नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नर्मदा हॉस्टल से सोमवार को दो छात्रों के बीच मारपीट की बात सामने आई है. घटना को लेकर जेएनयू के छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने एबीवीपी पर मारपीट का आरोप लगाया है.
वहीं एबीवीपी ने इस आरोप का खंडन किया और कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में शांति बहाल होने और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में छात्रों के रजिस्ट्रेशन कराने से लेफ्ट बौखला गया है और इसी बौखलाहट में दो छात्रों के बीच हुई कहासुनी को राजनीतिक झगड़ा बता कर मीडिया का ध्यान खुदपर आकर्षित करना चाहते हैं.
बता दें कि 5 जनवरी को हुई बड़ी हिंसा के बाद अब सोमवार को भी हॉस्टल से झगड़े की खबर सामने आई है. इस मारपीट को लेकर जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष आइशी घोष ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा कि 5 तारीख को हुई हिंसा को 14 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.
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उसी का नतीजा है कि बेखौफ एबीवीपी के कार्यकर्ता अब छात्रावास में घुसकर छात्रों को पीट रहे हैं. वहीं उन्होंने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को गुंडा बताया और कहा कि सीनियर वार्डन और प्रॉक्टर को एबीवीपी के खिलाफ तत्काल कदम उठाने चाहिए.
एबीवीपी ने आरोपो का किया खंडन
वहीं खुद पर लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए एबीवीपी जेएनयू इकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में शांति बहाल होने और अधिक से अधिक छात्रों द्वारा विंटर सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन कराने से लेफ्ट बौखला गया है. यह लेफ्ट का दोहरा चरित्र है, जिसके चलते वह आए दिन कोई न कोई ऐसे मुद्दे ढूंढते रहते हैं.
जिससे विश्वविद्यालय परिसर में अशांति छाई रहे. उन्होंने कहा कि एबीवीपी हमेशा से विश्वविद्यालय में शांति बनाए रखने के पक्ष में रही है. यही कारण है कि लेफ्ट आए दिन कोई-न-कोई मौका ढूंढता है एबीवीपी को बदनाम करने के लिए और इस वक्त भी वह यही कर रहा है.
उन्होंने कहा कि जब लेफ्ट के पास झगड़े का कोई कारण नहीं बचा तो उन्होंने दो छात्रों के बीच हुई कहासुनी को राजनीतिक झगड़े का नाम दे दिया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नर्मदा हॉस्टल में रहने वाले छात्र राघिब अकरम को कुछ छात्रों ने इसलिए पीटा क्योंकि वह नर्मदा हॉस्टल के मेस में खाना खा रहे थे, जबकि वह दूसरे छात्रावास के थे और उन्हें वहां खाना खाने की अनुमति नहीं थी.