नई दिल्ली : दिसंबर, 2019 में चीन के वुहान शहर से कोरोना महामारी के सामने आने के बाद भी भारत में काफी समय तक पाबंदियां नहीं लगाई गई थीं. जनता की जागरूक करने के मकसद से 22 मार्च को देशव्यापी जनता कर्फ्यू लगाया गया था. इसी के बाद संसद का बजट सत्र भी विगत 23 मार्च को समाप्त हो गया था. इसलिए भारत के संविधान के आदेशपत्र के अनुसार, दो सत्रों के बीच अधिकतम छह महीने का अंतर 22 सितंबर को समाप्त होता है.
संसद में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने का अनुरोध करते हुए बताया कि मानसून सत्र की तारीख तय करने के लिए संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) इस सप्ताह बैठक करेगी.
सरकार सीसीपीए बैठक में अपने कामकाज के विवरण को भी साझा करेगी, जो पिछले सप्ताह होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों और अन्य अधिकारियों की व्यस्तताओं के कारण नहीं हो सका.
अधिकारी ने कहा कि संसद के सत्र का संचालन करने के लिए केंद्र सरकार से अब तक 'कोई लिखित सूचना' नहीं मिला है.
लोकसभा सचिवालय मामले के जानकार एक अन्य अधिकारी ने बताया, 'यह ज्ञात है कि मानसून सत्र 23 सितंबर से पहले किसी भी समय शुरू हो जाएगा. चूंकि बैठने की व्यवस्था के संबंध में लोकसभा में तैयारी अभी भी लंबित है, इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि सरकार सितंबर के दूसरे सप्ताह में मानसून सत्र की तारीख घोषित कर सकती है.'
संसद के कई सदस्यों ने यह भी कहा कि उन्हें कुछ जानकारियां मिली हैं कि सत्र सितंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू हो सकता है.
संसद सत्र की घोषणा और शुरू होने के बीच आमतौर पर 14 दिनों का अंतर होता है.
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सांसद, हालांकि, अभी तक इस बात को लेकर यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों सदनों की कार्यवाही रोजाना होगी या नहीं.
लोकसभा की कार्यवाही अलग-अलग चैंबर में आयोजित करने की व्यवस्था अभी भी अध्यक्ष ओम बिड़ला और लोकसभा सचिवालय के पास विचाराधीन है, और अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है.
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को मानसून सत्र के लिए अगस्त के तीसरे सप्ताह तक पूरी तैयारी के लिए निर्देश दिया था और लोकसभा के भी अगले सप्ताह तक इसी तरह की घोषणा के साथ आने की उम्मीद है.
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सूत्रों ने कहा कि कई बैठकों के बाद सांसदों को बैठाने को लेकर जो सहमति बनी उसके मुताबकि राज्यसभा चैंबर और दीर्घाओं और लोकसभा चैंबर का इस्तेमाल उच्च सदन के सदस्यों को बैठाने के लिए किया जाएगा.
सभी मंत्रियों सहित 60 सदस्यों को राज्यसभा चैंबर में, 51 को दीर्घाओं (पहली पंक्ति को छोड़कर) और शेष 132 को लोकसभा चैंबर में बैठाया जाएगा.
लोकसभा अधिकारी अपने 542 सदस्यों को बैठने के लिए संसद भवन में सेंट्रल हॉल और बालयोगी सभागार का इस्तेमाल कर सकते हैं. राज्यसभा की सदस्य संख्या 241 है.
सेंट्रल हॉल का इस्तेमाल दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए किया जाता है और सांसद अपने-अपने सदन में ब्रेक के दौरान वहां बैठते हैं.
लगभग 800 की बैठने की क्षमता के साथ, हॉल 'फिजिकल डिस्टेंसिंग' (शारीरिक दूरी) के मानदंडों को सुनिश्चित करते हुए लोकसभा के सदस्यों को समायोजित कर सकता है.
(आईएएनएस)