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नौ सितंबर तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 97 लोगों की मौत

कोरोना के कारण देश में लगे लॉकडाउन में प्रवासी मूजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कुल 97 लोगों की मौत हुई है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी.

पीयूष गोयल
पीयूष गोयल
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Published : Sep 19, 2020, 4:06 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने राज्य सभा को सूचित किया कि राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करते हुए नौ सितंबर तक 97 लोगों की मौत हुई. बता दें कि यह लिखित बयान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन द्वारा राज्य सभा में उठाए गए एक सवाल के तौर पर आया, जब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से पूछा गया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के बाद से मौतों की संख्या का ब्योरा क्या है?

इस पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि राज्य पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर कोरोना संकट के इस दौर में नौ सितंबर तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करते समय 97 लोगों की मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि मौत के इन 97 मामलों में से राज्य पुलिस ने 87 लोगों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए में भेजा. उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस से अब तक 51 पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट प्राप्त की गई हैं, जिसमें मृत्यु का कारण कार्डियक अरेस्ट, हृदय रोग, ब्रेन हैमरेज, पुरानी बीमारी, फेफड़ों की बीमारी, जिगर की बीमारी आदि बताया गया है.

इससे पहले, श्रम मंत्रालय ने लोक सभा में कहा था कि उसके पास उन प्रवासी मजदूरों की संख्या का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, जिनकी तालाबंदी के दौरान मृत्यु हो गई थी. हालांकि सरकार की प्रतिक्रिया से विपक्षी दलों की नाराजगी देखी गई जो उन प्रवासी मजदूरों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे थे, जिन्होंने तालाबंदी के दौरान अपनी जान गंवा दी.

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन के कारण यातायात राजस्व में 42 फीसदी की गिरावट

गोयल ने अपने जवाब में यह भी स्पष्ट किया कि रेलवे पर पुलिसिंग एक राज्य का विषय है. अपराध की रोकथाम, मामलों का पंजीकरण, उनकी जांच और रेलवे परिसर में कानून और व्यवस्था के रखरखाव के साथ-साथ चलने वाली रेलगाड़ियां, राज्य सरकारों की वैधानिक जिम्मेदारी हैं. राज्य सरकारी रेलवे पुलिस और जिला पुलिस के माध्यम से निर्वहन करते हैं.

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले प्रवासियों पर लगाए गए आरोपों के एक अन्य प्रश्न पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे ने उनसे किराया नहीं लिया है क्योंकि किराया भुगतान के लिए राज्य सरकारों द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें बुक की गई थीं.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों और उनके प्रतिनिधियों से 31 अगस्त तक 433 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया है. इन ट्रेनों में कुल 63.19 लाख फंसे हुए यात्रियों ने यात्रा की है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने राज्य सभा को सूचित किया कि राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करते हुए नौ सितंबर तक 97 लोगों की मौत हुई. बता दें कि यह लिखित बयान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन द्वारा राज्य सभा में उठाए गए एक सवाल के तौर पर आया, जब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से पूछा गया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के बाद से मौतों की संख्या का ब्योरा क्या है?

इस पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि राज्य पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर कोरोना संकट के इस दौर में नौ सितंबर तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करते समय 97 लोगों की मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि मौत के इन 97 मामलों में से राज्य पुलिस ने 87 लोगों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए में भेजा. उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस से अब तक 51 पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट प्राप्त की गई हैं, जिसमें मृत्यु का कारण कार्डियक अरेस्ट, हृदय रोग, ब्रेन हैमरेज, पुरानी बीमारी, फेफड़ों की बीमारी, जिगर की बीमारी आदि बताया गया है.

इससे पहले, श्रम मंत्रालय ने लोक सभा में कहा था कि उसके पास उन प्रवासी मजदूरों की संख्या का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, जिनकी तालाबंदी के दौरान मृत्यु हो गई थी. हालांकि सरकार की प्रतिक्रिया से विपक्षी दलों की नाराजगी देखी गई जो उन प्रवासी मजदूरों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे थे, जिन्होंने तालाबंदी के दौरान अपनी जान गंवा दी.

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गोयल ने अपने जवाब में यह भी स्पष्ट किया कि रेलवे पर पुलिसिंग एक राज्य का विषय है. अपराध की रोकथाम, मामलों का पंजीकरण, उनकी जांच और रेलवे परिसर में कानून और व्यवस्था के रखरखाव के साथ-साथ चलने वाली रेलगाड़ियां, राज्य सरकारों की वैधानिक जिम्मेदारी हैं. राज्य सरकारी रेलवे पुलिस और जिला पुलिस के माध्यम से निर्वहन करते हैं.

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले प्रवासियों पर लगाए गए आरोपों के एक अन्य प्रश्न पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे ने उनसे किराया नहीं लिया है क्योंकि किराया भुगतान के लिए राज्य सरकारों द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें बुक की गई थीं.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों और उनके प्रतिनिधियों से 31 अगस्त तक 433 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया है. इन ट्रेनों में कुल 63.19 लाख फंसे हुए यात्रियों ने यात्रा की है.

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