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भारत व फ्रांस ने हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया - Chinese Army Activities in Indian Ocean

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली ने हिंद महासागर में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया. पार्ली ने कहा कि फ्रांस की वैश्विक सैन्य आपूर्ति श्रृंखला के साथ भारतीय रक्षा उद्योग को एकीकृत करने के लिए फ्रांस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों देश रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली
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Published : Sep 10, 2020, 10:45 PM IST

नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली ने बृहस्पतिवार को विस्तृत बातचीत की और इस दौरान उन्होंने हिंद महासागर में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया.

हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ रही हैं. समझा जाता है कि सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के चार महीने के गतिरोध के बारे में भी पार्ली को अवगत कराया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण आयाम ​​की समीक्षा की और पारस्परिक हित वाले समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

सूत्रों ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस सहयोग के संयुक्त सामरिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया. दोनों नेताओं की यह वार्ता पांच राफेल लड़ाकू विमानों को अंबाला वायुसेना अड्डे पर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में औपचारिक रूप से शामिल किए जाने के बाद हुयी.

दोनों मंत्रियों ने बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली के पालम वायु सेना स्टेशन में भी संक्षिप्त मुलाकात की थी.दोपहर बाद दिल्ली लौटने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और फ्लोरेंस पार्ली ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने के लिए वार्ता की.

इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए पार्ली ने कहा कि फ्रांस की वैश्विक सैन्य आपूर्ति श्रृंखला के साथ भारतीय रक्षा उद्योग को एकीकृत करने के लिए फ्रांस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों देश रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना में राफेल विमानों का शामिल किया जाना द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय है. पार्ली ने कहा कि फ्रांस और भारत की रणनीतिक साझेदारी कई दशकों की मित्रता और साझा मूल्यों पर आधारित है. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के बाद से, हमारे दो लोकतंत्र काफी निकटता से सहयोग कर रहे हैं। फ्रांस अच्छे और बुरे समय में हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है.

उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा किया और भारतीय नायकों को श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली से वार्ता की. वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने के लिए बृहस्पतिवार को वार्ता की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि वार्ता दोनों देशों के बीच समग्र सामरिक संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर केंद्रित थी. इससे पूर्व दिन में पार्ली अंबाला वायुसेना अड्डे पर हुए एक समारोह में शामिल हुई थी जहां पांच राफेल लड़ाकू विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. समारोह के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्ली ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की.

यह भी पढ़ें - घबराया चीन, अपने नागरिकों को समझा रहा कि वो लड़ सकता है युद्ध

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्ली ने कहा कि फ्रांस की वैश्विक सैन्य आपूर्ति श्रृंखला के साथ भारतीय रक्षा उद्योग को एकीकृत करने के लिए फ्रांस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों देश रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं.

पांच राफेल विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंची थी. इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 36 विमानों की खरीद के लिए अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली ने बृहस्पतिवार को विस्तृत बातचीत की और इस दौरान उन्होंने हिंद महासागर में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया.

हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ रही हैं. समझा जाता है कि सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के चार महीने के गतिरोध के बारे में भी पार्ली को अवगत कराया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण आयाम ​​की समीक्षा की और पारस्परिक हित वाले समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

सूत्रों ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस सहयोग के संयुक्त सामरिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया. दोनों नेताओं की यह वार्ता पांच राफेल लड़ाकू विमानों को अंबाला वायुसेना अड्डे पर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में औपचारिक रूप से शामिल किए जाने के बाद हुयी.

दोनों मंत्रियों ने बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली के पालम वायु सेना स्टेशन में भी संक्षिप्त मुलाकात की थी.दोपहर बाद दिल्ली लौटने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और फ्लोरेंस पार्ली ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने के लिए वार्ता की.

इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए पार्ली ने कहा कि फ्रांस की वैश्विक सैन्य आपूर्ति श्रृंखला के साथ भारतीय रक्षा उद्योग को एकीकृत करने के लिए फ्रांस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों देश रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना में राफेल विमानों का शामिल किया जाना द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय है. पार्ली ने कहा कि फ्रांस और भारत की रणनीतिक साझेदारी कई दशकों की मित्रता और साझा मूल्यों पर आधारित है. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के बाद से, हमारे दो लोकतंत्र काफी निकटता से सहयोग कर रहे हैं। फ्रांस अच्छे और बुरे समय में हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है.

उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा किया और भारतीय नायकों को श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली से वार्ता की. वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने के लिए बृहस्पतिवार को वार्ता की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि वार्ता दोनों देशों के बीच समग्र सामरिक संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर केंद्रित थी. इससे पूर्व दिन में पार्ली अंबाला वायुसेना अड्डे पर हुए एक समारोह में शामिल हुई थी जहां पांच राफेल लड़ाकू विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. समारोह के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्ली ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की.

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्ली ने कहा कि फ्रांस की वैश्विक सैन्य आपूर्ति श्रृंखला के साथ भारतीय रक्षा उद्योग को एकीकृत करने के लिए फ्रांस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों देश रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं.

पांच राफेल विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंची थी. इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 36 विमानों की खरीद के लिए अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

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