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कोविड -19 के उपचार के लिए फ्लूवोक्सामाइन दवा हो सकती है उपयोगी

शोधकर्ताओं ने एक परीक्षण में पाया है कि एंटीडिप्रेसेंट दवा फ्लूवोक्सामाइन, जो वर्तमान में ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के रोगियों के इलाज के लिए उपयोग की जाती है, कोविड​​-19 के उपचार के लिए उपयोग की जा सकती है. जानें विस्तार से...

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Published : Apr 16, 2020, 1:05 PM IST

हैदराबाद : शोधकर्ताओं ने एक परीक्षण में ऐसी दवा की खोज की है, जो मरीज को संक्रमित करने के लिए कोशिकीय सार्स-कोव -2 को प्रभावी ढंग से अवरुद्ध करती है. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह दवा कोरोना वायरस के लिए एक संभावित उपचार प्रदान कर सकती है.

फिलहाल शोधकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या एंटी डिप्रेसेंट दवा फ्लूवोक्सामाइन, जो वर्तमान में ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के रोगियों के इलाज के लिए उपयोग की जाती है, कोविड​​-19 के उपचार के लिए उपयोग की जा सकती है.

अब तक हुए शोध से पता चला है कि कोरोना वायरस उन लोगों के लिए घातक साबित हुआ, जिनके पास कमजोर प्रतिरक्षा शक्ति है. साथ ही, बीमारी उन लोगों के लिए अधिक घातक है, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है.

वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के अनुसार फ्लूवोक्सामाइन चयनात्मक सेरोटोनिन-रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) नामक दवाओं की श्रेणी में है.

एमडी, वालेस और ल्यूसील रेनार्ड प्रोफेसर ऑफ साइकियाट्री और स्टूडेंट्स प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर एरिक जे लेनजे ने कहा, 'कोविड-19 के इलाज के लिए एक साइकियाट्रिक ड्रग का इस्तेमाल करने से काउंटर टाइनेटिव लग सकता है, लेकिन यह मलेरिया की दवा का इस्तेमाल करने से ज्यादा काउंटर टाइनेटिव नहीं है.'

संक्रामक रोगों के डिवीजन में मेडिसिन के एक सहायक प्रोफेसर, कैलीन मेटर काी कहना है कि कोरोना वायरस को दो महत्वपूर्ण चरण दिखाई देते हैं.

पहला, वायरल संक्रमण, जो लोगों को बुखार और खांसी देता है और उन्हें अन्य लक्षणों के साथ बीमार करता है और दूसरा, जीवन के लिए खतरा भड़काऊ प्रतिक्रिया हो, जिसे 'साइटोकिन स्टोर्म' कहा जाता है.

पढ़ें- कोविड- 19 : भारत ने मॉरिशस और सेशेल्स को भेजीं हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाएं

उन्होंने कहा कि फलूवोक्सामाइन बीमारी के उस दूसरे चरण को रोकने में मदद कर सकता है.

पिछली शोध ने शोधकर्ताओं को सार्स-कोव-2 के प्रवेश में तेजी से ACE2 की पहचान करने में मदद की, जो बीमारी के बारे में बहुत कुछ बताता है जबकि नवीनतम अध्ययन में उन्होंने पाया कि ACE2 का एक घुलनशील रूप वायरस को खत्म कर देता है और इससे बहुत ही तर्कसंगत चिकित्सा हो सकती है.

हैदराबाद : शोधकर्ताओं ने एक परीक्षण में ऐसी दवा की खोज की है, जो मरीज को संक्रमित करने के लिए कोशिकीय सार्स-कोव -2 को प्रभावी ढंग से अवरुद्ध करती है. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह दवा कोरोना वायरस के लिए एक संभावित उपचार प्रदान कर सकती है.

फिलहाल शोधकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या एंटी डिप्रेसेंट दवा फ्लूवोक्सामाइन, जो वर्तमान में ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के रोगियों के इलाज के लिए उपयोग की जाती है, कोविड​​-19 के उपचार के लिए उपयोग की जा सकती है.

अब तक हुए शोध से पता चला है कि कोरोना वायरस उन लोगों के लिए घातक साबित हुआ, जिनके पास कमजोर प्रतिरक्षा शक्ति है. साथ ही, बीमारी उन लोगों के लिए अधिक घातक है, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है.

वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के अनुसार फ्लूवोक्सामाइन चयनात्मक सेरोटोनिन-रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) नामक दवाओं की श्रेणी में है.

एमडी, वालेस और ल्यूसील रेनार्ड प्रोफेसर ऑफ साइकियाट्री और स्टूडेंट्स प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर एरिक जे लेनजे ने कहा, 'कोविड-19 के इलाज के लिए एक साइकियाट्रिक ड्रग का इस्तेमाल करने से काउंटर टाइनेटिव लग सकता है, लेकिन यह मलेरिया की दवा का इस्तेमाल करने से ज्यादा काउंटर टाइनेटिव नहीं है.'

संक्रामक रोगों के डिवीजन में मेडिसिन के एक सहायक प्रोफेसर, कैलीन मेटर काी कहना है कि कोरोना वायरस को दो महत्वपूर्ण चरण दिखाई देते हैं.

पहला, वायरल संक्रमण, जो लोगों को बुखार और खांसी देता है और उन्हें अन्य लक्षणों के साथ बीमार करता है और दूसरा, जीवन के लिए खतरा भड़काऊ प्रतिक्रिया हो, जिसे 'साइटोकिन स्टोर्म' कहा जाता है.

पढ़ें- कोविड- 19 : भारत ने मॉरिशस और सेशेल्स को भेजीं हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाएं

उन्होंने कहा कि फलूवोक्सामाइन बीमारी के उस दूसरे चरण को रोकने में मदद कर सकता है.

पिछली शोध ने शोधकर्ताओं को सार्स-कोव-2 के प्रवेश में तेजी से ACE2 की पहचान करने में मदद की, जो बीमारी के बारे में बहुत कुछ बताता है जबकि नवीनतम अध्ययन में उन्होंने पाया कि ACE2 का एक घुलनशील रूप वायरस को खत्म कर देता है और इससे बहुत ही तर्कसंगत चिकित्सा हो सकती है.

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