पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों में चुनाव प्रचार का शोर आज थम गया. दूसरे चरण में 1,463 उम्मीदवार मैदान में है. इनमें 1,316 पुरुष, 146 महिला और एक थर्ड जेंडर प्रत्याशी शामिल हैं. इस चरण में निबंधित गैर मान्यता प्राप्त दलों से 623 और 513 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. दूसरे चरण के मतदान के लिए 41,362 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
दूसरे चरण का मतदान
दूसरे चरण में पटना में 9, नालंदा में 7, भागलपुर में 5, खगड़िया में 4, बेगूसराय में 7, समस्तीपुर में 5, वैशाली में 4, सारण में 10, सिवान में 8, गोपालगंज में 6, मुजफ्फरपुर में 5, दरभंगा में 5, मधुबनी में 4, सीतामढ़ी में 3, शिवहर में एक, पूर्वी चंपारण में 6, पश्चिमी चंपारण में 3 सीटों पर 3 नवंबर को मतदान होगा.
कुल मतदाता | पुरूष | महिला | थर्ड जेंडर | सर्विस वोटर |
2,86,11,164 | 1,50,33,034 | 1,35, 16,271 | 980 | 60,889 |
23 सीटों पर एक भी महिला प्रत्याशी नहीं
दूसरे चरण में 23 विधानसभा क्षेत्रों में एक भी महिला उम्मीदवार नहीं है. दूसरे चरण के कुल सीटों में एक दर्जन सीटें एससी के लिए आरक्षित है. इस चरण में एक ट्रांसजेंडर भी चुनावी मैदान में हैं. वह गोपालगंज की हथुआ विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी हैं. सबसे खास बात यह है कि यहां से एक भी महिला मैदान में नहीं है.
4 मंत्रियों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई
- नंदकिशोर यादव- पटना साहिब (बीजेपी)
- राणा रणधीर सिंह- मधुबन (बीजेपी)
- श्रवण कुमार- नालंदा (जेडीयू)
- रामसेवक सिंह- हथुआ (जेडीयू)
दूसरे चरण में चुनावी मैदान में कई दिग्गज
- वैशाली के राघोपुर से तेजस्वी यादव
- समस्तीपुर के हसनपुर से तेज प्रताप यादव
- बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर से मंजू वर्मा
- पटना के कुम्हरार से अरुण सिन्हा
दूसरे चरण में किस दल के कितने प्रत्याशी ?
पार्टी का नाम | प्रत्याशियों की संख्या |
आरजेडी | 56 |
बीजेपी | 46 |
जेडीयू | 43 |
एलजेपी | 52 |
कांग्रेस | 24 |
रालोसपा | 36 |
बसपा | 33 |
राकांपा | 29 |
सीपी (आई) | 04 |
सीपीआई (एम) | 04 |
दूसरे चरण के चुनाव में महाराजगंज में सबसे अधिक 27 प्रत्याशी और दरौली (सुरक्षित) में सबसे कम 4 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
बता दें कि आज से चुनावी सभा नुक्कड़ इत्यादि से होने वाले चुनाव प्रचार पर रोक लग गई है.
सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त
सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव के 48 घंटे पहले निषेध आज्ञा लागू होगी और पुलिस के पास कार्रवाई को लेकर बड़ा आधार होगा. मुंगेर कांड के बाद अब चुनाव में सुरक्षा को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई है. इन इलाकों में सार्वजनिक स्थलों पर एक साथ चार लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हैं. ऐसा नहीं करने पर पुलिस धारा 144 तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर सकती है.