राष्ट्रपति से की अपील
राजस्थान में राजनीतिक संकट में बीच कांग्रेस एवं उससे सम्बद्ध विधायकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजकर आरोप लगाया है कि अनेक प्रांतों के राज्यपाल अपने पद की गरिमा की चिंता किये बिना केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर संविधान की घोर अवहेलना कर रहे हैं.
इसमें राजस्थान के राज्यपाल द्वारा विधान सभा का सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दिए जाने का भी जिक्र करते हुए राष्ट्रपति से हस्तपेक्ष करने एवं राज्य सरकार को विधान सभा का सत्र आहूत करने की अनुमति दिलाने की अपील की गयी है.
ज्ञापन में कहा गया है, 'पिछले कुछ समय से विधायकों की खरीद फरोख्त करके एवं अन्य भ्रष्ट आचरण के माध्यम से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई राज्य सरकारों को अपदस्थ करने के भाजपा और इसके नेताओं के कुत्सित प्रयास न सिर्फ देश के लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं, बल्कि देश के संविधान की धज्जियां भी उड़ा रहे हैं.'
इसमें कहा गया है, 'देश की जनता अवाक है. अनेक प्रांतों के राज्यपाल अपने पद की गरिमा की चिंता किये बिना (केंद्र में) सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर संविधान की घोर अवहेलना कर रहे हैं.'
ज्ञापन में कहा गया है, 'इन परिस्थितियों से राजस्थान जैसे शांतिप्रिय राज्य में खरीद-फरोख्त के जो समाचार पूरे देश की जनता के सामने आये हैं, वे स्तब्धकारी हैं. केन्द्रीय मंत्रियों के खरीद-फरोख्त करने और भ्रष्ट आचरण के प्रथम दृष्ट्या प्रमाण पाये जाने के बावजूद भी उन्हें मंत्रिमंडल से नहीं हटाया जाना लोकतंत्र के माथे पर कलंक के समान है.'
इसमें कहा गया है, 'लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों और जनप्रतिनिधियों को कमजोर करने और डराने के लिये राजनीतिक बदले की भावना से ईडी, आयरकर विभाग एवं सीबीआई का जो भारी दुरुपयोग किया जा रहा है, वह घोर निन्दनीय है.'
ज्ञापन में कहा गया है कि विधायक चाहते हैं कि विधान सभा का सत्र बुलाकर कोरोना वायरस संकट सहित राज्य की विभिन्न आर्थिक समस्याओं के बारे में विधान सभा में सभी दलों के साथ चर्चा करके उचित फैसले किए जा सकें, लेकिन राज्य सरकार को विधान सभा का सत्र नहीं बुलाने दिया जा रहा है.
ज्ञापन में राष्ट्रपति से हस्तेक्षप की अपील करते हुए कहा गया है, 'कृपया हमारे ज्ञापन को पढ़कर और राजस्थान से सम्बन्धित सारी जानकारी लेकर हस्तक्षेप करें और राज्य सरकार को विधान सभा का सत्र आहूत करने की अनुमति दिलायें.'