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ज्योति मौर्या के शिक्षिका से समीक्षा अधिकारी बनने पर आलोक मौर्या ने पूरे स्कूल में बांटी थी मिठाई - ज्योति मौर्या व आलोक मौर्या विवाद

एसडीएम ज्योति मौर्या और आलोक मौर्या के बीच चल रहा विवाद (SDM jyoti maurya case) सुर्खियों में है. आए दिन मामले को लेकर बड़े खुलासे हो रहे हैं. दोनों का एक समय में इटावा से भी कनेक्शन रहा है.

एसडीएम ज्योति मौर्या
एसडीएम ज्योति मौर्या
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Published : Jul 20, 2023, 8:15 PM IST

Updated : Jul 20, 2023, 8:31 PM IST

इटावा के स्कूल में शिक्षिका थीं ज्योति मौर्या.

इटावा : एसडीएम ज्योति मौर्या और आलोक मार्या के रिश्तों में भले ही आज खटास है, लेकिन एक वक्त था जब दोनों संजीदगी से इस रिश्ते को निभा रहे थे. एसडीएम बनने से पहले ज्योति मौर्या इटावा के परिषदीय विद्यालय में प्रशिक्षु शिक्षिका थीं. वह यहां किराए के मकान में रहीं थीं. बाद में शिक्षिका से समीक्षा अधिकारी के पद पर चयन होने पर पति आलोक मौर्या ने पूरे स्कूल में मिठाई बांटी थी. ज्योति को पहली तैनाती इटावा में मिली थी. आलोक अक्सर स्कूल में उनसे मिलने के लिए भी आया करते थे.

आलोक अक्सर ज्योति से मिलने आते थे : जसवंत नगर के अजनोरा गांव स्थित परिषदीय विद्यालय में ज्योति मौर्या पढ़ाती थीं. इस स्कूल के मौजूदा समय के प्रधानाचार्य और उस दौरान के संकुल प्रभारी रहे जितेंद्र सिंह ने दोनों के रिश्ते पर खुलकर बात करने के साथ ही उस दौरान की कई जानकारियां ईटीवी भारत से साझा की. जितेंद्र सिंह ने बताया कि ज्योति ने बहुत मेहनत से यह मुकाम हासिल किया. जब ज्योति यहां टीचर थीं तो उनके पति आलोक मौर्य भी यहां आते थे. दोनों को देखकर कभी नहीं लगता था कि उनके बीच कोई विवाद होगा.

इसी स्कूल में एसडीएम ज्योति मौर्या कभी शिक्षिका हुआ करती थीं.
इसी स्कूल में एसडीएम ज्योति मौर्या कभी शिक्षिका हुआ करती थीं.

यह भी पढ़ें : एसडीएम ज्योति मौर्या की जेठानी भी ससुरालियों के खिलाफ, गांव की महिलाएं बोलीं- हो सकती है साजिश

आलोक भी थे पढ़ाई में होशियार : प्रधानाचार्य ने बताया कि ज्योति मौर्य 21 जनवरी 2015 से 2 नवंबर 2015 तक यहां तैनात रहीं. इसके बाद उनका चयन समीक्षा अधिकारी के रूप में हो गया. उनकी इस उपलब्धि के बाद पति आलोक मौर्या ने यहां आकर पूरे स्कूल में मिठाई बांटी थी. तब खुशी जाहिर करते हुए आलोक ने कहा था उन्हें पत्नी पर गर्व है. स्कूल में तैनात रहने के दौरान ज्योति ग्राम ककरई निवासी इसी विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक आदेश कुमार यादव के मकान में बतौर किराएदार रहीं थीं. इसके बाद जसवंत नगर के छिमारा मार्ग पर स्थित एक मकान में भी वह किराए पर रहीं थीं. वहीं आलोक मौर्या ने भी इटावा में अभय वीर स्मृति पीजी कॉलेज से 2015 में बीटीसी के लिए एडमिशन लिया था. बीटीसी डिपार्टमेंट के प्राचार्य विनय शर्मा ने बताया कि आलोक का स्वभाव काफी अच्छा था, वह पढ़ाई में भी होशियार थे.

यह भी पढ़ें : एक और ज्योति मौर्या, पति ने मजदूरी कर पढ़ाया, पुलिस की वर्दी मिलते ही पत्नी दिखाने लगी तेवर

इटावा के स्कूल में शिक्षिका थीं ज्योति मौर्या.

इटावा : एसडीएम ज्योति मौर्या और आलोक मार्या के रिश्तों में भले ही आज खटास है, लेकिन एक वक्त था जब दोनों संजीदगी से इस रिश्ते को निभा रहे थे. एसडीएम बनने से पहले ज्योति मौर्या इटावा के परिषदीय विद्यालय में प्रशिक्षु शिक्षिका थीं. वह यहां किराए के मकान में रहीं थीं. बाद में शिक्षिका से समीक्षा अधिकारी के पद पर चयन होने पर पति आलोक मौर्या ने पूरे स्कूल में मिठाई बांटी थी. ज्योति को पहली तैनाती इटावा में मिली थी. आलोक अक्सर स्कूल में उनसे मिलने के लिए भी आया करते थे.

आलोक अक्सर ज्योति से मिलने आते थे : जसवंत नगर के अजनोरा गांव स्थित परिषदीय विद्यालय में ज्योति मौर्या पढ़ाती थीं. इस स्कूल के मौजूदा समय के प्रधानाचार्य और उस दौरान के संकुल प्रभारी रहे जितेंद्र सिंह ने दोनों के रिश्ते पर खुलकर बात करने के साथ ही उस दौरान की कई जानकारियां ईटीवी भारत से साझा की. जितेंद्र सिंह ने बताया कि ज्योति ने बहुत मेहनत से यह मुकाम हासिल किया. जब ज्योति यहां टीचर थीं तो उनके पति आलोक मौर्य भी यहां आते थे. दोनों को देखकर कभी नहीं लगता था कि उनके बीच कोई विवाद होगा.

इसी स्कूल में एसडीएम ज्योति मौर्या कभी शिक्षिका हुआ करती थीं.
इसी स्कूल में एसडीएम ज्योति मौर्या कभी शिक्षिका हुआ करती थीं.

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आलोक भी थे पढ़ाई में होशियार : प्रधानाचार्य ने बताया कि ज्योति मौर्य 21 जनवरी 2015 से 2 नवंबर 2015 तक यहां तैनात रहीं. इसके बाद उनका चयन समीक्षा अधिकारी के रूप में हो गया. उनकी इस उपलब्धि के बाद पति आलोक मौर्या ने यहां आकर पूरे स्कूल में मिठाई बांटी थी. तब खुशी जाहिर करते हुए आलोक ने कहा था उन्हें पत्नी पर गर्व है. स्कूल में तैनात रहने के दौरान ज्योति ग्राम ककरई निवासी इसी विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक आदेश कुमार यादव के मकान में बतौर किराएदार रहीं थीं. इसके बाद जसवंत नगर के छिमारा मार्ग पर स्थित एक मकान में भी वह किराए पर रहीं थीं. वहीं आलोक मौर्या ने भी इटावा में अभय वीर स्मृति पीजी कॉलेज से 2015 में बीटीसी के लिए एडमिशन लिया था. बीटीसी डिपार्टमेंट के प्राचार्य विनय शर्मा ने बताया कि आलोक का स्वभाव काफी अच्छा था, वह पढ़ाई में भी होशियार थे.

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Last Updated : Jul 20, 2023, 8:31 PM IST
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