नई दिल्ली : असम पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गए गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को जमानत मिल गई है. सोमवार को कोकराझार की अदालत ने मेवानी की जमानत याचिका मंजूर कर ली. यह जानकारी जिग्नेश मेवानी के वकील अंगशुमान बोरा ने दी. उन्होंने बताया कि कोकराझार के कोर्ट से जमानत मिलने के बाद असम पुलिस ने उन्हें दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया.
21 अप्रैल को असम की पुलिस ने गुजरात के वडगाम से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी को गिरफ्तार किया था. गुजरात के प्रमुख दलित नेता मेवानी के खिलाफ असम के कोकराझार थाने में एक बीजेपी कार्यकर्ता ने एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एफआईआर में आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 153 (A) (दो समुदायों के खिलाफ शत्रुता बढ़ाना), 295(A) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से भड़काने वाली बातें कहना) तथा आईटी एक्ट के तहत आरोप लगाए गए हैं. एफआईआर के मुताबिक मेवानी ने ट्वीट में कथित तौर पर दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘गोडसे को भगवान मानते हैं.
बुधवार को गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. रविवार को कोकराझाड़ की सीजेएम अदालत ने एक दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सोमवार को जिग्नेश मेवानी की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. कोकराझाड़ के सीजेएम कोर्ट ने उन्हें जमानत मंजूर कर ली. वकील अंगशुमान बोरा ने बताया कि वहां से जमानत मिलने के बाद असम की बारपेटा पुलिस ने अन्य मामले में गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को फिर से गिरफ्तार कर लिया है.
(एएनआई )
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