लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने मंगलवार को 17 उम्मीदवारों की बहुप्रतीक्षित सूची जारी की. इसमें सबसे अहम लखनऊ के टिकट रहे. लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के जो नाम सामने आए, वो अप्रत्याशित थे. पति और पत्नी के बीच चल रही सियासी रार के चलते सरोजिनी नगर सीट पर वर्तमान महिला एवं बाल कल्याण राज्य मंत्री स्वाति सिंह (Swati Singh) का टिकट कट गया. स्वाति सिंह की जगह भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने वाले ईडी के अधिकारी रहे राज राजेश्वर सिंह को सरोजनी नगर से उम्मीदवार बनाया गया. कैंट सीट को लेकर प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के अपने बेटे मयंक जोशी को टिकट दिलाने के प्रयास ध्वस्त हो गए. यह सीट वर्तमान मध्य लखनऊ मध्य क्षेत्र विधायक और कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक को मिली है.
इसके अलावा मध्य क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने अपने पुराने कार्यकर्ता रजनीश गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है. जबकि लखनऊ पश्चिम क्षेत्र पर एक बार फिर कायस्थ समीकरण को आगे करते हुए यहां से अंजनी श्रीवास्तव को टिकट दिया गया है. अंजनी श्रीवास्तव भी भाजपा के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं. बक्शी तालाब विधायक अविनाश त्रिवेदी का टिकट भी कट गया है. उनकी जगह योगेश शुक्ला को उम्मीदवार बनाया गया. एक और चौकाने वाला निर्णय किया गया है. यहां भाजपा की हृदय नारायण दीक्षित का टिकट कट गया है. उनकी जगह भाजपा नेता आशुतोष शुक्ला को टिकट दिया गया.
भाजपा ने मलिहाबाद में जयदेवी कौशल, लखनऊ उत्तर में डॉ.नीरज बोरा और लखनऊ पूर्व में आशुतोष टंडन के टिकट बरकरार रखे हैं. जबकि बाकी बची हुई सभी सीटों पर प्रत्याशी बदल दिए गए हैं. इनमें से पिछली बार मोहनलालगंज सीट पर भाजपा को कोई प्रत्याशी नहीं था. यहां पर निर्दलीय आरके चौधरी का भाजपा ने समर्थन किया था. इस सीट पर भाजपा ने इस बार अमरेश कुमार को टिकट दिया है. सरोजनी नगर सीट को लेकर वर्तमान विधायक स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह की दावेदारी को लेकर घर का झगड़ा बाहर तक पहुंच चुका था. इस वजह से संगठन ने दोनों को ही टिकट न देते हुए ईडी की नौकरी छोड़कर आए राज राजेश्वर सिंह को यहां से उम्मीदवार बना दिया.
लखनऊ मध्य क्षेत्र से विधायक और मंत्री बृजेश पाठक की सीट बदल कर उनको विवादित कैंट सीट पर भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया है. यहां वर्तमान विधायक सुरेश चंद्र तिवारी का टिकट कटा है. रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी को भी टिकट नहीं मिल सका. मुलायम सिंह यादव की बहू और सपा नेता रही अपर्णा यादव ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी और पिछली बार उन्होंने कैंट से चुनाव भी लड़ा था. मगर भाजपा ने उनके नाम की चर्चा होने के बावजूद अपर्णा को टिकट नहीं दिया. सांसद कौशल किशोर नहीं चाहते थे कि मोहनलालगंज से अविनाश त्रिवेदी को दोबारा टिकट मिले. उनकी ये इच्छा पूरी हुई और उनकी जगह टिकट के मजबूत दावेदार योगेश शुक्ला को भाजपा ने अपना प्रत्याशी चुन लिया है. मोहनलालगंज से एकदम नए नाम को चुनकर भाजपा ने चौंकाया है.
इसी तरह लखनऊ पश्चिम क्षेत्र से भी नया नाम है. मनीष श्रीवास्तव पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं. उनका भाग्य खुल गया है.विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की आयु 75 वर्ष से अधिक हो चुकी है. चर्चा थी कि वे भगवंतनगर सीट पर अपने पुत्र को टिकट दिलाना चाहते थे. मगर उनके पुत्र को भी टिकट नहीं दिया गया. हृदय नारायण दीक्षित का टिकट काटकर आशुतोष शुक्ल को यहां से उम्मीदवार बनाया गया. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने सीतापुर की सिधौली सीट पर सपा से बगावत करके आए अनुराग भदौरिया के साढू मनीष रावत को टिकट दिया है. इससे सपा को वहां पर कड़ी चुनौती मिलेगी. सीतापुर में भाजपा के बगावती हो चुके विधायक राकेश सिंह की जगह उनके ही नाम वाले राकेश सिंह राठौड़ उर्फ गुरु को भाजपा ने उम्मीदवार बनाकर चुनौती पेश की है.