लखनऊ : रूस सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति भारत को वर्ष 2021 के अंत से शुरू कर देगा और इसमें कोई देरी नहीं होगी. यह जानकारी बुधवार को रूस के एक शीर्ष अधिकारी ने दी.
भारत के रक्षा सचिव अजीव कुमार से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच आज कुल 14 एमओयू पर साइन हुए हैं.
अजय कुमार ने बताया कि भारत की विभिन्न रक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियों के साथ रूस की कई कंपनियों के बीच करार हुआ है, जिसका भविष्य में दोनों ही देशों को फायदा मिलेगा. उन्होंने बताया कि कल एमओयू साइन सेरेमनी है, उसमें कई सारे देश भारत के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे.
रक्षा सचिव ने बताया कि जल सेना, थल सेना और वायु सेना के लिए रक्षा उपकरण बनाने वाली भारत की कंपनियां और रूस की कई कंपनियां एक-दूसरे देशों के लिए उपकरण बनाएंगी. उन्होंने बताया कि निश्चित तौर पर डिफेंस एक्सपो से भारत को काफी लाभ होगा.
उल्लेखनीय है कि भारत ने 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की प्रतिबंध लगाने की चेतावनी को दरकिनार करते हुए रूस से एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाई पांच अरब डॉलर में खरीदने का करार किया था.
भारत पिछले साल इस मिसाइल प्रणाली के लिए 80 करोड़ डॉलर की पहली किस्त का भुगतान भी कर चुका है.
सैन्य प्रौद्योगिकी सहयोग की संघीय सेवा (एफएसएमटीसी)के उप निदेशक व्लादिमीर द्रोझझोव ने डिफेंस एक्सपो से इतर बताया, 'एस-400 के करार को पूर्व निर्धारित समय सीमा में लागू किया जाएगा. पहली प्रणाली की आपूर्ति वर्ष 2021 के अंत से शुरू हो जाएगी. हम अपने वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बहुत मजबूत है और हम इसे और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
उल्लेखनीय है कि यह मिसाइल रोधी प्रधाली 400 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के विमान, मिसाइल और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट करने में सक्षम है.
एक अन्य रूसी अधिकारी ने बताया कि भारत के लिए एस-400 मिसाइल प्रणाली का निर्माण कार्य शुरू हो गया है और पांच इकाई की आपूर्ति वर्ष 2025 तक कर दी जाएगी.
गौरतलब है कि अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं और इसमें रूस से रक्षा उपकरणों की खरीद करने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है.