गाजीपुर: माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता सोमवार को रद कर दी गई. दरअसल, गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी को शनिवार को गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने उन्हें 4 साल कैद की सजा सुनाई थी. उनके भाई माफिया मुख्तार अंसारी को भी गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने 10 साल कैद की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही एमपीएमएलए कोर्ट ने मुख्तार पर पांच लाख रुपए और अफजाल अंसारी पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. मुख्तार अंसारी पहले से ही बांदा जेल में बंद है, जबकि, सजा सुनाए जाने से पहले तक सांसद अफजाल अंसारी जमानत पर थे.
एमपीएमएलए कोर्ट से अफजाल अंसारी को सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच जिला कारागार गाजीपुर भेजा गया. जिला जेल में अफजाल अंसारी को अभी लगभग 56 घंटे ही बीते थे कि लोकसभा की सदस्यता भी रद हो गई. अफजाल अंसारी गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट से पांच बार विधायक और गाजीपुर लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं. अफजाल अंसारी कभी सपा तो कभी बीएसपी तो कभी खुद की बनाई पार्टी कौमी एकता दल से पूर्वांचल की राजनीति में दबदबा बनाए रहे. अब लोकसभा की सदस्यता रद होने के बाद उपचुनाव होने की भी चर्चा तेज हो गई है.
29 नवंबर 2005 में तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानन्द राय समेत सात लोगों की की मुहम्मदाबाद के भवारकोल थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी मुख्य आरोपी थे. यह मामला सीबीआई कोर्ट में चल रहा रहा था. सीबीआई कोर्ट से दोनों भाई मुख्तार अंसारी और अफजल अंसारी बरी हो चुके हैं.
मामले में सांसद अफजाल अंसारी और माफिया मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था. एक अप्रैल को बहस पूरी हुई थी. इस मामले में बीते शनिवार को गाजीपुर एमपीएमएलए कोर्ट ने दोनों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी. जिसमें अफजाल अंसारी को चार साल और मुख्तार अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है. दोनों के खिलाफ कोर्ट ने अर्थदंड भी लगाया है.