नई दिल्ली : भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों के बीच गलवान क्षेत्र के उत्तर में देपसांग के मैदानी इलाकों से सैनिकों को हटाने के संबंध में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास वार्ता हुई. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों ने कहा कि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मेजर जनरल-स्तरीय वार्ता, दौलत बेग ओल्डी में देपसांग के मैदानों से सैनिकों और मैटेरियल को हटाने को लेकर हो रही है.
तीन माउंटेन डिवीजन के कमांडिंग ऑफिसर मेजर जनरल अभिजीत बापट भारतीय पक्ष से वार्ता की अगुवाई कर रहे हैं.
बैठक का मुख्य एजेंडा देपसांग के मैदानी इलाकों की स्थिति से निपटना है, जिसमें देपसांग के अपोजिट लगभग 15,000 चीनी सैनिकों का बड़ा जमावड़ा है.
बैठक में 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित 900 वर्ग किलोमीटर के मैदानों से सैनिकों को वापस बुलाने और वहां से हटाने की प्रणाली पर काम करने के बारे में चर्चा होगी.
भारतीय सेना की देपसांग के मौदानों में अच्छी पैठ है जबकि पीपल्स लिबरेशन आर्मी अपने पूर्वी छोर पर है. चीनी सैनिक दौलत बेग ओल्डी के रणनीतिक एयरफील्ड से से 25 किलोमीटर दूर 'बॉटलनेक' नाम के क्षेत्र पर फोकस कर रहे हैं.
दोनों तरफ के सैनिक 'ग्रे जोन' क्षेत्रों में एक-दूसरे को गश्त के अधिकारों से वंचित कर रहे हैं, जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा की धारणा कई किलोमीटर तक बदलती है.
शनिवार की बैठक लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बैठकों का परिणाम है, जिनमें से पांच बैठकों का आयोजन छह जून से किया गया है.