नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र से पहले दिल्ली में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार मानसून सत्र में नियमों के तहत अनुमति प्राप्त और सभापति द्वारा अनुमोदित हर मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि सत्र के लिए 32 विधायी मुद्दे हैं. इस साल विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा और विपक्षी पार्टियों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप तेज कर दिए हैं. ऐसे में संसद सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल महंगाई और जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मुद्दों के अलावा मणिपुर संकट पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. पिछला सत्र भी लगातार विपक्ष के विरोध-प्रदर्शन की भेंट चढ़ गया था.
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VIDEO | All-party meeting underway in Delhi ahead of Parliament Monsoon Session that begins tomorrow. pic.twitter.com/yWnxtFIWmi
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कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "हमारा (विपक्षी दलों से) बस एक अनुरोध है, कृपया विपक्षी दलों को (मानसून) सत्र में अपने मुद्दे उठाने की अनुमति दें." ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने मानसून सत्र से एक दिन पहले बुधवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विधायिका में महिला आरक्षण के प्रावधान वाले विधेयक को संसद से मंजूरी दिलाने और ओडिशा को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग की. सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, "हमें संघीय ढांचे के मुद्दे पर बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए, चाहे वह दिल्ली हो, पंजाब हो या कर्नाटक हो."
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VIDEO | "Government is ready to discuss the Manipur situation (in the Parliament) as per the rules and regulations," says Parliamentary Affairs Minister @JoshiPralhad after the all-party meeting ahead of Parliament Monsoon Session that begins tomorrow. pic.twitter.com/SCE8k6A5JF
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जानकारी के मुताबिक, सरकार ने बुधवार को कहा कि वह 20 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में नियमों के तहत ऐसे सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है जिनकी स्वीकृति आसन से मिल जाती है. संसद के मानसून सत्र में सुचारू कामकाज के लिए चर्चा करने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों में सभी राजनीतिक दलों के नेता भाग ले रहे हैं. संसदीय ग्रंथालय भवन में हो रही बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए. बैठक में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने भाग लिया.
हरसिमरत कौर बादल ने संवाददाताओं से कहा कि लोगों का पैसा बर्बाद नहीं होना चाहिए और सदन में कामकाज चलना चाहिए. सूत्रों ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गयी कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार है. संसद के सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जिसमें विभिन्न दल अपने मुद्दों को रखते हैं. इस बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्री शामिल होते हैं.
सर्वदलीय बैठक के बाद बीजद के राज्यसभा सदस्य सस्मित पात्र ने संवाददाताओं को बताया कि उनकी पार्टी ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की मांग की जिसे कई दलों का समर्थन मिला जिनमें वाईएसआर कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति और वाम दल शामिल हैं. पात्र ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार की योजना के तहत गरीबों के लिए लंबित सात लाख से अधिक मकान के निर्माण तथा संविधान की आठवीं अनुसूचि में 'हो', 'मुंदारी' और 'भूमिज' को शामिल किये जाने की मांग भी रखी.
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को होगी. सत्र 11 अगस्त तक चलना प्रस्तावित है. इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं. संसद के मानसूत्र सत्र के दौरान सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नये विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए शामिल किया गया है. इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है. यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा. आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है. वहीं, कांग्रेस ने सत्र के दौरान मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, संघीय ढांचे पर कथित आक्रमण, जीएसटी को पीएमएलए के दायरे में लाने और महंगाई पर चर्चा कराने की मांग पर जोर देने की बात कही है.
इधर, संसद के मानसून सत्र के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक की. जिसमें विपक्षी दलों ने मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में मणिपुर हिंसा, यूसीसी, महंगाई और उत्तर भारत में आये भयानक बाढ़ सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की. वहीं, भाजपा की तरफ से भी बंगाल हिंसा पर चर्चा कराने की मांग की गई. सरकार की तरफ से नियमानुसार हर मुद्दे पर चर्चा का आश्वासन दिया गया.
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लोक सभा अध्यक्ष बिरला की अध्यक्षता में हुई बीएसी की बैठक में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, अनुप्रिया पटेल, अधीर रंजन चौधरी, डीएमके से टीआर बालू, एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी, बीजेडी से पिनाकी मिश्रा, सपा से एसटी हसन, टीआरएस से एन. नागेश्वर राव, शिवसेना (शिंदे गुट) से राहुल शिवाले और अकाली दल से हरसिमरत कौर बादल सहित कई अन्य दलों के नेता भी मौजूद रहे. बता दें कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने जा रहा है और यह 11 अगस्त तक चलेगा.
(अतिरिक्त इनपुट-एंजेसी)