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बाघ जनगणना की रिपोर्ट जारी, मध्य प्रदेश में हैं सर्वाधिक 526 बाघ - बाघ जनगणना

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस से एक दिन पहले केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने टाइगर जनगणना की रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.

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भारत बाघों के प्रबंधन के नेतृत्व के लिए तैयार
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Published : Jul 28, 2020, 7:49 PM IST

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है. इससे एक दिन पहले केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बाघ जनगणना की रिपोर्ट जारी की. जिसमें कहा गया कि भारत आज बाघ श्रेणी (tiger range) के देशों के साथ मिलकर बाघों के संरक्षण में विश्व का नेतृत्व करने के लिए तैयार है.

केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में 50 टाइगर रिजर्व हैं और उनमें से किसी की भी गुणवत्ता खराब नहीं है.

उन्होंने कहा कि वैश्विक भूमि का सिर्फ 2.5 फीसदी, चार फीसदी वर्षा और विश्व की आबादी का 16 फीसदी होने के बावजूद, भारत वैश्विक जैव विविधता के मामले में अग्रणी है. दुनिया की 70 फीसदी बाघ की आबादी भारत में है.

गौरतलब है कि बाघों की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 526 बाघ हैं. इसके बाद कर्नाटक में 524 बाघ और उत्तराखंड में 442 बाघ हैं.

पढ़ें : हर साल छह प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं बाघ : केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय

बता दें कि 13 बाघ रेंज देशों की सरकारों ने 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का संकल्प लिया है. इन देशों में भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं.

कार्यक्रम में मौजूद पर्यावरण राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि बाघ जनगणना 2018 के लिए जंगलों में कैमरा ट्रैप द्वारा लगभग 3.5 करोड़ तस्वीरें ली गईं, जिनमें से 76,651 तस्वीरें बाघों की थीं और 51,777 तेंदुए की थीं.

उन्होंने यह भी कहा कि बाघ संरक्षण में भारत का योगदान इतना आकर्षक है कि इस रिपोर्ट को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है. इससे एक दिन पहले केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बाघ जनगणना की रिपोर्ट जारी की. जिसमें कहा गया कि भारत आज बाघ श्रेणी (tiger range) के देशों के साथ मिलकर बाघों के संरक्षण में विश्व का नेतृत्व करने के लिए तैयार है.

केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में 50 टाइगर रिजर्व हैं और उनमें से किसी की भी गुणवत्ता खराब नहीं है.

उन्होंने कहा कि वैश्विक भूमि का सिर्फ 2.5 फीसदी, चार फीसदी वर्षा और विश्व की आबादी का 16 फीसदी होने के बावजूद, भारत वैश्विक जैव विविधता के मामले में अग्रणी है. दुनिया की 70 फीसदी बाघ की आबादी भारत में है.

गौरतलब है कि बाघों की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 526 बाघ हैं. इसके बाद कर्नाटक में 524 बाघ और उत्तराखंड में 442 बाघ हैं.

पढ़ें : हर साल छह प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं बाघ : केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय

बता दें कि 13 बाघ रेंज देशों की सरकारों ने 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का संकल्प लिया है. इन देशों में भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं.

कार्यक्रम में मौजूद पर्यावरण राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि बाघ जनगणना 2018 के लिए जंगलों में कैमरा ट्रैप द्वारा लगभग 3.5 करोड़ तस्वीरें ली गईं, जिनमें से 76,651 तस्वीरें बाघों की थीं और 51,777 तेंदुए की थीं.

उन्होंने यह भी कहा कि बाघ संरक्षण में भारत का योगदान इतना आकर्षक है कि इस रिपोर्ट को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.

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