प्रयागराज : बाहुबली अतीक अहमद का दूसरे नंबर का बेटा अली अहमद इन दिनों प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. जेल में होने के बावजूद अली अहमद के नाम से एक कथित चिट्ठी चार दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. इसके बाद सवाल उठने लगे थे कि जेल के अंदर कड़ी सुरक्षा और हाई सिक्योरिटी बैरक में होने के बावजूद अली की तरफ से निकाय चुनाव में मतदान से जुड़ी कथित अपील कैसे जारी कर दी गई. फिलहाल लेटर के वायरल होने के बाद जेल में अली की निगरानी और कड़ी कर दी गई है.
पुलिस की ओर से वायरल लेटर की सत्यता की जांच कराई जा रही है. जेल के अंदर अली को सिर्फ उसके वकीलों से मिलने की इजाजत दी जाएगी. इसके अलावा किसी बाहरी से वो नहीं मिल सकेगा. जेल के अंदर से अली के नाम से चुनाव से जुड़ी कथित अपील बाहर तक कैसे पहुंची इसका पता लगाया जा रहा है. यह भी पता किया जा रहा है कि जेल के किसी कर्मी की मदद से तो यह नहीं किया गया. इसके साथ ही पुलिस यह भी पता लगा रही है कि कथित लेटर अली के कहने पर वायरल किया गया था या किसी नेता ने राजनीतिक लाभ के लिए यह साजिश रची.
अली ने पिछले साल किया था सरेंडर : बहरहाल नैनी सेंट्रल जेल में अली से मिलाई पर पाबंदी लग चुकी है. अब वो वकील और परिवार के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति से नहीं मिल सकेगा. हालांकि अली से उसके परिवार का कोई मिलने वाला फिलहाल नहीं है, क्योंकि उसका एक भाई जेल में और दो बाल संरक्षण गृह में हैं. अली अहमद के खिलाफ 5 करोड़ की रंगदारी मांगने समेत कई संगीन धाराओं में 31 दिसंबर 2021 को केस दर्ज किया गया था. इसके बाद से अली फरार हो गया था. उसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया था. अली ने जुलाई 2022 में प्रयागराज की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. उसके बाद से वो जेल में बंद है.
उमेश पाल की हत्या के बाद से ही अतीक के बेटे अली और उमर की भी जेल में निगरानी और सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. ऐसे में सवाल यह भी उठता है की अली ने पिता और चाचा की हत्या के बाद जेल से कथित लेटर कैसे बाहर भिजवाया. अतीक और अशरफ को हत्या के बाद उससे कोई बाहरी मिल भी नहीं सका है, पुलिस इन सभी बिंदुओं की जांच कर रही है.
कथित चिट्ठी की वजह से बढ़ी अली की निगरानी : अली अहमद के नाम से वायरल कथित चिट्ठी के ऊपर अतीक अहमद, अशरफ के साथ अली की फोटो लगी हुई थी. उसके नीचे अली ने अपने पिता, चाचा व भाई के परिवार वालों की जान का भी खतरा बताया है. इसके साथ ही उसने अतीक, अशरफ और असद की मौत के लिए सरकार के साथ ही सपा प्रमुख को भी जिम्मेदार बताया था. इसके अलावा कथित लेटर के जरिए अली ने मुसलमानों से एक होने की अपील की है. साथ ही सारे मुस्लिमों से एकजुट होने और भाजपा व सपा को वोट न देने की अपील की है.साथ ही उसने अपने लेटर में लिखा था कि आपको वोट किसे देना है यह आपको पता है.
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