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ओवैसी का प्रहार - CAB का समर्थन कर अवसरवाद की राजनीति पर उतरी शिवसेना

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करने वाली शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम में 'धर्मनिरपेक्ष' लिखते हैं जबकि यह विधेयक धर्मनिरपेक्षता और अनुच्छेद 14 के खिलाफ है. शिवसेना की यह अवसरवाद की राजनीति है.

मीडिया से बात करते ओवैसी
मीडिया से बात करते ओवैसी
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Published : Dec 10, 2019, 7:30 PM IST

नई दिल्ली : हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करने पर शिवसेना पर निशाना साधा है. उन्होंने शिवसेना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह भांगड़ा और वसरवाद की राजनीति है.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष ओवैसी ने कहा कि यह 'भांगड़ा राजनीति' है. वह (शिवसेना) सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम में 'धर्मनिरपेक्ष' लिखते हैं, यह विधेयक धर्मनिरपेक्षता और अनुच्छेद 14 के खिलाफ है. यह उनकी अवसरवाद की राजनीति है.

मीडिया से बात करते असदुद्दीन ओवैसी.

बता दें कि लंबी बहस के बाद सोमवार रात लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास कर दिया गया. बिल के पक्ष में कुल 311 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में सिर्फ 80 वोट की पड़ सके.

बिल पर बहस के दौरान भी ओवैसी ने बिल का विरोध किया था. उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि इस बिल के माध्यम से सरकार मुसलमानों को राष्ट्रविहीन बनाने की साजिश कर रही है.

पढ़ें- रविशंकर प्रसाद का ओवैसी पर पलटवार, बोले - इस देश को विभाजित करने की हिम्मत किसी में नहीं

ओवैसी ने यह दावा भी किया कि यह विधेयक एक बार फिर से देश के बंटवारे का रास्ता तैयार करेगा. उन्होंने यह आरोप लगाया कि विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

उन्होंने यह भी कहा था, 'महात्मा गांधी ने नागरिकता कार्ड को फाड़ा था और मैं आज इस विधेयक को फाड़ता हूं क्योंकि यह देश को तोड़ने की कोशिश कर रहा है.' इसके बाद उन्होंने विधेयक की प्रति फाड़ दी थी.

नई दिल्ली : हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करने पर शिवसेना पर निशाना साधा है. उन्होंने शिवसेना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह भांगड़ा और वसरवाद की राजनीति है.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष ओवैसी ने कहा कि यह 'भांगड़ा राजनीति' है. वह (शिवसेना) सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम में 'धर्मनिरपेक्ष' लिखते हैं, यह विधेयक धर्मनिरपेक्षता और अनुच्छेद 14 के खिलाफ है. यह उनकी अवसरवाद की राजनीति है.

मीडिया से बात करते असदुद्दीन ओवैसी.

बता दें कि लंबी बहस के बाद सोमवार रात लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास कर दिया गया. बिल के पक्ष में कुल 311 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में सिर्फ 80 वोट की पड़ सके.

बिल पर बहस के दौरान भी ओवैसी ने बिल का विरोध किया था. उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि इस बिल के माध्यम से सरकार मुसलमानों को राष्ट्रविहीन बनाने की साजिश कर रही है.

पढ़ें- रविशंकर प्रसाद का ओवैसी पर पलटवार, बोले - इस देश को विभाजित करने की हिम्मत किसी में नहीं

ओवैसी ने यह दावा भी किया कि यह विधेयक एक बार फिर से देश के बंटवारे का रास्ता तैयार करेगा. उन्होंने यह आरोप लगाया कि विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

उन्होंने यह भी कहा था, 'महात्मा गांधी ने नागरिकता कार्ड को फाड़ा था और मैं आज इस विधेयक को फाड़ता हूं क्योंकि यह देश को तोड़ने की कोशिश कर रहा है.' इसके बाद उन्होंने विधेयक की प्रति फाड़ दी थी.

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