चंडीगढ़: सोनीपत जिले के मुंडलाना में रविवार को पहलवानों के समर्थन में 'सर्व समाज समर्थन पंचायत' को संबोधित करते हुए ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि पहलवान जल्द ही अपनी खुद की महापंचायत करेंगे. इस सर्व समाज समर्थन पंचायत में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान सत्यपाल मलिक ने पहलवानों की मांगों से निपटने के लिए केंद्र सरकार को फटकार लगाई. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अगले लोकसभा चुनाव में सरकार को उखाड़ फेंकने का आग्रह किया.
सोनीपत के गांव मुंडलाना में रविवार को आयोजित महापंचायत में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने कहा कि, 'जनता ही हमारी ताकत है. 28 मई की घटना को लेकर, बजरंग पूनिया ने महापंचायत में मौजूद लोगों से कहा कि आप लोगों ने हम तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन आप लोगों को पुलिस ने रोक दिया. उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति तैयार करने के लिए उत्तर भारत के साथ पूरे हरियाणा महापंचायतों का दौर जारी है, लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम अलग-अलग होकर नहीं जीत पाएंगे. हम उस पंचायत के लिए सभी को एक साथ लाना चाहते हैं, हम नहीं चाहते कि हम विभाजित हों.'
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हम सब मजबूती के साथ मिलकर इस लड़ाई को लड़ेंगे । 🙏🏽 pic.twitter.com/FVzQu0u3En
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बजरंग पूनिया ने कहा कि, अगले 3-4 दिनों में पहलवान महापंचायत बुलाएंगे. उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी जाति विशेष के लिए नहीं, बल्कि सम्मान और सम्मान के लिए है. इससे पहले शुक्रवार, 2 जून को कुरुक्षेत्र में एक अन्य महापंचायत में खाप नेताओं ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख की गिरफ्तारी की मांग की थी और मांग पूरी नहीं होने पर 9 जून को जंतर-मंतर पर धरना देने की धमकी दी थी. इससे पहले किसान संगठनों ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भी खाप महापंचायत की थी. शुक्रवार की महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत शामिल हुए थे.
कार्यक्रम में को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि, 'आपने दिल्ली में पहलवानों और पुलिस के बीच टकराव को याद करते हुए कहा कि यह सब देखकर मेरा खून खौलता है. मलिक, जो चुनावी राजस्थान में यात्रा करेंगे, ने कहा कि बीजेपी के पास वहां से जीतने का कोई मौका नहीं है और राज्य के लोगों से पहलवानों द्वारा खड़े होने की अपील की.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने दावा किया कि, केंद्र सरकार पहलवानों के मुद्दे पर माफी मांगने के लिए मजबूर होगी, जैसा कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर किया गया था. उन्होंने कहा कि किसानों को फसल एमएसपी के मुद्दों पर कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने के लिए एक और लड़ाई लड़नी होगी, भले ही तीन कृषि कानूनों को रद्द कर दिया गया हो. 2019 के पुलवामा हमले पर सत्यपाल मलिक ने कहा कि, इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि हमला केवल इसलिए संभव हो सका क्योंकि केंद्र सरकार ने सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही के लिए विमान से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार से पांच विमान मांगे थे, अगर ये दिए जाते तो उन्हें सड़क मार्ग से यात्रा नहीं करनी पड़ती.
वहीं, इस दौरान जयंत चौधरी ने आरोप लगाया कि ऐसा माहौल पहले कभी नहीं देखा गया जहां सरकार पहलवानों के मामले में आरोपियों के समर्थन में खड़ी हो. बाद की तारीख में एक और महापंचायत के लिए पुनिया की अपील पर, हरियाणा बीकेयू (चढ़ूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि हमारे खिलाड़ी जो भी तय करेंगे, हम उसका पालन करेंगे.
(पीटीआई)
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