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कश्मीर में अब पंडितों के वापस आने से बहाल होगी कश्मीरियत: मुरली मनोहर जोशी

केंद्र सरकार ने आज राज्य सभा में अनुच्छेद 370 पर बड़ा फैसला लिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने इसे सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया है. पढ़ें पूरी खबर...

मुरली मनोहर जोशी
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Published : Aug 5, 2019, 7:18 PM IST

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अनुच्छेद 370 में बड़े बदलाव किए हैं. इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि, 370 पर निर्णय के बाद वहां कश्मीरियत कैसे बहाल करेंगे यह केंद्र सरकार को सोचना होगा.

केंद्र के फैसले पर बात करते भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी

आपको बता दें कि जोशी भाजपा कार्यकारिणी में हमेशा से कश्मीर पर प्रस्ताव तैयार करते रहे हैं. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में उनके साथ कश्मीर को लेकर कई रणनीतियां बनाई थीं. यही नहीं जोशी ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा भी निकाली थी.

पढ़ें-अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद सेना हाई अलर्ट पर, जम्मू में सेना की छह टुकड़ियां तैनात

बातचीत में उन्होंने कहा कि धारा 370 या 35ए जैसी व्यवस्था ही शुरुआत में गलत थीं, जो राजा हरि सिंह के समय में लगवाई गई थीं. कश्मीरियत वहां तभी बहाल होगी जब कश्मीरी पंडित भी वहां वापस जाकर अपने मूल निवास स्थान में बस पाएंगे. केंद्र के इस कदम पर मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं.

केंद्र के फैसले पर सदन में जमकर विरोध हुआ. इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, जब भी राजनीति में कोई बड़ा फैसला लिया जाता है तो उसमें विरोध को भी लेकर चलना होता है. मगर अब सरकार के सामने यह एक बड़ी चुनौती होगी कि वहां शांति व्यवस्था बहाल करते हुए कश्मीरियत को पूरी तरह से कैसे बहाल करते हैं.

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अनुच्छेद 370 में बड़े बदलाव किए हैं. इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि, 370 पर निर्णय के बाद वहां कश्मीरियत कैसे बहाल करेंगे यह केंद्र सरकार को सोचना होगा.

केंद्र के फैसले पर बात करते भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी

आपको बता दें कि जोशी भाजपा कार्यकारिणी में हमेशा से कश्मीर पर प्रस्ताव तैयार करते रहे हैं. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में उनके साथ कश्मीर को लेकर कई रणनीतियां बनाई थीं. यही नहीं जोशी ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा भी निकाली थी.

पढ़ें-अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद सेना हाई अलर्ट पर, जम्मू में सेना की छह टुकड़ियां तैनात

बातचीत में उन्होंने कहा कि धारा 370 या 35ए जैसी व्यवस्था ही शुरुआत में गलत थीं, जो राजा हरि सिंह के समय में लगवाई गई थीं. कश्मीरियत वहां तभी बहाल होगी जब कश्मीरी पंडित भी वहां वापस जाकर अपने मूल निवास स्थान में बस पाएंगे. केंद्र के इस कदम पर मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं.

केंद्र के फैसले पर सदन में जमकर विरोध हुआ. इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, जब भी राजनीति में कोई बड़ा फैसला लिया जाता है तो उसमें विरोध को भी लेकर चलना होता है. मगर अब सरकार के सामने यह एक बड़ी चुनौती होगी कि वहां शांति व्यवस्था बहाल करते हुए कश्मीरियत को पूरी तरह से कैसे बहाल करते हैं.

Intro: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने ईटीवी से खास बातचीत में कहा की धारा 370 हटाने के बाद वहां कश्मीरियत कैसे बाहर है यह काम अब केंद्र सरकार को करना है और यह एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम है धारा 370 लगना ही गलत था और जब अब इसे हटा दिया गया है तो चाहे बाकी पार्टियां कुछ भी कहे जब यह कदम उठा लिया गया है तो अब सरकार को मुंह फॉरवर्ड और बाकी पार्टियों को भी मूव फॉरवर्ड करना होगा


Body:भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी जो भाजपा कार्यकारिणी में हमेशा से कश्मीर पर प्रस्ताव भी तैयार करते रहे है और जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में उनके साथ कश्मीर को लेकर कई रणनीति बनाई थी और यही नहीं कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा निकाली थी उन्होंने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि सरकार ने यह फैसला ऐतिहासिक फैसला किया है हां यह अलग बात है कि यह फैसला किस तरह से लिया गया भले ही बाकी पार्टियां इस तरीके से या फिर उन्हें विश्वास में लेकर लेने की बात कह रही है तो यह एक रास्ता वह भी था मगर अब जब सरकार ने फैसला ले लिया है तो यह फैसला हो चुका है और अब इसे पीछे नहीं लौट सकते और सरकार को अब मुंह फॉरवर्ड मूव फॉरवर्ड करना चाहिए


Conclusion: धारा 370 या 35a जैसी व्यवस्था ही शुरुआत में गलत थी जो राजा हरि सिंह के समय में लगवाई गई थी कश्मीरियत वहां तभी बहाल होगी जब कश्मीरी पंडित भी जाकर अपनी अपने निवास स्थान में बसाएंगे लद्दाख को अलग टेरिटरी बनाया जाना और जम्मू कश्मीर को यूनियन टेरिटरी बनाया जाना अपने आप में एक ऐतिहासिक और बड़ा कदम है इसके लिए मैं नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं विरोध तो होते हैं जब भी राजनीति में कोई बड़ा फैसला लिया जाता है तो उसमें विरोध को भी लेकर चलना होता है मगर अब सरकार के सामने यह एक बड़ी चुनौती होगी कि वहां शांति व्यवस्था बहाल करते हुए कश्मीरियत को पूरी तरह से कैसे बहाल करें
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