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एपी महेश बैंक हैकिंग मामला; अब तक 23 में से 4 नाइजीरियाई गिरफ्तार

एपी महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक से 12.48 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में अब तक चार नाइजीरिया नागरिक समेत 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. तेलंगाना पुलिस ने इसकी जानकारी मीडिया के साथ साझा की है. यह भी बताया कि पुलिस ने अब तक 58 लाख रूपये इसके जांच पर खर्च कर चुकी है.

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Published : Mar 31, 2022, 11:24 AM IST

एपी महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक धोखाधड़ी का खुलासा
एपी महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक धोखाधड़ी का खुलासा

हैदराबाद : एपी महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक से 12.48 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में अब तक चार नाइजीरिया नागरिक समेत 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. तेलंगाना पुलिस ने इसकी जानकारी बुधवार को मीडिया के साथ साझा किया है. बीते 24 जनवरी को कुछ अज्ञात हैकरों द्वारा चार खातों में शेष राशि को बदलकर पूरे भारत में 115 विभिन्न खातों में स्थानांतरित करने के संबंध में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था.

साइबर फोरेंसिक की जांच में पता चला कि हैकरों ने नवंबर 2021 के दौरान बैंक के कर्मचारियों को भेजे गए रिमोट एक्सेस ट्रोजन (आरएटी) वाले फ़िशिंग मेल (200 से अधिक भेजकर) के माध्यम से एपी महेश सहकारी शहरी बैंक की प्रणाली में प्रवेश किया. हैदराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने कहा कि एक बार जब मेल खुल जाते हैं और उस पर क्लिक करते हैं, तो RAT बैंक के कंप्यूटर में एम्बेड हो जाता है. RAT सॉफ्टवेयर के जरिए हैकर्स की बैंक के कंप्यूटरों तक एक्सेस मिली. बैंक की सभी सिस्टम आपस में जुड़ी हुई हैं इसलिए हैकर दूर से बैंक के कोर बैंकिंग सर्वर तक पहुंचने में सक्षम थे और जनवरी 2022 के दौरान उन्होंने चार खातों में शेष राशि को बदल दिया. चार खातों से इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से आरटीजीएस/एनईएफटी (RTGS/NEFT) लेनदेन किए गए और राशि को विभिन्न बैंकों के 115 विभिन्न बैंक खातों में और वहां से 398 विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया. पुलिस ने कहा कि अधिकांश लाभार्थी खाते दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और सात पूर्वोत्तर राज्यों में थे और बाद में पूरे भारत में 938 एटीएम से पैसे निकाले गए.

हालांकि साइबर अपराध पुलिस एटीएम से निकाले जाने से पहले 2,08,55,536 रुपये की राशि को फ्रीज करने में सफल रही, इसके अलावा 1,08,48,990 रुपये की राशि गलत होने के कारण एपी महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक को वापस कर दी गई. लाभार्थी विवरण के बारे में हैदराबाद पुलिस प्रमुख ने कहा कि जांच के तहत संदिग्धों को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया और उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया. चार बैंक खातों के इंटरनेट बैंकिंग के लिए आईपी लॉग मिले और पाया कि आईपी एड्रेस (IP address) संयुक्त राज्य अमेरिका/कनाडा/रोमानिया को इंगित करने वाले स्थानों के साथ प्रॉक्सी थे. हैकरों ने बिहार स्थित एक कंपनी की वीपीएन सेवाओं का इस्तेमाल किया और उन्हें प्रॉक्सी आईपी यूके के व्यक्तियों को आवंटित किए गए थे.

हैदराबाद पुलिस प्रमुख आनंद ने कहा कि अब तक की जांच में चार नाइजीरिया नागरिक (उनमें से एक को आज गिरफ्तार किया गया) सहित कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सभी इस साजिश में शामिल थे. जांच के बारे में बताते हुए पुलिस आयुक्त ने कहा कि पूरा ऑपरेशन एक दूसरे से स्वतंत्र विभिन्न मॉड्यूल में चलता है. हैकर, हैकिंग के लिए खोले गए खातों के हैंडलर और लाभार्थी खातों के हैंडलर. तीन मॉड्यूल एक दूसरे के साथ समन्वय करते हैं. हैकिंग और मनी ट्रांसफर को आसान बनाते हैं.

पुलिस आयुक्त ने कहा कि अब तक की जांच से पता चला है कि हैकर और उनका मुख्य सरगना भारत के बाहर स्थित हैं, ब्रिटेन और नाइजीरिया में सबसे अधिक संभावना है. और निकाली गई राशि को नाइजीरिया में स्थानांतरित कर दिया गया था. संभवतः हवाला या क्रिप्टो मुद्राओं के माध्यम से. इस मामले की तहकीकात में अब तक 58 लाख रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है.

