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देश हित में सभी धर्मनिरपेक्ष क्षेत्रीय पार्टियां एकजुट होगी तो अच्छा होगा : देवेगौड़ा - all secular regional parties should unite

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा (H D Deve Gowda) ने कहा कि कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों से एकजुटता का आह्वान किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कांग्रेस को लेकर बड़ा बयान दिया है. जानिए देवगौड़ा ने क्या कहा.

H D Deve Gowda
देवेगौड़ा
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Published : Mar 12, 2022, 7:02 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 7:25 PM IST

बेंगलुरु : जद (एस) के नेता एचडी देवेगौड़ा ने शनिवार को कहा कि यह अच्छा होगा अगर कांग्रेस एवं सभी क्षेत्रीय दल देशहित के लिए एकजुट हों. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उनकी भाजपा का विस्तार पूरे देश में करने की प्रतिबद्धता को लेकर भी प्रशंसा की. देवेगौड़ा ने इस दौरान मोदी के गुजरात दौरे को रेखांकित किया जहां पर इस साल के अंत में चुनाव होने है और पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के ठीक बाद वह गए हैं. उन्होंने इसी तरह की गुणवत्ता की उम्मीद अपनी पार्टी के नेताओं से और कार्यकर्ताओं से की.

सुनिए देवगौड़ा ने क्या कहा

पूर्व प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'मेरे सामने केवल एक एजेंडा है और वह है मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में कैसे अपनी पार्टी को बचाऊं और पोषित करूं. आज कांग्रेस की स्थिति क्या है? वह कुछ इलाकों में क्षेत्रीय पार्टी की तरह सिमट गई है. यह अच्छा होगा अगर कांग्रेस और सभी धर्मनिरपेक्ष क्षेत्रीय पार्टियां राष्ट्रहित में एकजुट हों.'

देवेगौड़ा ने रेखांकित किया है कि उन्होंने इस संबंध में फैसला दलों के नेताओं पर छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के वर्ष 2018 में हुए शपथ ग्रहण समारोह के दौरान छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों और 15 दलों के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश की थी, लेकिन वह असफल रही और वह दूसरी बार इस तरह की कोशिश करने के बारे में नहीं सोचेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता की तारीफ की
पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर बोलते हुए जद (एस) सुप्रीमो गौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपनी पार्टी का पूरे देश में विस्तार करने की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, 'यह जीत (पांच में से चार राज्यों में) उनकी (मोदी) की है. नतीजों के तुरंत बाद वह गुजरात चले गए और दो दिन वहां रहेंगे. देश के सभी क्षेत्रों में पार्टी के विस्तार की उनकी यह इच्छा और प्रतिबद्धता है. मैंने टीवी पर देखा वह कई बैठकें और कार्यक्रम कर रहे हैं. हम में भी ऐसा ही भाव होना चाहिए.'

उन्होंने टिप्पणी की कि वह या कुमारस्वामी उपलब्धि नहीं हासिल कर सकते. देवेगौड़ा ने कहा कि जद (एस) के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'मेरा मकसद केवल अपनी पार्टी को राज्य में बचाना है...इस संबंध में मैंने रणनीति बनाने के लिए 30 मार्च को बेंगलुरु के पैलेस मैदान में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है.'

बताया पंजाब में क्यों हारी कांग्रेस
देवेगौड़ा ने इसके साथ ही कहा कि वर्ष 2023 के राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह हर महीने दो जिलों का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आंतरिक विवाद को सुलझाने में अक्षमता और सभी को एकसाथ ले चलने में नाकामी से पंजाब में उसे हार मिली और आम आदमी पार्टी को लाभ हुआ. वर्ष 2023 में होने वाले चुनाव से पहले किसी गठबंधन से इनकार करते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी दोनों राष्ट्रीय दलों के खिलाफ चुनाव लड़ेगी.

उन्होंने कहा, 'एक समय देश पर शासन करने वाली पार्टी, जलन, असंयम और कई अन्य कारणों से आज की स्थिति में है. उसके भीतर के लोग कन्नड भाषी के प्रधानमंत्री बनने को बर्दाश्त नहीं कर सकते. मैं कोई नाम नहीं लेना चाहता लेकिन मैं लोगों के पास अपने काम के साथ जाऊंगा.'

