कोट्टयमः केरल के कोट्टयम में प्रधान सत्र न्यायाधीश ने हॉरर किलिंग मामले में दस लोगों को दोषी माना है. केस 23 वर्षीय केविन पी जोसेफ की हत्या का है जिसमें 14 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल चल रहा था.
प्रधान सत्र न्यायालय ने फैसले में कहा कि केविन हत्या मामले में उसकी पत्नी के रिश्तेदार भी शामिल थे. कोर्ट ने कहा कि यह हॉरर किलिंग का मामला है.
अदालत ने केविन के ससुर सहित चार अन्य लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
प्रधान सत्र न्यायाधीश सी एस जयचंद्रन 24 अगस्त को दोषियों को दी जाने वाली सजा की मात्रा पर दलीलें सुनेंगे.
विशेष लोक अभियोजक सी एस अजयन ने यहां मीडिया को बताया कि सभी 10 आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 302 (मर्डर) और 364 ए (फिरौती के लिए अपहरण) सहित दोषी पाया गया है.
बता दें कि इस मामले में 14 आरोपी थे और इस मामले का मुख्य आरोपी केविन का साला सानू था, जबकि केविन का ससुर मामले का पांचवा आरोपी था.
केविन को नीनु के भाई शानू के कहने पर मन्नानम में उसके घर से अगुवा कर लिया गया था.दो दिन बाद उसकी शव कोल्लम जिले में एक नहर में मिली थी. इस घटना के बाद राज्य में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है.
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पीड़ित के परिजनों ने आरोप लगाया कि केविन की मौत पुलिस की ढिलाई के कारण हुई है क्योंकि पुलिस ने केविन की पत्नी के शिकायत के बावजूद जांच करने से मना कर दिया था.
इसके बाद केविन का शव कोल्लम जिले में एक नहर में मिली थी. केविन का शव पिछले साल 28 मई को मिला था.
गौरतलब है कि प्रेमी युगल ने अपने परिवार की इच्छाओं के खिलाफ एट्टूमनूर में एक रजिस्ट्रार कार्यालय में शादी की थी.
तीन महीने पहले शुरू हुए इस मुकदमे के दौरान केविन के परिवार और गवाहों ने आरोप लगाया था कि यह हॉरर किलिंग का मामला है.
इस मामले पर केविन की पत्नी नीनू ने अदालत के समक्ष यह स्वीकार्य किया था कि हमारे पिता चाको ने इस संबध पर आपत्ति जताई थी क्योंकि केविन दलित ईसाई समुदाय से था.