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बग्गा की गिरफ्तारी 'खतरनाक प्रवृ्त्ति', एक-दूसरे के सामने खड़ी हो रहीं राज्य सरकारें

पंजाब पुलिस द्वारा भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा, तीन राज्यों की पुलिस को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है. विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि पंजाब पुलिस को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. दरअसल, यह कोई एक मामला नहीं है, इससे पहले भी ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं, जिसने अलग-अलग राज्य सरकारों को एक दूसरे के सामने खड़ा कर दिया है. यह एक प्रवृत्ति सी बनती जा रही है. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता वैमनस्यता का रूप अपना रही है. पेश है ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की एक रिपोर्ट.

bagga tajinder
तजिंदरपाल बग्गा
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Published : May 6, 2022, 7:11 PM IST

नई दिल्ली : बीजेपी दिल्ली प्रदेश के युवा मोर्चा सदस्य और प्रवक्ता तजिंदरपाल बग्गा के मुद्दे पर सियासत गर्म हो गई है. इस एक मामले ने तीन राज्यों की पुलिस को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है. सिर्फ यही घटना ही नहीं, बल्कि पिछले कुछ दिनों से देखा जाए तो राज्यों के बीच आपसी में वैमनस्यता बढ़ती जा रही है और नियम कानून और संविधान को दरकिनार करते हुए एक-दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है. सरकारों पर आक्षेप लगाने के अलावा अब क्षेत्राधिकार का भी हनन शुरू हो चुका है. और यह किसी भी लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है.

हेट पॉलिटिक्स या बदले की राजनीति, में राज्य सरकारें यह भूल जा रही है कि देश में एक कानून और संविधान भी है और लोकतंत्र उसी के अनुकूल चलता है. एक तरफ जहां गैर बीजेपी शासित सरकार जिसमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान और पंजाब सरकार, केंद्र सरकार के मंत्रालयों पर गाहे-बगाहे आरोप लगाती रहीं हैं कि वह राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप करती है. वहीं राज्य सरकार अब बदले की भावना पर उतारू नजर आ रही है. जानकारों का मानना है कि खास तौर पर यह तब से और भी ज्यादा बढ़ चुका है, जब से पंजाब में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के पास पुलिस आ गई है. तजिंदर बग्गा के घर कुछ दिन पहले भी पंजाब पुलिस दस्तक दे चुकी थी. मामला एक ट्वीट से शुरू हुआ, जिसमें बीजेपी नेता बग्गा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ट्वीट कर हमला किया था. इसे भड़काऊ बताते हुए आप ने देश और जनता के खिलाफ बताते हुए देशद्रोह का मामला बता दिया.

ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब पंजाब पुलिस ने दिल्ली के किसी नेता पर कार्रवाई की हो. इससे पहले भी पुंजब पुलिस दिल्ली की नेता अलका लांबा पर कारवाई कर चुकी है. बग्गा के परिवार वाले आरोप लगा रहे हैं कि शुक्रवार को गिरफ्तार करने पहुंची पंजाब पुलिस ने उनके पिता के साथ भी बदसलूकी की. ये तो रही दिल्ली और पंजाब की बात, यदि केरल, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और राजस्थान के हाल के मसलों को भी देखें, तो सभी जगह बदले की राजनीतिक घटनाएं ही देखने को मिलती हैं.

बग्गा की पंजाब पुलिस द्वारा दिल्ली से गिरफ्तारी, फिर दिल्ली पुलिस द्वारा पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया जाना और हरियाणा पुलिस द्वारा पंजाब पुलिस को बग्गा को ले जाने से रोक देना, कहीं ना कहीं पूरा मामला किसी फिल्मी किताब जैसी दिख रही है. मामला यहीं नहीं रुका रुका और आप सरकार पंजाब हाई कोर्ट में पहुंच गई, जिस पर कोर्ट ने पंजाब पुलिस को भगाकर ले जाने से रोकने के मामले में हरियाणा सरकार से जवाब मांग लिया. यानी वार-पलटवार की लड़ाई में अलग-अलग राज्य और केंद्र सभी मिलकर अपने-अपने पावर का इस्तेमाल राजनीतिक सियासत और बदले की राजनीति के लिए भरपूर करते हुए नजर आ रहे हैं.

एक तरफ जहां भाजपा के दिल्ली प्रदेश के नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय नेताओं ने भी आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया केजरीवाल पर एक-एक कर हमला बोला और भाजपा मुख्यालय से एक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को आधुनिक भारत का तानाशाह तक करार दे दिया, वहीं आम आदमी पार्टी ने भी एक के बाद एक लगातार दो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा युवा नेता तजिंदर पाल बग्गा पर संगीन आरोप लगा दिए, जिसमें देशद्रोह तक के आरोप शामिल हैं.

भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर भी जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं, यहां तक कि दिल्ली प्रदेश भाजपा इकाई के टि्वटर हैंडल से ट्वीट कर केजरीवाल के पुराने ट्वीट, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'साइकोपैथ' और 'कवार्ड' तक की संज्ञा दी थी, वह भी याद दिलाया है और कहा है कि सरकार ने इसके बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी और दिल्ली के मुख्यमंत्री कितने डर गए हैं कि वह भाजपा के एक नेता के खिलाफ 50-50 पुलिस वालों को गिरफ्तार करने भेज रहे हैं.

कुल मिलाकर यह मामला लंबा खींचता चला रहा है. हाल ही में कई घटनाएं हुईं हैं, उनका भी दुष्प्रभाव इसमें नजर आ रहा है. वह चाहे जहांगीरपुरी का मामला हो या शाहीन बाग में बुलडोजर चलाने का. दिल्ली भाजपा के नेताओं ने तो आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है, साथ ही केंद्रीय नेताओं ने भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और सोशल मीडिया के माध्यम से निंदा की है.

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने कहा कि अदालतों ने कई बार इस तरह के मामलों में स्पष्ट किया है कि सीआरपीसी की धारा के अंतर्गत यह अपहरण है, उन्होंने कहा कि सीआरपीसी में यह स्पष्ट लिखा गया है कि क्रिमिनल प्रोसीजर के तहत किसी राज्य की पुलिस को दूसरे राज्य की पुलिस में जाने से पहले कंफर्म करना जरूरी है. इसीलिए पंजाब पुलिस ने दिल्ली पुलिस को संदेश क्यों नहीं दिया और नहीं दिया तो यह अपहरण ही है.

इसी तरह दिल्ली प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि आज तजिंदर बग्गा पर जो कार्रवाई हुई है वो बहुत शर्मनाक है. गुप्ता ने कहा कि यहां पर पंजाब पुलिस ने न सिर्फ एक बुजुर्ग व्यक्ति को पीटा, बल्कि उनके मुंह में कपड़ा ठूस दिया. अभद्रता की. पंजाब पुलिस इस कदर 'गुंडागर्दी पर उतारू है कि उन्होंने एक सिख को अपनी पगड़ी तक भी नहीं बांधने दी. उन्होंने बाद ने ट्वीट कर तंज भी कसा.

  • यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।

    एक बार फिर बनी कुरुक्षेत्र की भूमि अधर्म पर धर्म की विजय की साक्षी।@TajinderBagga कुरुक्षेत्र से दिल्ली वापसी के लिए रवाना। #iStandWithTajinderBagga pic.twitter.com/owM6HM2F9u

    — Adesh Gupta (@adeshguptabjp) May 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें : तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी पर दिल्ली और पंजाब में छिड़ा 'सियासी कुरुक्षेत्र' जानिए पूरा घटनाक्रम

नई दिल्ली : बीजेपी दिल्ली प्रदेश के युवा मोर्चा सदस्य और प्रवक्ता तजिंदरपाल बग्गा के मुद्दे पर सियासत गर्म हो गई है. इस एक मामले ने तीन राज्यों की पुलिस को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है. सिर्फ यही घटना ही नहीं, बल्कि पिछले कुछ दिनों से देखा जाए तो राज्यों के बीच आपसी में वैमनस्यता बढ़ती जा रही है और नियम कानून और संविधान को दरकिनार करते हुए एक-दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है. सरकारों पर आक्षेप लगाने के अलावा अब क्षेत्राधिकार का भी हनन शुरू हो चुका है. और यह किसी भी लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है.

हेट पॉलिटिक्स या बदले की राजनीति, में राज्य सरकारें यह भूल जा रही है कि देश में एक कानून और संविधान भी है और लोकतंत्र उसी के अनुकूल चलता है. एक तरफ जहां गैर बीजेपी शासित सरकार जिसमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान और पंजाब सरकार, केंद्र सरकार के मंत्रालयों पर गाहे-बगाहे आरोप लगाती रहीं हैं कि वह राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप करती है. वहीं राज्य सरकार अब बदले की भावना पर उतारू नजर आ रही है. जानकारों का मानना है कि खास तौर पर यह तब से और भी ज्यादा बढ़ चुका है, जब से पंजाब में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के पास पुलिस आ गई है. तजिंदर बग्गा के घर कुछ दिन पहले भी पंजाब पुलिस दस्तक दे चुकी थी. मामला एक ट्वीट से शुरू हुआ, जिसमें बीजेपी नेता बग्गा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ट्वीट कर हमला किया था. इसे भड़काऊ बताते हुए आप ने देश और जनता के खिलाफ बताते हुए देशद्रोह का मामला बता दिया.

ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब पंजाब पुलिस ने दिल्ली के किसी नेता पर कार्रवाई की हो. इससे पहले भी पुंजब पुलिस दिल्ली की नेता अलका लांबा पर कारवाई कर चुकी है. बग्गा के परिवार वाले आरोप लगा रहे हैं कि शुक्रवार को गिरफ्तार करने पहुंची पंजाब पुलिस ने उनके पिता के साथ भी बदसलूकी की. ये तो रही दिल्ली और पंजाब की बात, यदि केरल, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और राजस्थान के हाल के मसलों को भी देखें, तो सभी जगह बदले की राजनीतिक घटनाएं ही देखने को मिलती हैं.

बग्गा की पंजाब पुलिस द्वारा दिल्ली से गिरफ्तारी, फिर दिल्ली पुलिस द्वारा पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया जाना और हरियाणा पुलिस द्वारा पंजाब पुलिस को बग्गा को ले जाने से रोक देना, कहीं ना कहीं पूरा मामला किसी फिल्मी किताब जैसी दिख रही है. मामला यहीं नहीं रुका रुका और आप सरकार पंजाब हाई कोर्ट में पहुंच गई, जिस पर कोर्ट ने पंजाब पुलिस को भगाकर ले जाने से रोकने के मामले में हरियाणा सरकार से जवाब मांग लिया. यानी वार-पलटवार की लड़ाई में अलग-अलग राज्य और केंद्र सभी मिलकर अपने-अपने पावर का इस्तेमाल राजनीतिक सियासत और बदले की राजनीति के लिए भरपूर करते हुए नजर आ रहे हैं.

एक तरफ जहां भाजपा के दिल्ली प्रदेश के नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय नेताओं ने भी आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया केजरीवाल पर एक-एक कर हमला बोला और भाजपा मुख्यालय से एक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को आधुनिक भारत का तानाशाह तक करार दे दिया, वहीं आम आदमी पार्टी ने भी एक के बाद एक लगातार दो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा युवा नेता तजिंदर पाल बग्गा पर संगीन आरोप लगा दिए, जिसमें देशद्रोह तक के आरोप शामिल हैं.

भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर भी जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं, यहां तक कि दिल्ली प्रदेश भाजपा इकाई के टि्वटर हैंडल से ट्वीट कर केजरीवाल के पुराने ट्वीट, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'साइकोपैथ' और 'कवार्ड' तक की संज्ञा दी थी, वह भी याद दिलाया है और कहा है कि सरकार ने इसके बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी और दिल्ली के मुख्यमंत्री कितने डर गए हैं कि वह भाजपा के एक नेता के खिलाफ 50-50 पुलिस वालों को गिरफ्तार करने भेज रहे हैं.

कुल मिलाकर यह मामला लंबा खींचता चला रहा है. हाल ही में कई घटनाएं हुईं हैं, उनका भी दुष्प्रभाव इसमें नजर आ रहा है. वह चाहे जहांगीरपुरी का मामला हो या शाहीन बाग में बुलडोजर चलाने का. दिल्ली भाजपा के नेताओं ने तो आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है, साथ ही केंद्रीय नेताओं ने भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और सोशल मीडिया के माध्यम से निंदा की है.

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने कहा कि अदालतों ने कई बार इस तरह के मामलों में स्पष्ट किया है कि सीआरपीसी की धारा के अंतर्गत यह अपहरण है, उन्होंने कहा कि सीआरपीसी में यह स्पष्ट लिखा गया है कि क्रिमिनल प्रोसीजर के तहत किसी राज्य की पुलिस को दूसरे राज्य की पुलिस में जाने से पहले कंफर्म करना जरूरी है. इसीलिए पंजाब पुलिस ने दिल्ली पुलिस को संदेश क्यों नहीं दिया और नहीं दिया तो यह अपहरण ही है.

इसी तरह दिल्ली प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि आज तजिंदर बग्गा पर जो कार्रवाई हुई है वो बहुत शर्मनाक है. गुप्ता ने कहा कि यहां पर पंजाब पुलिस ने न सिर्फ एक बुजुर्ग व्यक्ति को पीटा, बल्कि उनके मुंह में कपड़ा ठूस दिया. अभद्रता की. पंजाब पुलिस इस कदर 'गुंडागर्दी पर उतारू है कि उन्होंने एक सिख को अपनी पगड़ी तक भी नहीं बांधने दी. उन्होंने बाद ने ट्वीट कर तंज भी कसा.

  • यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।

    एक बार फिर बनी कुरुक्षेत्र की भूमि अधर्म पर धर्म की विजय की साक्षी।@TajinderBagga कुरुक्षेत्र से दिल्ली वापसी के लिए रवाना। #iStandWithTajinderBagga pic.twitter.com/owM6HM2F9u

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