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रंजीत सागर बांध में दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के दूसरे पायलट का शव 76 दिनों के बाद बरामद - हेलीकॉप्टर के दूसरे पायलट का शव

रंजीत सागर बांध में दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के दूसरे पायलट का शव 76 दिनों के बाद बरामद किया गया है. बता दें कि तीन अगस्त को भारतीय सेना का एक हेलीकॉप्टर रंजीत सागर बांध में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

रंजीत सागर
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Published : Oct 17, 2021, 6:56 PM IST

Updated : Oct 17, 2021, 8:48 PM IST

श्रीनगर :जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अगस्त में हादसे के बाद रणजीत सागर बांध में डूबे सेना के हेलीकॉप्टर के सह-पायलट का शव रविवार को बरामद कर लिया गया. इसके साथ ही दो महीने से जारी तलाशी अभियान पूरा हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कैप्टन जयंत जोशी के पार्थिव शरीर को दोपहर बाद करीब दो बजे बरामद किया गया. यह हाल के इतिहास में सबसे लंबा तलाशी अभियान रहा. उनके अवशेष को बाद में पठानकोट सैन्य ठिकाने पर ले जाया गया.

थल सेना के उड्डयन स्क्वॉड्रन के हेलीकॉप्टर रुद्र ने तीन अगस्त को पठानकोट के मामुन सैन्य ठिकाने से उडान भरी थी और कुछ देर बाद ही वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

गहन तलाशी अभियान के बाद हेलीकॉप्टर के पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल अभीत सिंह बाथ का शव 15 अगस्त को बांध से बरामद किया गया था.

पढ़ें - हेलीकॉप्टर क्रैश : लापता पायलटों के लिए रंजीत सागर बांध में तलाशी अभियान जारी

अधिकारियों ने बताया कि सबसे लंबे तलाशी अभियान में देशभर से सेना, नौसना, वायुसेना, ‘एनडीआरएफ', ‘एसडीआरएफ', जम्मू-कश्मीर पुलिस, बांध प्राधिकरण और निजी कंपनियों के विशेषज्ञों और उपकरणों को हेलीकॉप्टर का मलबा और शवों का पता लगाने के लिए लगाया गया था.

उन्होंने बताया कि भारी मशीनरी और पनडुब्बी बचाव इकाई को भी इस काम में लगाया गया था जबकि नौसेना और थल सेना के विशेष बलों के गोताखोरों ने मिलकर पूरे अभियान के दौरान काम किया. हालांकि, पानी मटमैला और दृष्यता कम होने से उन्हें चुनौती का सामना करना पड़ा.

श्रीनगर :जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अगस्त में हादसे के बाद रणजीत सागर बांध में डूबे सेना के हेलीकॉप्टर के सह-पायलट का शव रविवार को बरामद कर लिया गया. इसके साथ ही दो महीने से जारी तलाशी अभियान पूरा हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कैप्टन जयंत जोशी के पार्थिव शरीर को दोपहर बाद करीब दो बजे बरामद किया गया. यह हाल के इतिहास में सबसे लंबा तलाशी अभियान रहा. उनके अवशेष को बाद में पठानकोट सैन्य ठिकाने पर ले जाया गया.

थल सेना के उड्डयन स्क्वॉड्रन के हेलीकॉप्टर रुद्र ने तीन अगस्त को पठानकोट के मामुन सैन्य ठिकाने से उडान भरी थी और कुछ देर बाद ही वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

गहन तलाशी अभियान के बाद हेलीकॉप्टर के पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल अभीत सिंह बाथ का शव 15 अगस्त को बांध से बरामद किया गया था.

पढ़ें - हेलीकॉप्टर क्रैश : लापता पायलटों के लिए रंजीत सागर बांध में तलाशी अभियान जारी

अधिकारियों ने बताया कि सबसे लंबे तलाशी अभियान में देशभर से सेना, नौसना, वायुसेना, ‘एनडीआरएफ', ‘एसडीआरएफ', जम्मू-कश्मीर पुलिस, बांध प्राधिकरण और निजी कंपनियों के विशेषज्ञों और उपकरणों को हेलीकॉप्टर का मलबा और शवों का पता लगाने के लिए लगाया गया था.

उन्होंने बताया कि भारी मशीनरी और पनडुब्बी बचाव इकाई को भी इस काम में लगाया गया था जबकि नौसेना और थल सेना के विशेष बलों के गोताखोरों ने मिलकर पूरे अभियान के दौरान काम किया. हालांकि, पानी मटमैला और दृष्यता कम होने से उन्हें चुनौती का सामना करना पड़ा.

Last Updated : Oct 17, 2021, 8:48 PM IST
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