नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले के गुनहगारों में एक पवन कुमार गुप्ता की भी दया याचिका बुधवार को खारिज कर दी. इसके बाद दिल्ली सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की. फांसी की नई तारीख तय करने के लिए दाखिल इस याचिका पर अदालत ने दोषियों को नोटिस जारी कर गुरुवार तक जवाब देने को कहा है.
दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा कि निर्भया मामले में दोषियों ने सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग कर लिया है, अब कोई विकल्प शेष नहीं रहा.
अदालत ने दोषियों के स्वास्थ्य जांच वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
इसके पूर्व दिल्ली उच्च न्यायालय ने चारों दोषियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच कराने और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को हस्तक्षेप करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया.
मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि इसे सबसे पहले एनएचआरसी के समक्ष पेश किया जाना चाहिए था.
पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को एनएचआरसी जाने को कहा.
याचिकाकर्ता अधिवक्ता ए. राजराजन ने दावा किया था कि चारों दोषियों - मुकेश कुमार सिंह (32), पवन कुमार गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को कारावास में अलग-थलग रखा गया है. इससे उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है.
याचिका में यह आरोप भी लगाया गया था कि चारों अभियुक्त जेल में शारीरिक शोषण का सामना कर रहे थे.
याचिका में यह दावा भी किया गया था कि अधिकारियों ने मई 2017 में उच्चतम न्यायालय द्वारा उनकी अपीलों को खारिज किए जाने के 30 दिन पूरे होने पर चारों दोषियों की मौत की सजा को कार्यान्वित करने के लिए प्रक्रिया नहीं शुरू की और कानून के विपरीत काम किया.की नयी तारीख तय करने के लिए दिल्ली सरकार की याचिका पर अदालत ने निर्भया मामले के दोषियों को नोटिस जारी कर कल तक जवाब देने को कहा.
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने फांसी की सजा पाए दोषी पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिक खारिज कर दी थी, जिसके बाद पवन ने फांसी से बचने का आखिरी रास्ता अपनाते हुए राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी. इससे पहले राष्ट्रपति तीन अन्य दोषियों की दया याचिका भी खारिज कर चुके हैं. इसके साथ ही चारों दोषियों के सभी विकल्प समाप्त हो गए हैं और उन्हें कभी भी फांसी हो सकती है. अब जेल प्रशासन नए डेथ वारंट के लिए अदालत के पास जाएगा. नई तारीख मिलते ही चारों को फांसी दी जाएगी.
बता दें, पवन समेत तीन अन्य दोषियों को तीन मार्च को फांसी होने वाली थी, लेकिन दोषियों ने डेथ वारंट पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
इसी बीच पवन ने एक याचिका में अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. कोर्ट अब फांसी की नई तारीख का एलान करेगा.
दक्षिणी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में एक छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी और दोषियों ने बर्बरता करने के बाद उसे बस से फेंक दिया था. एक पखवाड़े बाद उसकी मौत हो गई.