अयोध्या : रामनगरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आमंत्रित सदस्यों को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति है. आमंत्रित सदस्यों की संख्या लगभग 10000 से अधिक है. ऐसे में अयोध्या में उनके प्रवास, भोजन की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है. इसे देखते हुए ट्रस्ट ने बड़ी तैयारी कर रखी है. रामनगरी में तीर्थ क्षेत्र पुरम यानि पुराना बाग बिजेसी में टेंट सिटी बसाई जा रही है. इसे छह नगरों में बांटा गया है. इन नगरों के नाम राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले महापुरुषों के नाम पर रखे गए हैं.
संतों के लिए 1400 कमरे तैयार : विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारी और तीर्थ क्षेत्र पुरम के प्रभारी कोटेश्वर शर्मा बताते हैं कि परमहंस रामचंद्र दास, गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ, बाबा राम अभिलाष दास, वामदेव महाराज सहित वरिष्ठ पदाधिकारी रहे मोरोपंत पिंगले और ओंकार भावे के नाम पर नगरों के नाम हैं. प्रशासनिक भवन क्षेत्र को अशोक सिंघल परिसर नाम दिया गया है. प्रत्येक नगर में पानी आपूर्ति के लिए दो नलकूप के अतिरिक्त तीन-तीन हजार लीटर का वाटर टैंक भी होगा. प्रत्येक नगर के लिए 12-12 हजार लीटर पानी का इंतजाम है. पूरे परिसर तक आवाज पहुंचाने के लिए ध्वनि विस्तारक की व्यवस्था है. केंद्रीय प्रसारण के अलावा हर नगर का अपना सूचना प्रसारण केन्द्र होगा ताकि भोजन जलपान के लिए बुलाया जा सके. पुस्तकों का स्टाल भी लगाया जाएगा. पुरम के पांच भोजनालय एक संस्था चलाएगी. यहां संतों के लिए 1400 कमरे तैयार किए गए हैं. करीब तीन सौ वाहनों की पार्किंग के साथ ही चालकों को ठहराने का अलग इंतजाम है.
अस्पताल की भी रहेगी व्यवस्था : मौसम की नजाकत को देखते हुए हर नगर में ओपीडी भी स्थापित की गई है. इसके अलावा 10 शैया वाला अस्पताल भी है. कोटेश्वर शर्मा के अनुसार बीएसएनएल, एयरटेल और जियो को मोबाइल टावर के लिए जगह आवंटित कर दी गई है. दो गाड़ियों से लैस नलकूप समेत फायर स्टेशन भी होगा. परिसर के प्रभारी गजेन्द्र के मुताबिक बिजली आपूर्ति के लिए पुरम में तीन ट्रांसफार्मर होंगे. यहां के भोजनालय प्रभारी नवीन के अनुसार इस समय करीब 300 लोगों का भोजन यहां बन रहा है. इसके अलावा सुरक्षा के भी अच्छे प्रबंध किए गए हैं.
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