नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने दोहराया है कि कोई भी राजनीतिक नेता केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नजरबंद नहीं है. लोकसभा में बयान देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक परिवर्तन और पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ पूरी तरह से मुख्यधारा में एकीकृत हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि परिवर्तनों के मद्देनजर सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कई उपाय किए गए, जिनमें कुछ व्यक्तियों की हिरासत में लिया गया. रेड्डी ने कहा कि 11 सितंबर तक 223 लोगों हिरासत में लिया गया है.
उन्होंने कहा कि संवैधानिक परिवर्तनों के परिणामस्वरूप भारत के संविधान में निहित सभी अधिकार, सभी केंद्रीय कानूनों का लाभ अब जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए उपलब्ध है.
रेड्डी ने कहा कि परिवर्तनों से दोनों संघ शासित प्रदेशों में सामाजिक और आर्थिक विकास हुआ है.
रेड्डी ने कहा कि लोगों के सशक्तीकरण, अन्यायपूर्ण कानूनों को हटाना, इक्विटी और निष्पक्षता उन लोगों के लिए लाना जो सदियों से भेदभाव का शिकार होते रहे अब वे व्यापक विकास के साथ मिल रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में इस क्षेत्र के लिए 30,757 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
रेड्डी ने कहा कि आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में सीमा पर घुसपैठ के लिए नियमित प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस साल 5 अगस्त 2019 से 10 मार्च तक जम्मू-कश्मीर में 79 आतंकवादी घटनाएं हुई हैं. ऐसी घटनाओं में 49 आतंकवादियों को निष्प्रभावी कर दिया गया है.
विडंबना यह है कि फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में 82 सुरक्षाकर्मियों शहीद हुए हैं.