पढ़ें- राजनीतिक पार्टियां जो बीजेपी से लड़ना चाहती हैं, उन्हें साथ चलना चाहिए : सीएम ममता

पढ़ें- सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ संघर्ष में केसीआर को पूर्व पीएम देवगौड़ा का समर्थन

पढ़ें- होयसला मंदिर का विश्व विरासत सूची के लिए नामांकन, पूर्व पीएम देवगौड़ा ने दिया मोदी को धन्यवाद

बेंगलुरु : जद (एस) के नेता एचडी देवेगौड़ा ने शनिवार को कहा कि यह अच्छा होगा अगर कांग्रेस एवं सभी क्षेत्रीय दल देशहित के लिए एकजुट हों. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उनकी भाजपा का विस्तार पूरे देश में करने की प्रतिबद्धता को लेकर भी प्रशंसा की. देवेगौड़ा ने इस दौरान मोदी के गुजरात दौरे को रेखांकित किया जहां पर इस साल के अंत में चुनाव होने है और पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के ठीक बाद वह गए हैं. उन्होंने इसी तरह की गुणवत्ता की उम्मीद अपनी पार्टी के नेताओं से और कार्यकर्ताओं से की.

सुनिए देवगौड़ा ने क्या कहा

पूर्व प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'मेरे सामने केवल एक एजेंडा है और वह है मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में कैसे अपनी पार्टी को बचाऊं और पोषित करूं. आज कांग्रेस की स्थिति क्या है? वह कुछ इलाकों में क्षेत्रीय पार्टी की तरह सिमट गई है. यह अच्छा होगा अगर कांग्रेस और सभी धर्मनिरपेक्ष क्षेत्रीय पार्टियां राष्ट्रहित में एकजुट हों.'

देवेगौड़ा ने रेखांकित किया है कि उन्होंने इस संबंध में फैसला दलों के नेताओं पर छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के वर्ष 2018 में हुए शपथ ग्रहण समारोह के दौरान छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों और 15 दलों के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश की थी, लेकिन वह असफल रही और वह दूसरी बार इस तरह की कोशिश करने के बारे में नहीं सोचेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता की तारीफ की
पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर बोलते हुए जद (एस) सुप्रीमो गौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपनी पार्टी का पूरे देश में विस्तार करने की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, 'यह जीत (पांच में से चार राज्यों में) उनकी (मोदी) की है. नतीजों के तुरंत बाद वह गुजरात चले गए और दो दिन वहां रहेंगे. देश के सभी क्षेत्रों में पार्टी के विस्तार की उनकी यह इच्छा और प्रतिबद्धता है. मैंने टीवी पर देखा वह कई बैठकें और कार्यक्रम कर रहे हैं. हम में भी ऐसा ही भाव होना चाहिए.'

उन्होंने टिप्पणी की कि वह या कुमारस्वामी उपलब्धि नहीं हासिल कर सकते. देवेगौड़ा ने कहा कि जद (एस) के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'मेरा मकसद केवल अपनी पार्टी को राज्य में बचाना है...इस संबंध में मैंने रणनीति बनाने के लिए 30 मार्च को बेंगलुरु के पैलेस मैदान में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है.'

बताया पंजाब में क्यों हारी कांग्रेस
देवेगौड़ा ने इसके साथ ही कहा कि वर्ष 2023 के राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह हर महीने दो जिलों का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आंतरिक विवाद को सुलझाने में अक्षमता और सभी को एकसाथ ले चलने में नाकामी से पंजाब में उसे हार मिली और आम आदमी पार्टी को लाभ हुआ. वर्ष 2023 में होने वाले चुनाव से पहले किसी गठबंधन से इनकार करते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी दोनों राष्ट्रीय दलों के खिलाफ चुनाव लड़ेगी.

उन्होंने कहा, 'एक समय देश पर शासन करने वाली पार्टी, जलन, असंयम और कई अन्य कारणों से आज की स्थिति में है. उसके भीतर के लोग कन्नड भाषी के प्रधानमंत्री बनने को बर्दाश्त नहीं कर सकते. मैं कोई नाम नहीं लेना चाहता लेकिन मैं लोगों के पास अपने काम के साथ जाऊंगा.'

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Last Updated : Mar 12, 2022, 7:25 PM IST

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