तिरुवनंतपुरम: जेल में सजा काट रहे कैदियों को भी अब सामान्य जीवन देने की पहल की जा रही है. केरल में इसका एक बेहतरीन उदाहरण देखने को मिल रहा है. यहां कैदी अब पेट्रोल पंप पर काम कर सकेंगे और सैलरी अपने घर भेज सकेंगे.
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर केरल सरकार ने जेल परिसर से ही पेट्रोल पंपों को चालू किया है. जेल डीजीपी ऋषिराज सिंह ने कहा कि सरकार ने जेल के कैदियों को पेट्रोल पंपों पर रोजगार देने की पहल की है, क्योंकि राज्य में ऐसी कई योजनाएं हैं, जिनमें कैदी भी एक हिस्सा हैं और उन्हें रोजगार दिया जाना चाहिए.
जेल डीजीपी ने कहा कि हर एक पेट्रोल पंप पर 15 कैदियों को काम मिलेगा. तिरुवनंतपुरम, वियूर और चेमनी जेलों के आउटलेट गुरुवार से काम करने लगे हैं.
ऋषिराज सिंह ने कहा कि कई लोग संदेह व्यक्त कर रहे हैं कि क्या कैदी भागने की कोशिश नहीं करेंगे, लेकिन उनके साथ काम करने का मेरा अनुभव है कि वे ऐसा नहीं करेंगे. जेल के ये कैदी केरल में पांच कैफेटेरिया को मैनेज कर रहे हैं और अपने तैयार किए हुए भोजन बेच रहे हैं. हम उन्हें इस काम के लिए रोजाना 220 रुपये देते हैं और कोरोना काल में भी कैदी इसे बेहतर तरीके से चला रहे हैं.
जेल परिसर में चार पेट्रोल पंप लगाने के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लगभग 9.5 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है. वहीं जेल की ओर से पेट्रोलियम आउटलेट स्थापित करने के लिए शेयर 30 लाख रुपये है. इन तीनों के अलावा, इसे कन्नूर जेल में भी शुरू किया जाएगा.
तिरुवनंतपुरम में लगभग 25 प्रतिशत, कन्नूर में 39 प्रतिशत, वियूर में 25 प्रतिशत और चेमनी ओपन जेल में 25 प्रतिशत आवंटित किए गए हैं.
इसके जरिए सरकार को हर महीने 5.9 लाख रुपये का किराया भी मिलेगा. भविष्य में सीएनजी और विद्युत चार्जिंग स्टेशन स्थापित करके परियोजना का विस्तार करने की भी योजना है. इन पेट्रोल पंप पर सार्वजनिक सुविधा केंद्र भी रहेंगे.