प्रयागराजः प्रयागराज में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार अतीक गैंग के करीबी रहे नफीस बिरयानी पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया है. नफीस के ऊपर पुलिस आयुक्त रमित शर्मा की तरफ से 50 हजार के इनाम की घोषणा की गई है.उमेश पाल समेत दो सिपाहियों की हत्या के लिए जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल किया गया था उसका मालिक भी नफीस बिरयानी ही बताया जा रहा है. इनाम घोषित होने के साथ ही कई महीने से फरार चल रहे नफीस बिरयानी की तलाश तेज कर दी गई है.
9 महीने पहले 24 फरवरी को अधिवक्ता उमेश पाल की उसके घर के बाहर घेरकर ताबड़तोड़ बम और गोलियों से मौत के घाट उतार दिया गया था. उस घटना में उमेश पाल के साथ ही उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिस वालों की भी बम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने के दौरान शूटर जिस सफेद रंग की क्रेटा कार इस्तेमाल कर रहे थे वो कार शहर में बिरयानी की मशहूर दुकान के मालिक नफीस बिरयानी की थी. आरोप है कि अतीक गैंग के करीबी नफीस ने चालाकी से दूसरे रिश्तेदार के नाम पर ट्रांसफर करवाई गई कार को शूटरों को दी थी जिसके जरिये उन्होंने घटना को अंजाम दिया और मौके से फरार भी हुए. बिरयानी वाला उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही था फरार उमेश पाल की हत्या की वारदात के बाद से ही नफीस बिरयानी फरार हो गया था.नौ महीने से ज्यादा समय से फरार चल रहे इस बिरयानी वाले पर अब पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया है. पुलिस आयुक्त रमित शर्मा की तरफ से माफिया के गैंग के करीबी इस बिरयानी वाले के ऊपर इनाम घोषित करने के साथ ही उसकी तलाशी के अभियान को तेज करने का अफ़सरो को निर्देश दिया गया है. पुलिस आयुक्त के निर्देश के बाद नफीस की तलाश में न सिर्फ प्रयागराज जिले में अभियान चलाया जाएगा बल्कि आसपास के जिलों में अतीक गैंग और उसके गुर्गों के ठिकाने पर छापेमारी का अभियान चलाकर नफीस बिरयानी को तलाशा जाएगा. नफीस के पकड़े जाने से अतीक गैंग से जुड़ी और जानकरियां हासिल होने की पुलिस को उम्मीद है.नफीस के अलावा कई आरोपी भी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं जिनकी तलाश की जा रही है. बिरयानी मशहूर होने पर नाम पड़ गया नफीस बिरयानी अतीक गैंग के खास कहे जाने वाले नफीस ने सिविल लाइंस में एक छोटी सी दुकान खोलकर बिरयानी का कारोबार शुरू किया था. इसके बाद धीरे धीरे उसकी बिरयानी मशहूर होती गयी और अतीक गैंग के कब्जे वाली जमीन पर बिरयानी का कारखाना बना दिया गया. जहां से बिरयानी तैयार होकर अलग-अलग दुकानों पर बिकने के लिए जाने लगी. माफिया गिरोह से करीबी रिश्ते और बिरयानी के मशहूर होने की वजह से नफीस का नाम ही नफीस बिरयानी हो गया. हर कोई उसे नफीस बिरयानी के नाम से ही जानने लगा.उमेश पाल हत्या कांड के बाद से नफीस बिरयानी अंडरग्राउंड हो गया है जिसका पुलिस अभी पता नहीं लगा सकी है. इसी के साथ 9 महीने से उसका बिरयानी का पूरा कारोबार भी बंद हो चुका है. अब देखना ये होगा कि पुलिस द्वारा नफीस बिरयानी पर सिर्फ इनाम घोषित करके खानापूर्ति ही की गयी है या उसकी गिरफ्तारी के लिए भी कोई ठोस कार्यवाई की जाती है या फिर शाइस्ता परवीन, ज़ैनब फातिमा, आयशा नूरी के अलावा 5-5 लाख के तीनों इनामी शूटरों गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान की तरह ही नफीस बिरयानी भी पुलिस को चकमा देकर फरारी काटता रहेगा. ये भी पढ़ेंः मैरिज होम में ले जाकर सिपाही ने युवती से किया दुष्कर्म, जूतों से पीटा और बनाया अश्लील वीडियो, अब गिरफ्तार
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