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ऑस्ट्रेलिया ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कोविशील्ड वैक्सीन को दी मंजूरी - कोविशील्ड वैक्सीन को दी मंजूरी

ऑस्ट्रेलिया ने देश में यात्रा करने के लिए भारत निर्मित कोविशील्ड (India-made Covishield ) को मंजूरी दे दी है. इस फैसले से ऑस्ट्रेलिया में अध्ययन करने के इच्छुक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा को दूर करेगी.

कोविशील्ड
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Published : Oct 1, 2021, 3:27 PM IST

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया ने देश में यात्रा करने के लिए भारत निर्मित कोविशील्ड (India-made Covishield ) को मंजूरी दे दी है. प्रशासन ने सलाह दी है कि चीन निर्मित सिनोवैक और भारत निर्मित कोविशील्ड टीकों को मान्यता प्राप्त टीके माना जाएगा.

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री (Australian Prime Minister ) स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि चीन निर्मित सिनोवैक और भारत निर्मित कोविशील्ड टीकों को मान्यता प्राप्त टीके माना जाएगा.

हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि भारत निर्मित वैक्सीन को मान्यता मिलने से भारतीय पर्यटकों और छात्रों को ऑस्ट्रेलिया आने में मदद मिलेगी या नहीं. ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के एक प्रवक्ता के अनुसार टीका लगाए गए यात्रियों को ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश करने के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा.

टीकों को दी गई मान्यता ऑस्ट्रेलिया में अध्ययन करने के इच्छुक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा को दूर करेगी. बता दें कि फाइजर, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्न और जेनसेन वैक्सीन ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही मान्यता प्राप्त हैं.

ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय यात्रा (international travel )को फिर से खोलने और सीमा प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की. मॉरिसन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा अगले महीने उन देशों के लिए फिर से खुल जाएगी, जहां टीकाकरण की दर 80 प्रतिशत से से अधित तक पहुंच गई है.

पढ़ें - भारतीय-अमेरिकी वित्त विशेषज्ञ रोहित चोपड़ा होंगे उपभोक्ता वित्तीय सुरक्षा ब्यूरो के प्रमुख

साथ ही टीका ना लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई और न्यू साऊथ वेल्स में आने वाले स्थायी निवासियों को अब होटल में संगरोध के लिए हजारों का भुगतान करने के बजाय एक हफ्ते के लिए होम क्वारटाइंट होना होगा. सरकार टीकाकरण वाले यात्रियों के लिए ट्रेवल कैप हटाने के लिए भी राज्यों के साथ काम करेगी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार COVID-19 टेस्टिंग यात्रा का हिस्सा बने रहने की उम्मीद है, हालांकि सरकार तेजी से एंटीजन परीक्षण का उपयोग कर रही है.

पिछले साल 20 मार्च को ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस महामारी चलते दुनिया के कुछ सबसे कठिन सीमा प्रतिबंधों की शुरुआत की थी. ऑस्ट्रेलिया द्वारा बिना अनुमति के 18 महीने तक विदेश यात्रा करने पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे.

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया ने देश में यात्रा करने के लिए भारत निर्मित कोविशील्ड (India-made Covishield ) को मंजूरी दे दी है. प्रशासन ने सलाह दी है कि चीन निर्मित सिनोवैक और भारत निर्मित कोविशील्ड टीकों को मान्यता प्राप्त टीके माना जाएगा.

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री (Australian Prime Minister ) स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि चीन निर्मित सिनोवैक और भारत निर्मित कोविशील्ड टीकों को मान्यता प्राप्त टीके माना जाएगा.

हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि भारत निर्मित वैक्सीन को मान्यता मिलने से भारतीय पर्यटकों और छात्रों को ऑस्ट्रेलिया आने में मदद मिलेगी या नहीं. ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के एक प्रवक्ता के अनुसार टीका लगाए गए यात्रियों को ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश करने के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा.

टीकों को दी गई मान्यता ऑस्ट्रेलिया में अध्ययन करने के इच्छुक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा को दूर करेगी. बता दें कि फाइजर, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्न और जेनसेन वैक्सीन ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही मान्यता प्राप्त हैं.

ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय यात्रा (international travel )को फिर से खोलने और सीमा प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की. मॉरिसन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा अगले महीने उन देशों के लिए फिर से खुल जाएगी, जहां टीकाकरण की दर 80 प्रतिशत से से अधित तक पहुंच गई है.

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साथ ही टीका ना लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई और न्यू साऊथ वेल्स में आने वाले स्थायी निवासियों को अब होटल में संगरोध के लिए हजारों का भुगतान करने के बजाय एक हफ्ते के लिए होम क्वारटाइंट होना होगा. सरकार टीकाकरण वाले यात्रियों के लिए ट्रेवल कैप हटाने के लिए भी राज्यों के साथ काम करेगी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार COVID-19 टेस्टिंग यात्रा का हिस्सा बने रहने की उम्मीद है, हालांकि सरकार तेजी से एंटीजन परीक्षण का उपयोग कर रही है.

पिछले साल 20 मार्च को ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस महामारी चलते दुनिया के कुछ सबसे कठिन सीमा प्रतिबंधों की शुरुआत की थी. ऑस्ट्रेलिया द्वारा बिना अनुमति के 18 महीने तक विदेश यात्रा करने पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे.

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