लखनऊ : सीमा गुलाम हैदर पाकिस्तान से चोरी चुपके प्रेमी सचिन मीणा के पास आई. राजस्थान के अलवर से अंजू टूरिस्ट वीजा पर अपने प्रेमी से मिलने पाकिस्तान के खैबेरपख्तून चली गई. सीमा और अंजू ही जैसी उजमा भी थी जो अपने पति से मिलने दो बच्चों के साथ पाकिस्तान से भारत टूरिस्ट वीजा पर आई और फिर 15 वर्ष तक बिना वीजा के लखनऊ में रहती रही. आइए जानते हैं कौन थी उजमा और कैसी वह पकड़ी गई.
पुलिस को मिली थी खुफिया जानकारी : 14 दिसंबर 2019 को लोकल इंटीलेजेंस यूनिट (एलआईयू) ने चिनहट पुलिस को गोपनीय सूचना दी कि जुग्गौर इलाके में एक पाकिस्तानी महिला अपने दो बच्चों के साथ रह रही है. सूचना मिलते चिनहट थाने में तैनात दारोगा संजय यादव ने अपनी टीम बनाई और जुग्गौर के सलाल अब्दुल नासिर के घर पहुंचे. जानकारी की गई तो पता चला कि नासिर की पत्नी उजमा पाकिस्तान की रहने वाली है और उसके दो बच्चे हैं. उजमा, नासिर की मौसी की बेटी थी, जिसका निकाह नासिर से वर्ष 1996 में हुआ था. इसके बाद उसकी दो बेटियों महक और मनाहिल किदवई का जन्म हुआ था. बात तो यहां तक ठीक थी, लेकिन संजय यादव ने जब उजमा का वीजा मांगा और भारत आने का कारण पूछा तो सभी सहम गए.
15 साल तक अवैध रूप से लखनऊ में रही उजमा : तत्कालीन सब इंस्पेक्टर संजय यादव ने चिनहट थाने में जो एफआईआर दर्ज कराई थी, उसके मुताबिक उजमा 17 अगस्त 2004 को पाकिस्तान से अपनी दो बेटियों को लेकर पति से मिलने टूरिस्ट वीजा लेकर लखनऊ आई थी. उजमा को 65 दिन का ही वीजा मिला था जो 31 दिसम्बर 2004 को समाप्त हो गया था. बावजूद इसके उजमा, अपने दो बेटियों के साथ 15 साल तक लखनऊ में बिना वीजा के अवैध रूप से रहती रही. मौजूदा एडीसीपी पूर्वी सैय्यद अली अब्बास ने बताया कि पाकिस्तानी महिला उजमा और उसके दो बच्चों के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत चिनहट कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा कर उजमा को जेल भेज दिया गया था.