. इस दौरान उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि पूरी मेहनत और शिद्दत के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएं. हमारी अपनी पार्टी के ही प्रत्याशी पूरे प्रदेश में उतरेंगे. हमारी पार्टी को किसी भी पार्टी के समर्थन की आवश्यकता नहीं है, इसीलिए गठबंधन न करने का फैसला लिया है. उन्होंने धर्म को राजनीति के तौर पर इस्तेमाल करने को लेकर इशारों में भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा.

बहुजन समाज पार्टी ने अब पूरी तरह साफ कर दिया है की इंडिया गठबंधन की कोई भी पार्टी कितने भी प्रयास कर ले. लेकिन, अब बहुजन समाज पार्टी किसी भी पार्टी के साथ किसी कीमत पर गठबंधन करने वाली नहीं है. पार्टी के अपने प्रत्याशी पूरे प्रदेश में चुनाव मैदान में उतरेंगे. शनिवार को आयोजित बैठक में मायावती ने भरोसा दिलाया कि अच्छे प्रत्याशियों का चयन करें. प्रत्याशी अच्छे होंगे तो जीत जरूर मिलेगी. उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किए जाने से हुए नुकसान की भी पूरी जानकारी दी. कहा कि बहुजन समाज पार्टी के साथ जिस पार्टी का गठबंधन होता है, उसे तो फायदा मिल जाता है. बहुजन समाज पार्टी के वोटर समर्थन वाली पार्टी को वोट दे देते हैं. लेकिन, दूसरी पार्टियां बहुजन समाज पार्टी की तरफ अपना वोट ट्रांसफर नहीं करा पाती. इसका नुकसान बसपा को होता है. ऐसे में फैसला लिया गया कि अकेले दम ही चुनाव मैदान में उतरा जाए.

बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि सेक्टर पोलिंग बूथ स्थल पर पार्टी के जनाधार को बढ़ाने और संगठन की मजबूती के लिए छोटी-छोटी कैडर मीटिंग की जाएं. इसमें किसी तरह की भी लापरवाही न बरती जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि पूर्व में राजनीति के अपराधीकरण और अपराध के राजनीतिकरण की तरह वर्तमान में धर्म का चुनावी स्वार्थ के लिए राजनीतिकरण उचित नहीं है, क्योंकि इससे देश व जनहित प्रभावित हो रहा है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जबरदस्त महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी से दुखी और पीड़ित देश के 81 करोड़ से अधिक लोग जीने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज हैं. यह कोई इनकी रोजी-रोटी का स्थाई हल नहीं है.


बता दें कि लोकसभा चुनाव में अब बिल्कुल भी समय नहीं बचा है. दो माह बाद 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग जाएगी. ऐसे में अब राजनीतिक दल पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गए हैं. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती काफी पहले से ही घोषणा कर चुकी हैं कि वह लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगी. किसी के साथ भी गठबंधन नहीं करेंगी. इसी के मद्देनजर उन्होंने आज बैठक की.

क्या बोले पार्टी विधायक
बहुजन समाज पार्टी के रसड़ा से विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर हम तैयारी कर रहे हैं. बसपा सुप्रीमो लगातार विभिन्न राज्यों के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग कर चुकी हैं. अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग कर रही हैं. मीटिंग का जो भी निष्कर्ष होगा वह मीटिंग समाप्त होने के बाद बताया जाएगा. समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि पहले कई दलों का मिलकर गठबंधन होने की बात चल रही थी, लेकिन, अब सपा रालोद का गठबंधन कल हुआ है. तमाम दल मिलकर एक साथ गठबंधन नहीं कर पा रहे हैं. यही वजह है कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अकेले एकदम ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.

सपा ने आरएलडी के नाम कीं पश्चिम की सात सीटें
कल ही उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन पर मुहर लगी है. सपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सात सीटें आरएलडी के नाम कर दी हैं. ऐसे में अब इन सात सीटों पर बहुजन समाज पार्टी सोच समझकर अपने प्रत्याशी उतारेगी. मायावती को पता है कि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल एक साथ मैदान में उतरेंगे तो उनकी पार्टी के उम्मीदवार की जीत की राह बिल्कुल आसान नहीं होने वाली.

दूसरी पार्टियों में अपनी जगह खोज रहे बसपा के कई सांसद
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को पता है कि वर्तमान में उनकी पार्टी से कई सांसद चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं और वह अपने लिए दूसरी पार्टी में जगह बनाने में जुटे हुए हैं. इनमें अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली पार्टी लाइन से हटकर पहले ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने की बात कह चुके हैं. यह बात मायावती को नागवार गुजरी है. लिहाजा, दानिश अली अपने को कांग्रेस में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और बहुजन समाज पार्टी अब दानिश को टिकट देने से रही. अमरोहा सीट कल हुए सपा आरएलडी गठबंधन में आरएलडी के खाते में जा चुकी है. दानिश अली के अलावा अफजाल अंसारी भी बसपा के बजाय गाजीपुर से सपा से चुनाव लड़ना चाहते हैं. बहुत उम्मीद है कि सपा अफजाल अंसारी को गाजीपुर से प्रत्याशी बना सकती है. इसी तरह वर्तमान में बसपा से सांसद श्याम सिंह भी जौनपुर से बसपा के बजाय अन्य किसी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में इन सीटों पर बसपा सुप्रीमो नए प्रत्याशियों का चयन करने को तैयार हैं.

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Last Updated : Jan 20, 2024, 7:10 PM IST
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