लखनऊ: मोहम्मद अली जिन्ना यूपी की राजनीति में फिर से प्रासंगिक हो गए हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिन्ना की बराबरी सरदार पटेल से कर दी थी, जिसके बाद भाजपा ने उन पर तीखे तेवर अख्तियार किए थे.
वहीं, एक बार फिर जब अखिलेश यादव से उनके जिन्ना को लेकर दिए गए बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे अब भी अपने बयान पर अडिग हैं. ऐसे में एक बार फिर भाजपा ने भी पलटवार करना शुरू कर दिया है.
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने पिछले सप्ताह हरदोई में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस देश के स्वतंत्रता आंदोलन में जिन्ना, सरदार पटेल व अन्य लोगों का योगदान है और सभी ने एक जगह से वकालत की पढ़ाई की थी.
उनके इस बयान पर काफी बवाल मचा था. इसके बाद अखिलेश ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम को संबोधित करने के उपरांत मीडियाकर्मियों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वे अब भी जिन्ना वाले अपने बयान पर अडिग हैं. वहीं, जिनको इस बात को समझना है उनको इतिहास पढ़ने की जरूरत है.
वहीं, भाजपा की ओर से हमला करते हुए कहा गया कि भारत-पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान के जीतने पर पटाखा फोड़ने वाले समुदाय विशेष को वोट बैंक मानने वाले अखिलेश यादव जिन्ना के महिमामंडन में जुटे हैं.
लेकिन अखिलेश यादव को यह महिमामंडन भारी पड़ेगा. क्योंकि देश मोहम्मद अली जिन्ना को खलनायक मानता था और खलनायक ही मानेगा.
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