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अब आंध्र प्रदेश की होंगी तीन राजधानियां, राज्यपाल ने बिल को दी मंजूरी

आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियों से संबंधित विधेयकों को राज्यपाल बिश्वाभूषण हरिचंदन ने मंजूरी दी है. अब आधिकारिक रूप से आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां होंगी. पढ़ें पूरी खबर...

Biswabhusan Harichandan
राज्यपाल बिश्वाभूषण हरिचंदन
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Published : Jul 31, 2020, 8:56 PM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिश्वाभूषण हरिचंदन ने विकेंद्रीकरण और सीआरडीए निरसन विधेयकों को मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने तीन सप्ताह पहले विधेयकों को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा था.

राज्यपाल ने हाल ही में दो विधेयकों को मंजूरी दी है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि विधायी प्रक्रिया समाप्त हो गई थी. राज्यपाल ने पहले बिलों पर न्याय विभाग के अधिकारियों के साथ परामर्श किया था. इसके बाद इन्हें मंजूर करने का निर्णय लिया गया.

इन विधेयकों को गत 17 जून को दूसरी बार विधान परिषद में पेश किया गया था. विधेयकों के पेश होने के बाद भारी हंगामा हुआ और उसी दिन विधान परिषद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई थी.

राज्य सरकार का तर्क है कि चूंकि विधेयकों को विधायिका से दूसरी बार परिषद में भेजा गया था, इसलिए इसे बहस और अनुमोदन के बिना एक महीने की अवधि के लिए स्वत: अनुमोदित माना जाएगा. एक महीने की अवधि समाप्त होने के बाद सरकार ने फिर इसे अंतिम मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा.

आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां बनाने से संबंधित बिल को विधानसभा से पारित होने के बाद इसी साल जनवरी में विधान परिषद में भेजा गया था. यह पता चला है कि परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष ने इन्हें प्रवर समिति को भेजने का फैसला किया था. इस बीच, पूंजी विकेंद्रीकरण और सीआरडीए निरसन विधेयकों को लेकर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं.

अमरावती : आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिश्वाभूषण हरिचंदन ने विकेंद्रीकरण और सीआरडीए निरसन विधेयकों को मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने तीन सप्ताह पहले विधेयकों को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा था.

राज्यपाल ने हाल ही में दो विधेयकों को मंजूरी दी है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि विधायी प्रक्रिया समाप्त हो गई थी. राज्यपाल ने पहले बिलों पर न्याय विभाग के अधिकारियों के साथ परामर्श किया था. इसके बाद इन्हें मंजूर करने का निर्णय लिया गया.

इन विधेयकों को गत 17 जून को दूसरी बार विधान परिषद में पेश किया गया था. विधेयकों के पेश होने के बाद भारी हंगामा हुआ और उसी दिन विधान परिषद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई थी.

राज्य सरकार का तर्क है कि चूंकि विधेयकों को विधायिका से दूसरी बार परिषद में भेजा गया था, इसलिए इसे बहस और अनुमोदन के बिना एक महीने की अवधि के लिए स्वत: अनुमोदित माना जाएगा. एक महीने की अवधि समाप्त होने के बाद सरकार ने फिर इसे अंतिम मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा.

आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां बनाने से संबंधित बिल को विधानसभा से पारित होने के बाद इसी साल जनवरी में विधान परिषद में भेजा गया था. यह पता चला है कि परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष ने इन्हें प्रवर समिति को भेजने का फैसला किया था. इस बीच, पूंजी विकेंद्रीकरण और सीआरडीए निरसन विधेयकों को लेकर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं.

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