कोलकाता : क्या चार और निर्वाचित भाजपा विधायक (elected BJP legislators) पार्टी छोड़ने और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) में शामिल होने की योजना बना रहे हैं. ठीक यही सवाल भगवा खेमे (saffron camp) की पश्चिम बंगाल इकाई (West Bengal unit ) के अंदरूनी सर्कल में घूम रहा है. ये चार विधायक पश्चिम मिदनापुर जिले के खड़गपुर से हिरेन चट्टोपाध्याय, दार्जिलिंग से नीरज जिम्बा, कूच बिहार (उत्तर) से सुकुमार रॉय और बांकुरा जिले के सोनामुखी से दिबाकर घरामी हैं.
इन चारों विधायकों के अलग-अलग पार्टी कार्यक्रमों में लगातार अनुपस्थित रहने के बाद से कयासों का दौर शुरू हो गया है. यहां तक कि यह चारों पश्चिम बंगाल विधानसभा सत्र (West Bengal assembly sessions) से भी अनुपस्थित रहे.
हाल ही में, पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने बंगाल में नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार (Sukanta Majumdar) और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghos) के सम्मान के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया. ये चारों विधायक उस कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे. हुगली से पार्टी के निर्वाचित लोकसभा सदस्य लॉकेट चटर्जी (Locket Chatterjee) भी कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे.
भाजपा सूत्रों ने कहा कि चारों विधायकों ने कार्यक्रम में मौजूद रहने के लिए पार्टी के व्हिप की भी अनदेखी की. इन सभी अटकलों के बाद ये चारों विधायक दल छोड़ने और तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की राह पर चल रहे हैं.
पता चला है कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने इन चारों विधायकों में से प्रत्येक से व्यक्तिगत रूप से बात की और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली. हालांकि, उस बैठक का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला.
भाजपा सूत्रों ने कहा कि चार विधायकों के नाम पहले ही नई दिल्ली में पार्टी आलाकमान को संभावित टर्नकोट के रूप में भेज दिए गए हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP's national president) जेपी नड्डा (JP Nadda) ने अब पार्टी से निर्वाचित प्रतिनिधियों के पलायन को रोकने में सीधे हस्तक्षेप करने का फैसला किया है. भाजपा के लोकसभा सदस्य (BJP Lok Sabha member) और गायक से राजनेता बने बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद यह निर्णय लिया गया है.
बता दें कि 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कुल 77 भाजपा विधायक चुने गए, लेकिन जल्द ही भाजपा विधायकों की संख्या घटकर 75 हो गई, क्योंकि निशीथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार (Nishith Pramanik and Jagannath Sarkar) ने लोकसभा सदस्य के रूप में अपनी सीटों को बरकरार रखने के लिए इस्तीफा दे दिया. इसके बाद भाजपा के चार और विधायकों के इस्तीफे के बाद यह संख्या घटकर 71 हो गई.
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सूत्रों का कहना है कि अगर संयोग से यह संख्या घटकर 69 हो जाती है तो पार्टी के लिए राज्यसभा सदस्यों की जरूरी संख्या प्राप्त करने में समस्या होगी. विधानसभा में मौजूदा संख्या बल के साथ भाजपा राज्य से दो व्यक्तियों को संसद के ऊपरी सदन (upper house of the Parliament) में भेजने का प्रबंधन कर सकती है.
हालांकि, विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा ने सुकांतो मजूमदार और दिलीप घोष के सम्मान कार्यक्रम में चार चार विधायकों के अनुपस्थित रहने की घटना को थोड़ा कम करने की कोशिश की. और कहा कि वे कुछ व्यक्तिगत समस्याओं के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके.
हालांकि, कई जगहों पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस हमारे विधायकों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है और उनके बारे में अफवाहें फैलाने की कोशिश कर रही है. बीजेपी का कोई भी विधायक पार्टी नहीं छोड़ रहा है. यह सब तृणमूल कांग्रेस का झूठा प्रचार है.