यह भी पढ़ें-आंध्र प्रदेश में सिम स्वैपिंग कर साइबर ठगों ने उड़ाए लाखों रुपये, बरतें सावधानी

पीटीआई

हैदराबाद : एपी महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक से 12.48 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में अब तक चार नाइजीरिया नागरिक समेत 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. तेलंगाना पुलिस ने इसकी जानकारी बुधवार को मीडिया के साथ साझा किया है. बीते 24 जनवरी को कुछ अज्ञात हैकरों द्वारा चार खातों में शेष राशि को बदलकर पूरे भारत में 115 विभिन्न खातों में स्थानांतरित करने के संबंध में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था.

साइबर फोरेंसिक की जांच में पता चला कि हैकरों ने नवंबर 2021 के दौरान बैंक के कर्मचारियों को भेजे गए रिमोट एक्सेस ट्रोजन (आरएटी) वाले फ़िशिंग मेल (200 से अधिक भेजकर) के माध्यम से एपी महेश सहकारी शहरी बैंक की प्रणाली में प्रवेश किया. हैदराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने कहा कि एक बार जब मेल खुल जाते हैं और उस पर क्लिक करते हैं, तो RAT बैंक के कंप्यूटर में एम्बेड हो जाता है. RAT सॉफ्टवेयर के जरिए हैकर्स की बैंक के कंप्यूटरों तक एक्सेस मिली. बैंक की सभी सिस्टम आपस में जुड़ी हुई हैं इसलिए हैकर दूर से बैंक के कोर बैंकिंग सर्वर तक पहुंचने में सक्षम थे और जनवरी 2022 के दौरान उन्होंने चार खातों में शेष राशि को बदल दिया. चार खातों से इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से आरटीजीएस/एनईएफटी (RTGS/NEFT) लेनदेन किए गए और राशि को विभिन्न बैंकों के 115 विभिन्न बैंक खातों में और वहां से 398 विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया. पुलिस ने कहा कि अधिकांश लाभार्थी खाते दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और सात पूर्वोत्तर राज्यों में थे और बाद में पूरे भारत में 938 एटीएम से पैसे निकाले गए.

हालांकि साइबर अपराध पुलिस एटीएम से निकाले जाने से पहले 2,08,55,536 रुपये की राशि को फ्रीज करने में सफल रही, इसके अलावा 1,08,48,990 रुपये की राशि गलत होने के कारण एपी महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक को वापस कर दी गई. लाभार्थी विवरण के बारे में हैदराबाद पुलिस प्रमुख ने कहा कि जांच के तहत संदिग्धों को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया और उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया. चार बैंक खातों के इंटरनेट बैंकिंग के लिए आईपी लॉग मिले और पाया कि आईपी एड्रेस (IP address) संयुक्त राज्य अमेरिका/कनाडा/रोमानिया को इंगित करने वाले स्थानों के साथ प्रॉक्सी थे. हैकरों ने बिहार स्थित एक कंपनी की वीपीएन सेवाओं का इस्तेमाल किया और उन्हें प्रॉक्सी आईपी यूके के व्यक्तियों को आवंटित किए गए थे.

हैदराबाद पुलिस प्रमुख आनंद ने कहा कि अब तक की जांच में चार नाइजीरिया नागरिक (उनमें से एक को आज गिरफ्तार किया गया) सहित कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सभी इस साजिश में शामिल थे. जांच के बारे में बताते हुए पुलिस आयुक्त ने कहा कि पूरा ऑपरेशन एक दूसरे से स्वतंत्र विभिन्न मॉड्यूल में चलता है. हैकर, हैकिंग के लिए खोले गए खातों के हैंडलर और लाभार्थी खातों के हैंडलर. तीन मॉड्यूल एक दूसरे के साथ समन्वय करते हैं. हैकिंग और मनी ट्रांसफर को आसान बनाते हैं.

पुलिस आयुक्त ने कहा कि अब तक की जांच से पता चला है कि हैकर और उनका मुख्य सरगना भारत के बाहर स्थित हैं, ब्रिटेन और नाइजीरिया में सबसे अधिक संभावना है. और निकाली गई राशि को नाइजीरिया में स्थानांतरित कर दिया गया था. संभवतः हवाला या क्रिप्टो मुद्राओं के माध्यम से. इस मामले की तहकीकात में अब तक 58 लाख रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है.

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